सुषमा स्वराज: 1 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स वाली ट्विटर मसीहा, जो एक भी व्यक्ति को फॉलो नहीं करती थीं

जो ट्रोल करने वालों, गाली देने वालों को भी जवाब देने का वक़्त निकालती थीं.

19 अगस्त 2016 को जय्प्रताप नाम के एक आदमी ने ट्वीट किया. सुबह के 11 बजे के करीब. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को टैग करके. उसने मदद मांगी. कहा,

‘मेरे पिता को 30 जून से लेकर अब तक दो दौरे पड़ चुके हैं. वो क़तर में अकेले हैं. पिछले एक महीने से उन्हें होश नहीं है. ये बेहद ज़रूरी है कि मेरी मां उनके पास चली जाएं. लेकिन उनका क़तर का वीज़ा अटका हुआ है. प्लीज मदद करिए मैम.’

जयप्रताप नॉएडा में थे. उनकी मां चेन्नई में. एक बेटा अपनी मां को अपने पिता के पास पहुंचाने के लिए मदद मांग रहा था.

23 अगस्त 2016 को रात के दस बजे के करीब सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके कहा,

‘तुम्हारी मां के क़तर वीज़ा का इंतजाम हो गया है. तुम्हारे पिता के जल्द ठीक होने के लिए मैं प्रार्थना करती हूं.’

भारत की विदेश मंत्री के लिए सोशल मीडिया तारीफ से भर गया था. लेकिन ये पहली बार नहीं था जब सुषमा ने एक विदेश मंत्री के तौर पर आगे बढ़कर किसी नागरिक के साथ संपर्क स्थापित किया हो. एक ऐसी विदेश मंत्री, जिन्हें कोई भी ट्वीट कर सकता था, और वो सुनती थीं.

वो सुषमा स्वराज, जो अब हमारे बीच नहीं रहीं.

श्रीमती सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात निधन हो गया. ख़बरों के अनुसार उन्हें देर रात एम्स में लाया गया था. उन्हें दिल का दौरा पड़ा था.

अम्बाला कैंट, हरियाणा में 14 फरवरी 1953 को जन्मीं सुषमा शर्मा ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी. जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में उन्होंने भाग लिया था. सात बार सांसद रहीं. 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. ये बात और है कि वो सरकार चली नहीं और दिसंबर में ही उन्हें इस पद से हटना पड़ा. स्वराज कौशल से शादी के बाद उन्होंने अपना नाम सुषमा स्वराज किया, और इसी नाम से जानी गईं. कहने के लिए सौ बातें हैं. उनका राजनैतिक करियर काफी लंबा था. अभी हाल में ही जब 2014 के इलेक्शंस हुए थे तो मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से उन्होंने 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. इस बार के लोकसभा चुनाव जो 2019 में हुए, उसमें उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भाग नहीं लिया था.

जिस बात के सुषमा स्वराज को सबसे ज्यादा याद रखा जाएगा, वो है विदेश मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल. 26 मई 2014 से लेकर 30 मई 2019 तक उन्होंने ये कार्यभार संभाला. इस दौरान बहुत से ऐसे वाकये हुए जब सुषमा स्वराज ने लोगों का दिल जीता. ट्विटर पर उनके लगभग 13 मिलियन यानी 1.3 करोड़ फॉलोअर्स थे. कई  मौकों पर सुषमा स्वराज ने सोशल मीडिया के ज़रिए शिकायतों का संज्ञान लिया. उन्हें दूर करने की कोशिश की. कंट्रोवर्सी से दामन बचा नहीं पाईं, लेकिन उनके विरोधी भी उनका सम्मान करते थे. बताते हैं उनके कुछ सबसे यादगार किस्से, जिन्होंने उन्हें सोशल मीडिया पर बेहद प्यार दिलाया.

जब सीमा से परे हाथ बढ़ाकर की मदद 

पाकिस्तान की एक महिला निदा शोएब ने ट्वीट करके सुषमा स्वराज से गुजारिश की. उनकी छोटी सी सात साल की बच्ची की ओपन हार्ट सर्जरी करवानी थी. अगस्त 2017 में उसके लिए वीजा अप्लाई किया था. लेकिन जब सितम्बर तक कुछ नहीं हुआ तो निदा ने ट्वीट करके सुषमा स्वराज से मदद मांगी. सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया उन्हें. लेकिन सुषमा सुन रही थीं. 26 सितम्बर को की गई इस गुजारिश का नतीजा ये हुआ कि 27 सितम्बर को वीज़ा और पासपोर्ट दोनों ही अरेंज करके भेज दिए गए.

इसके बाद सुषमा ने ट्वीट करके बताया कि इंतजाम हो गया है. बदले में निदा की उस छोटी सी बेटी ने वीडियो में सुषमा को थैंक्यू भी कहा. 

 

 

2015 में चेन्नई में भयंकर बाढ़ आई थी. तब उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि जिनके भी पासपोर्ट बह गए हों, वो चेन्नई के पासपोर्ट सेवा केन्द्रों में जाकर बनवा सकते हैं. उनसे कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. उनकी इस छोटी सी पहल ने कईयों को ढाढ़स बंधाया.

गीता नाम की एक मूक-बधिर लड़की गीता को भारत लौट आने में मदद की. 2015 का ये मामला बहुत हाईलाईट हुआ था. गीता जब सैट या आठ साल की थी, तब पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे समझौता एक्सप्रेस पर पाया था. उसके बाद अब्दुल सत्तार एधी के एधी फाउंडेशन ने गीता का ख्याल रखा. जब तक वो भारत ना लौट आई. स्वराज ने उसे भारत की बेटी कहा. और ये भी कहा कि अगर उसके माता-पिता नहीं भी मिलते तो भारत की सरकार उसका ख्याल रखेगी.

sushma-geeta_080719083801.jpgगीता के मामले ने न सिर्फ भारत में मीडिया का ध्यान खींचा, बल्कि अब्दुल सत्तार एधी के फाउंडेशन के बारे में भी लोग जान पाए. तस्वीर: इंडिया टुडे

55 साल की सुखवंत कौर को एक एजेंसी ने तथाकथित रूप से बेवकूफ बनाकर दुबई भेज दिया था. सुखवंत से कहा गया था कि वो वहां पर डोमेस्टिक हेल्प के तौर पर जा रही हैं. लेकिन वहां एक महीने काम करने के बाद जब उन्होंने अपने पैसे मांगे, तो उनसे ये कहा गया कि उन्हें बेच दिया गया है. सुखवंत ने अपने पति से ये सारी बात कह सुनाई. और उनके पति मिनिस्ट्री और एक्सटर्नल अफेयर्स के पास गुहार लगाने पहुंचे. सुषमा स्वराज ने मामला देखा, और सुखवंत को भारत वापस ले आईं. इस मामले ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई.

 

दिल खोलकर जवाब दिया, ट्रोल्स को भी 

सुषमा सिर्फ मदद करने के लिए ही नहीं जानी गईं. उनके विटी रिमार्क्स भी लोगों को खूब पसंद आते थे. एक बार एक ट्विटर यूजर ने उनसे कहा कि वो मार्स पर अटक गया है, उसे मदद चाहिए. सुषमा ने फटाक से उसे जवाब दिया.

‘अगर तुम मार्स पर भी अटक गए हो, वहां की भारतीय एम्बेसी तुम्हारी मदद करेगी’.

हाल में ही मार्च में किसी ने उनसे सवाल पूछा ट्विटर पर कि आप अपने आप को चौकीदार क्यों कहती हैं, सुषमा ने जवाब दिया, क्योंकि मैं भारत के लोगों के इंटरेस्ट और विदेश में बसे भारतीयों की चौकीदारी कर रही हूं. इस पर किसी ने ट्वीट करके कहा कि ये निश्चित रूप से सुषमा ट्वीट नहीं कर रही हैं. कोई पब्लिक रिलेशंस वाला बंदा है जो ये सब कर रहा है और उसे इसके पैसे मिल रहे हैं.

सुषमा ने एक जवाब में उसकी बोलती बंद कर दी.

कहा,

बेफिक्र रहें, ये मैं ही हूं, मेरा भूत नहीं.

सुषमा ने अपने निधन से पहले साढ़े सात बजे के करीब एक ट्वीट किया था. ट्वीट में लिखा था,

प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.

ये बात उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खंडों के हटने के संदर्भ में कही थी.

हाल में ही मांगे राम गर्ग नाम के बीजेपी नेता की मृत्यु के बाद उन्होंने ट्वीट करके शोक जताया. मांगे राम गर्ग दिल्ली बीजेपी के प्रेसिडेंट और विधायक रह चुके थे. इस पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 

आपकी भी बहुत याद आएगी एक दिन शीला दीक्षित जी की तरह अम्मा. 

sush-demise_080719083900.jpgतस्वीर: ट्विटर

सुषमा ने ट्वीट करके जवाब दिया, 

इस भावना के लिए आपको मेरा अग्रिम धन्यवाद. 

बाद में ये ट्वीट गायब हो गया.

तेरह मिलियन फॉलोअर्स, लेकिन फॉलो एक भी नहीं

सुषमा स्वराज के ट्विटर पर तेरह मिलियन फॉलोअर्स थे. लेकिन उन्होंने एक भी अकाउंट फॉलो नहीं कर रखा था. ऐसा उनकी ट्विटर प्रोफाइल पर दी गई जानकारी बताती है.

sush-follow_080719083929.jpgतस्वीर: ट्विटर

अपने जीवन में जिस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थीं, सुषमा स्वराज, वो दिन देखते ही चली जाएंगी ये किसे पता था. ट्विटर पर, और देश के दिल में एक खाली जगह छोड़ गईं.

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देखें वीडियो:

 

 

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