इस विदेशी कंपनी ने प्रोडक्ट बेचने के लिए कमाल का लीचड़पन किया, सोशल मीडिया पर नप गए
औरतों से बड़े ब्रेस्ट्स का वादा कर उन्हें हीन भावना और असुरक्षा का भाव बेचा जा रहा है.

चीन में एक एड चल रहा है. इस एड में लड़कियां नारियल दूध के एक ब्रैंड का एड करती हुई दिख रही हैं. इस एड का क्लेम ये है कि इस नारियल दूध को पीकर उनके स्तन बड़े हो जाएंगे. एड में दिख रही लड़की ये भी कहती है, ‘I drank from small to big’. ब्रैंड है कोकोनट पाम.
यही नहीं, इसका एड महिलाओं को ‘सफ़ेद, नाज़ुक, और बड़े स्तन वाली’ बनाने की बात कहता है. चीन में सफ़ेद रंग को लेकर बहुत तगड़ा ऑब्सेशन है. वहां लड़कियां अपने आप को सफ़ेद रंग से पोत लेती हैं ताकि जितनी सफेद दिख सकें, दिखें.
तस्वीर: फेसबुक
स्तनों के साइज़ को लेकर इस तरह के विज्ञापन चीन में ही नहीं दिखाई देते. अपने देश में अखबारों से लेकर मैगजीनों और दीवारों तक, ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ाने वाले क्रीम के विज्ञापन आपको देखने को मिल जाएंगे. ये बताते हैं कि आपके लिए सुडौल स्तन कितना मायने रखते हैं. किसी भी नारी के लिए उसकी छातियां बड़ी और सुन्दर होना कितना ज़रूरी है. मार्केट का पहला उसूल यहां काम करता हुआ दिखाई देता है. एक ज़रूरत क्रिएट करते हुए. अब इसको पूरा करने के लिए आते हैं बाज़ार में. जहां मिलते हैं इम्प्लांट. और होती है ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरी. बेचे जाते हैं उभार लाने वाले अंडरवियर. कैप्सूल्स जिनको खाने पर आपका शरीर वैसा हो जाएगा जैसा मर्द ‘सुंदर’ समझते हैं. ‘अट्रैक्टिव’ समझते हैं.
चीन में इस एड पर बवाल मचा हुआ है. लोग सवाल कर रहे हैं कि भई ये क्या तरीका है. इस पर जब कंट्रोवर्सी बढ़ी, तो कोकोनट पाम की तरफ से एक इम्प्लॉई ने कहा, कि इस टैगलाइन का मतलब है कि इन लड़कियों ने बचपन से कोकोनट पाम पिया है. इसलिए कह रही हैं, ‘स्मॉल टू बिग’. लेकिन्ये तो सीधे सीधे बेवकूफ बनाना हुआ. इनके एड की विडियोज में औरतें गहरे गले वाले टॉप पहनकर भागती हैं. उछलती हैं तो इनके स्तनों पर फोकस किया जाता है. और फिर कहा जा रहा है कि ये तो बचपन के बारे में है? ये हद बेहूदगी नहीं तो और क्या है. खुद ही देख लें.
हैकोऊ शहर के लॉन्गहुआ डिस्ट्रिक्ट में इस मामले पर जांच शुरू हो चुकी है, ऐसा कहा जा रहा है. कोकोनट पाम ने अपने बचाव में ये कहा है कि पहले एक स्टडी हो चुकी है. इस स्टडी में ये पता चला कि उनकी ड्रिंक पीकर महिलाओं के स्तनों का आकार बढ़ जाता है. लेकिन इसमें भी उन्होंने कहा कि लोगों के ‘ओपिनियंस’ अलग अलग हैं. इसका जो भी मतलब होता हो.
2017 में भी ये मुद्दा उठा था, क्योंकि कोकोनट पाम वाले ये काम काफी टाइम से करते आ रहे हैं. तब उन्होंने कहा था कि हांगकांग के एक अखबार में एक रिपोर्ट छपी थी. 1997 में. इस रिपोर्ट में ये कहा गया था कि कोकोनट मिल्क पीने से महिलाओं के स्तनों का साइज़ बढ़ जाता है. लेकिन तब से लेकर अब तक 20 साल से ऊपर हो गए, कम्पनी ने इसे कन्फर्म करने के लिए कोई टेस्ट वगैरह नहीं किया.
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चीज़ें बेचने के लिए महिलाओं के शरीर का सहारा लिया जाता है. मर्दों की चीज़ें बेचने के लिए महिलाओं के शरीरों का सहारा लिया जाता है. महिलाओं के शरीर की चीज़ें मर्दों की नज़र के लिए बेचीं जाती हैं. ये ब्रा पहनो, लड़के खिंचे चले आएंगे. ये लिपस्टिक लगाओ, कम्पनी का CEO पट जाएगा. ये रेजर चलाओ, बॉयफ्रेंड को तुम्हारी स्किन स्मूद लगेगी. ये लोशन लगाओ, तुम्हारे पति को तुम्हें हग किए रहने का मन करेगा.
और फिर लोग पूछते हैं कि 2019 में भी फेमिनिज्म की ज़रूरत क्यों है.
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