क्या है जीरो बैलेंस अकाउंट, जिसपर RBI अब ज्यादा सुविधाएं दे रहा है

इसपर सेविंग अकाउंट जैसी ही सुविधाएं होंगी, लेकिन मिनिमम बैलेंस न होने पर पैसा भी नहीं कटेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

आप बैंक में अकाउंट खुलवाती हैं. उसके लिए पैसे जमा करती हैं. सेविंग या करंट अकाउंट है, तो मिनिमम अकाउंट बैलेंस रखना होता है. अगर खाते में मिनिमम बैलेंस न रहे तो पैसे कटते हैं. फाइन के रूप में. लेकिन क्या आप जानती हैं, आपके पास जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने का भी एक ऑप्शन है. जीरो बैलेंस अकाउंट में अब पहले से ज्यादा सुविधाएं भी मिलती हैं. क्योंकि RBI ने हाल ही में जीरो बैलेंस अकाउंट को लेकर नए रूल्स जारी किए हैं.

क्या है RBI

सबसे पहले तो ये समझ लें कि RBI क्या है. RBI यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत का सबसे इंपोर्टेंट बैंक है. लेकिन वहां किसी के अकाउंट नहीं खुलते. RBI देशभर के सरकारी और प्राइवेट बैंकों के लिए नियम-कायदे बनाता है. जैसे बैंक से जुड़े नियम, ग्राहकों से जुड़े नियम, नई सुविधाएं, ब्याज दर वगैरह. इस बार RBI ने जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट को लेकर नए रूल बनाए हैं. वहीं जिन नोटों का इस्तेमाल हम करते हैं उन्हें भी आरबीआई ही छापता है. 

जीरो बैलेंस अकाउंट क्या है-

सबसे पहले ये तो जान लें कि जीरो बैलेंस अकाउंट क्या है. जीरो बैलेंस अकाउंट होता तो सेविंग अकाउंट ही है. लेकिन इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की कोई टेंशन नहीं होती है. ज्यादातर स्टूडेंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट और जनधन के तहत जो अकाउंट खुले हैं वो सब जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट है. बैंक की भाषा में इसे BSBDA (बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजिट अकाउंट) कहा जाता है. 

बैंक में अलग-अलग सुविधाओं के साथ कई अकाउंट होते हैं, जैसे करेंट अकाउंट, सेविंग अकाउंट, प्रीमियम अकाउंट वगैरह. जिन्हें इस लिंक पर क्लिक करके समझें. 

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जीरो बैलेंस अकाउंट और बाकी खातों में क्या अंतर है-

एक सामान्य बचत खाता खोलते समय आपको 500 रुपये से 1000 रुपये तक जमा करने पड़ते हैं.  इसके अलावा आपको 1000 से 5000 रुपये तक अपने अकाउंट में रखना जरूरी होता है. अकाउंट में मिनिमम कितने पैसे रखने हैं, ये इस पर डिपेंड करता है कि आपका ब्रांच गांव में है, कस्बे में है या किसी मेट्रो सिटी में है. 

जीरो बैलेंस अकाउंट फ्री में खुल जाता है. और जैसा कि नाम से ही साफ है, इसमें मिनिमम बैलेंस रखने का कोई झंझट नहीं होता है. नॉर्मल बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न होने पर बैंक ग्राहक पर जुर्माना लगाते हैं. लेकिन जीरो बैलेंस सेविंग्स अकाउंट पर यह नियम लागू नहीं होता.

जीरो बैलेंस अकाउंट कौन-कौन खोल सकता है-

जीरो बैलेंस अकाउंट कोई भी खोल सकता है. स्टूडेंट, हाउस वाइफ, वर्किंग महिलाएं और पुरुष, पेशेवर लोग.

लेकिन अब RBI ने जीरो बैलेंस अकाउंट को लेकर नए निर्देश दिए हैं. ये सभी सुविधाएं 1 जुलाई 2019 से लागू की जाएंगी.

हमने इस बारे में एसबीआई की जबलपुर ब्रांच में मैनेजर से बात की. उन्होंने जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट को लेकर RBI के नए नियम बताए.

  • नए नियम के मुताबिक जीरो बैलेंस अकाउंट में ग्राहक को चैक बुक मिलेगी. जो पहले नहीं मिलती थी.
  • इसके अलावा एटीएम से एक महीने में चार बार पैसे निकाले जा सकेंगे. पहले यह लिमिट कम थी.
  • साथ ही अब लोग अपने अकाउंट में महीने में कितनी कितने भी रुपये जमा कर सकते हैं. इसे लेकर सीमा हटा दी है.

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जीरो बैलेंस अकाउंट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें-

- अगर किसी बैंक में आपका जीरो बैलेंस अकाउंट है, तो उसमें आप सेविंग अकाउंट नहीं खोल सकते हैं. जीरो बैलेंस अकाउंट बंद करने के 30 दिनों के बाद ही सेविंग अकाउंट खोला जा सकता है.

- हां, आप जीरो बैलेंस अकाउंट को नॉर्मल सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट जरूर करवा सकते हैं. इसके लिए कोई एक्स्ट्रा फीस नहीं लगेगी. लेकिन कन्वर्ट होने के बाद मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेंटेन करना होगा.

- जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट को बंद कराने के लिए ग्राहकों को कोई भी फीस नहीं देनी होती है.

- जॉइंट अकाउंट जीरो बैलेंस वाले नहीं खुलते हैं.

- जीरो बैलेंस अकाउंट में महीने में चेक जारी करने की सीमा होती है.

- जीरो बैलेंस अकाउंट और नॉर्मल सेविंग अकाउंट की ब्याज दर में कोई अंतर नहीं होता है.

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