ये कैसी देशभक्ति है, जो महिला पत्रकार को अपने लिंग की तस्वीर भेजकर निभाई जा रही है?

आप किसी से असहमत हो सकते हैं. उसका यौन शोषण कैसे कर सकते हैं?

ऑडनारी ऑडनारी
फरवरी 18, 2019

बरखा दत्त का नाम सुना होगा आपने. नहीं सुना तो अब सुन लीजिए. जर्नलिस्ट हैं. कारगिल के युद्ध में ग्राउंड कवरेज करने वाली पहली महिला रिपोर्टर थीं. उसके बाद से भी कई मुद्दों पर रिपोर्टिंग की. सोशल मीडिया पर ट्रोल होने वाले जर्नलिस्ट्स में सबसे ऊपर के खाने में इनका नाम आता है. दिन में जितनी बार लोग सांस नहीं लेते उतनी बार इनको ट्रोल्स गालियां देते हैं. खैर, ये सब रोज की बात हो गई है उनके लिए.

bdutt-tweet_750x500_021819084711.jpgतस्वीर: ट्विटर

नया क्या है?

नया ये है कि इस बार लोगों ने जो हद पार की है उसे देख कर सोशल मीडिया पर से सब कुछ डिलीट कर देने की इच्छा होती है.

बरखा दत्त की आइडियोलोजी से लोगों को दिक्कत है. ठीक.

लोग उससे अपना डिफ़रेंस जताना चाहते हैं. ठीक.

लोग इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. ठीक.

bdutt-3_750x500_021819084735.jpgतस्वीर: ट्विटर

लेकिन इसे कैसे जस्टिफाई करेंगे?

लोग अपने प्राइवेट पार्ट की तस्वीर और रेप करने की धमकी भेजते हैं.

लोग बरखा दत्त का पर्सनल नम्बर पब्लिक कर उनको धमकियां देते हैं.

लोग एक जर्नलिस्ट को एक शरीर बना कर छोड़ देते हैं जिसका मज़ाक सोशल मीडिया पर उड़ाया जाता है.

barkha_750x500_021819084822.jpgबरखा ने अपने व्हाट्सएप से ये स्क्रीनशॉट शेयर किया था जिसमें उनको प्राइवेट पार्ट की तस्वीर भेजी गई. हम वो तस्वीर यहां नहीं दिखा सकते, इसलिए उसे ब्लर कर दिया गया है.

बरखा दत्त इकलौती नहीं हैं ऐसी जिनको इस तरह ट्रोल किया जाता है. राणा अयूब डीपफेक पॉर्न  प्लॉट की शिकार हुई थीं. इसमें उनके चेहरे को एक पॉर्न विडियो की एक्ट्रेस के चेहरे पर लगा कर चला दिया गया था. सागरिका घोष की ट्रोलिंग भी इसी तरह की होती है. जितनी भी महिला एक्टिविस्ट्स या जर्नलिस्ट्स हैं, उनको उनके जर्नलिज्म पर कम, उनके औरत होने की वजह से अधिक गालियां झेलनी पड़ती हैं. रेप थ्रेट्स दिए जाते हैं. प्राइवेट पार्ट्स की तसवीरें भेजी जाती हैं. बरखा ट्विटर पर सबको एक्सपोज कर रही हैं. लेकिन क्या इस से ये ट्रेंड रुकेगा? देश के रखवाले इस तरह देश की रक्षा करेंगे, तो किस मुंह से वन्दे मातरम कहेंगे?

देश, देश के लोगों से बनता है. लोगों में महिलाएं भी होती हैं. और लोकतंत्र, असहमतियों से बनता है. महिलाओं से असहमत होने के बेहतर तरीके खोजिए.

ये भी पढ़ें:

इस विदेशी कंपनी ने प्रोडक्ट बेचने के लिए कमाल का लीचड़पन किया, सोशल मीडिया पर नप गए

ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें कुंभ के टाइम संगम में डुबकी लगाकर निकलतीं औरतें 'अश्लील' लगती हैं

देखें विडियो:

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group