फिक्स्ड डिपॉजिट कराने का सोच रही हैं तो ये चार चीज़ें आपको ज़रूर पता होनी चाहिए

कितना नफ़ा और कितना नुकसान है एफडी करवाने में

फिक्स डिपॉजिट यानी FD. एक तरह का जमा खाता है. कॉर्पोरेट सेक्टर और नॉन कार्पोरेट सेक्टर में इस तरह के खाते खोलने की सुविधा दी जाती है. फिक्स डिपॉजिट की कई स्कीम होती हैं, तो ब्याज भी काफी सही मिल जाता है. ये खाता बैंक में, NBFC (नॉन बैंकिंग फाइनेन्शियल कंपनी) में और पोस्ट ऑफिस में खोला जाता है.

बैंक में इस खाते की समय-सीमा काफी कम समय से शुरू होती है. 7 दिन से 10 साल तक के लिए इस खाते को सुविधानुसार खोला जाता है. वहीं, पोस्ट ऑफिस में इस खाता को 1 साल से 5 साल तक के लिए खोला जाता है. सभी जगहों पर ब्याज दर अलग-अलग होते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की पारुल सिंह से. दिल्ली के एक बैंक में कार्यरत हैं. उन्होंने हमें एफडी से जुड़ी डीटेल्स बताईं.

खाता खोलने के लिए क्या क्या ज़रूरी है?

- अगर आप FD खाता खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपका किसी बैंक में खाता होना जरूरी है. अगर आपका बैंक में खाता है तो आपको वहां जाकर इस खाते के लिए एक फार्म फिल करना होगा. नेट बैंकिग के जरिए भी इस खाते को खोला जा सकता है.

खाता नहीं हो तो क्या करें?

- अगर आपका खाता नहीं है और आप फिक्स डिपॉजिट एकाउंट खोलना चाहते हैं, तो पहले आपको उस बैंक में अपना एक सेविंग अकाउंट खुलवाना जरूरी होगा. उसके बाद ही FD हो सकेगी. 

पैसा कितना लगेगा एफडी अकाउंट खोलने में?

- इस खाते को खोलने के लिए बैंक में मिनिमम अमाउंट 1000 रुपए है. वहीं, पोस्ट ऑफिस में इस खाते को खोलने के लिए मिनिमम अमाउंट भी 1000 रुपए है. इस खाते को खुलवाने के लिए एक बार में ही रुपए जमा करने होते हैं. जैसे-जैसे ब्याज बनता है, वो आपके अमाउंट में जुड़ता जाता है.

क्या-क्या डॉक्यूमेंट लगेंगे?

- दोनों ही जगहों पर खाता खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड और आधार कार्ड की एक कॉपी और दो फोटो होनी चाहिए. साथ ही अगर जिसका खाता खुलवाना है, उसकी उम्र 18 साल से कम है, तो गार्जियनशिप अकाउंट ओपन होगा. ऐसे में उसके मम्मी-पापा का आधार और पैन कार्ड लगाया जाएगा. एक फार्म मिलेगा, उसमें एक फोटो लगानी होगी और साइन करना होगा. उसके 48 घंटे बाद खाता खुल जाएगा. अगर उम्र 18 से ज्यादा है तो साधारण अकाउंट ओपन होगा. 

फिक्स डिपॉजिट करते समय इन बातों को दिमाग में बिठा लें-

- जब आप FD कर रहे हों, तो पहले उस बैंक का ब्याज क्या है, ये मालूम कर लें. FD एकाउंट के लिए बैंक कई तरह के चार्ज लगाते हैं और ये मालूम करते हैं कि आपने जो FD की है, उसे आप समय के पहले तो नहीं निकालेंगें, इसलिए FD भुनाने का समय सोचकर तय करें.

- फिक्स डिपॉजिट तय समय से पहले निकालने पर तगड़ा फाइन लगता है. तो इसके लिए भी संभल कर फैसला करें. फिक्स डिपॉजिट का समय पूरा होने पर आप उसे फिर से रिन्यू करवा सकते हैं. ऐसा करने पर आपको लाभ ही होगा.

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- फिक्स डिपॉजिट में समय पूरा होने पर भी पूरे रुपए आपको कैश में नहीं दिए जाते हैं. कम से कम 20 हजार रुपए कैश और बाकी के रुपए बैंक के सेविंग अकाउंट में ट्रांस्फर किए जाते हैं. इस खाते पर लोन की सुविधा भी होती है, जिस पर बैंक आपको 70 से 90 फीसद लोन देने के लिए तैयार हो जाता है.

- फिक्स डिपॉजिट पर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव का कोई फर्क नहीं पड़ता. मतलब ये कि आपने जो रुपए जमा किए हैं, वो डूबते नहीं है, ब्याज के साथ खाते में बने रहते हैं. फिक्स डिपॉजिट आप किसी भी उम्र के व्यक्ति के नाम पर खुलवा सकते हैं. ये जॉइंट अकाउंट भी होता है.

खुदा न खास्ता अगर आपको पैसों की सख्त जरूरत होती है, तो आप उस समय FD का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

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