बदलती नौकरियों की वजह से अगर ज्यादा बैंक अकाउंट खुल गए हैं तो ऐसे बंद कराएं
अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर बैंक कई बार ग्राहक पर जुर्माना लगा देते हैं.
आप अगर काम करती हैं और प्रायवेट जॉब में हैं, तो कई कंपनियां बदल चुकी होंगी. कोई दिक्कत नहीं है, सभी प्रायवेट इम्प्लॉयी ऐसा करते हैं. लेकिन एक चीज जो आपको परेशान कर सकती है, वो ये कि कंपनियां बदलने की वजह से आपके कई सैलरी अकाउंट खुल गए हैं.
सबसे पहले तो ये जान लें कि सभी सैलरी अकाउंट सेविंग अकाउंट यानी बचत खाते होते हैं, जो कंपनियों से लिंक होते हैं. ये जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट होते हैं. जब सैलरी आनी बंद हो जाती है, तो ये नॉर्मल सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो जाते हैं, जिनमें बैंक की निर्धारित लिमिट के मुताबिक मिनिमम बैलेंस रखना होता है.
नौकरी छोड़ने के बाद उस अकाउंट में सैलरी आनी तो बंद हो जाती है. लेकिन बैंक से कॉल आते रहते हैं. कभी लोन, तो कभी किसी और सर्विस को लेकर.
दूसरी बात सैलरी अकाउंट के नॉर्मल अकाउंट में कन्वर्ट होने के बाद उसमें मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना जरूरी होता है. हर नौकरी के साथ एक नया अकाउंट, ऐसे में पुराने अकाउंट्स को मेंटेन करना मुश्किल होता है. मिनिमम बैलेंस न रखने पर बैंक कई बार ग्राहक पर जुर्माना भी लगा देते हैं. सभी बैंकों में क्षेत्र (यानी बैंक महानगर, शहर या गांव किस स्थान पर है) के हिसाब से मिनिमम बैलेंस रखना होता है.
आपके पास बेस्ट ऑप्शन है कि जो अकाउंट इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, उसे बंद करा दें. और बचा हुआ पैसा निकाल लें. नहीं तो वो पैसा भी बैंक चार्ज के रूप में कट जाएगा.
लेकिन बैंक इतने आसानी से अकाउंट बंद नहीं करते हैं. आप अकाउंट बंद कराने के लिए बैंक जाएंगी, तो वो अकाउंट चालू रखने के लिए कंविन्स करने लगेंगे. लेकिन उसे मेंटेन तो आपको ही करना है न.
सांकेतिक तस्वीर
हमने इस बारे में एसबीआई की जबलपुर ब्रांच में मैनेजर से बात की. उन्होंने हमें सैलरी अकाउंट बंद कराने के लिए ये प्रोसेस बताया.
-आप सबसे पहले बैंक की उस ब्रांच में जाएं, जहां आपका अकाउंट है. विंडो पर पहुंच जाएं और बताएं कि सैलरी अकाउंट बंद कराना है. वो आपको एक फॉर्म भरने को कहेंगे. इसे अकाउंट क्लोजर फॉर्म कहते हैं, जो बैंक ब्रांच में ही आपको दिया जाएगा. आपको इस फॉर्म में अकाउंट बंद करने की वजह बतानी होगी. आपको एक दूसरा फॉर्म भी भरना होगा. इसमें आपको उस अकाउंट की जानकारी देनी होगी, जिसमें आप बंद होने वाले अकाउंट में जमा रुपये ट्रांसफर कराना चाहते हैं. हो सकता है कि बैंक आपको लेटर लिखने के लिए कहे. इसके बाद आपका सैलरी अकाउंट बंद होने का प्रोसेस शुरू हो जाएगा.
- आप चुन सकती हैं कि खाते में बची राशि को ब्याज के साथ आपको किस तरह दिया जाए. कैश, डिमांड ड्राफ्ट या किसी और अकाउंट में. 20,000 रुपये तक आपको कैश में पेमेंट मिल जाएगा, लेकिन उससे ज्यादा किसी दूसरे अकाउंट में ही ट्रांसफर कराने होंगे.
- आपको उस अकाउंट से लिंक्ड एटीएम कार्ड, पासबुक और चेकबुक बैंक को लौटाना होगा.
- उसी दिन आपका अकाउंट बंद हो जाएगा और आपके अकाउंट में जमा पैसा वापस मिल जाएगा.
सांकेतिक तस्वीर
अकाउंट बंद कराते समय इन बातों का ध्यान रखें
- अगर आपके अकाउंट में ज्यादा पैसे पड़े हैं, तो खाता बंद कराने से पहले ही उन्हें निकाल लें.
- अकाउंट का आखिरी स्टेटमेंट अपने पास रखें.
- बैंक अकाउंट खोलने के 14 दिन के अंदर ही उसे बंद कराने पर कोई चार्ज नहीं लगता है. लेकिन अगर आप खाता खोलने के 14 दिन बाद से लेकर एक साल पूरा होने से पहले उसे बंद कराते हैं, तो आपको अकाउंट क्लोजर चार्ज देना पड़ सकता है. आम तौर पर बैंक एक साल से ज्यादा पुराने खाते को बंद कराने पर क्लोजर चार्ज नहीं लेते.
-बचत खाते को बंद करने से पहले आपके लिए यह देखना जरूरी है कि खाते से कोई निवेश या ट्रेडिंग अकाउंट तो लिंक नहीं है. आमतौर पर बैंक सैलरी अकाउंट खोलता है, तो बैंक के एग्जीक्यूटिव निवेश, लोन, ट्रेडिंग, क्रेडिट कार्ड पेमेंट और बीमा से जुड़े अकाउंट भी साथ में खोल देते हैं. अगर आपके इस बैंक खाते से इस तरह का कोई दूसरा अकाउंट लिंक्ड है, तो पहले अपने दूसरे बैंक अकाउंट को इस तरह के पेमेंट से लिंक कर दें. अकाउंट बंद करते वक्त आपको डी-लिंकिंग अकाउंट फॉर्म भरना पड़ सकता है.
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