एक 'मोटी' लड़की डेट पर गई, लड़के की सच्चाई ने उसका पुरुषों पर से भरोसा तोड़ दिया

शर्म से सिर तो हमारा भी झुक जाना चाहिए, लेकिन ऐसा होता कहां है

सांकेतिक इमेज- twitter

‘ओए भैंस’.

‘सिंटेक्स की टंकी’.

‘मम्मी को बोल खाना कम खिलाए’.

‘इसके लिए तो बाल्टी भर के शेक ऑर्डर करना पड़ेगा’.

‘एक पीत्ज़ा में तेरा क्या होगा? तेरे लाइट तो कम से कम तीन मंगवाने होंगे’.

‘यार तू थोड़ी पतली हो जा. फिर देख कैसे लड़के भाव देंगे तुझे. मोटी लड़कियां किसी को कहां पसंद आती हैं’.

ओवरवेट. आम बोल चाल की भाषा में ‘मोटी’. किसी लड़की की इंसल्ट करनी हो, उसे मोटी कह दो. भैंस कह दो.

date-3_750x500_021019024133.jpgसांकेतिक तस्वीर: ट्विटर

बोलचाल की भाषा में इसके यूफेमिज्म बहुत हैं. यूफेमिज्म यानी किसी बात को सीधे न कह के दूसरे शब्दों में कहना. जैसे किसी को बुरा ना लगे, तो मोटी की जगह ‘हेल्दी’ कह दो. जो कि अपने आप में बहुत अच्छा शब्द है. किसी को कहा जाए कि तुम हेल्दी हो तो उसे खुश होना चाहिए. लेकिन इसे कहे जाने की टोन इतनी घटिया लगती है कि मन खराब हो जाए.

उससे भी ज्यादा बुरा तब लगता है  जब किसी को आप पसंद करें, लेकिन आपकी हाइट और वेट की वजह से वो आपको रिजेक्ट कर दे. ख़ास तौर पर वो लड़कियां जो प्लस साइज़ होती हैं, उनको डेट करने में काफी मुश्किलें आती हैं क्योंकि एक ट्रेंड बन गया है इस तरह का. कुछ लड़कों की फैंटसी होती है ओवरवेट लड़कियों को डेट करना. वो सिर्फ इसी वजह से उनको डेट करते हैं. दोनों ही स्थितियों में लड़की सिर्फ अपने वजन का नंबर बन कर रह जाती है.

date-2_750x500_021019024213.jpgलोगों के लिए थोड़े से भी गदबदे लोग मोटा कहकर चिढ़ाने का बहाना बनकर सामने आते हैं . सांकेतिक तस्वीर: ट्विटर

ऐसा ही हुआ स्टेफनी की साथ. स्टेफनी येबोआह लंदन में रहती हैं. डेटिंग एप पर एक लड़के रॉबर्ट से मिलीं. बातचीत होनी शुरू हुई. एप से फिर व्हाट्सएप पर आए. फिर मिलना डिसाइड हुआ. ये बात पिछले साल दिसंबर की है.

स्टेफनी का ब्रेक अप हुए दो साल हो चुके थे. डेटिंग की दुनिया में नई थीं. थोड़ी घबराई हुई थी. लेकिन उन्होंने बताया,

‘मैं बहुत एक्साइटेड थी. मैं मिलने वाली जगह पर थोड़ा जल्दी पहुंच गई. एक क्यूट सी फोटो खींची, अपने फॉलोअर्स को ट्वीट करके बताया कि मैं फर्स्ट डेट पर हूं’.

स्टेफनी ने अपनी डेट का ब्यौरा अपने ट्विटर पर दिया. सारी बातें बताएँ. स्टेफनी ने ये भी बताया कि रॉबर्ट से मिलकर उन्हें बहुत अच्छा लगा.

‘हमने जो भी तीनेक घंटे बात की, वो समय बहुत अच्छा गुज़रा. हम हंसे, बुरी डेट्स की स्टोरीज़ शेयर कीं, फैमिली के बारे में जाना. वहो जो लोग नार्मल डेट्स पर करते हैं. इस डेट के एक हफ्ते बाद तक हम टेक्स्ट पर बात करते रहे. घंटों कॉल पर भी बात की. उसके बाद हमने तय किया कि वो मेरे घर आएगा. मैं कुछ खाना पकाऊंगी,  और हम साथ बैठकर कुछ शोज़ देखेंगे.’  

‘एक के बाद एक चीज़ें होती गईं, और हमने सेक्स किया’.

‘वो आखिरी बार था जब मैं उससे मिली या बात की. उसके बाद वो गायब हो गया.’

स्टेफनी ने सोचा, बात शायद आई गई हो गई. लेकिन कुछ ही दिन बाद एक लड़के ने उन्हें मेल किया. वो लड़का खुद को रॉबर्ट का दोस्त बता रहा था. उसने बताया कि रॉबर्ट ने स्टेफनी का ब्लॉग उनको दिखाया था. ताकि वो उनका अप्रूवल ले सके. उसने बताया कि रॉबर्ट ने शर्त लगाई थी अपने दोस्तों के साथ.  शर्त ये थी कि वो एक ‘ओवरवेट’ महिला एके साथ सेक्स करेगा. जब दूसरी डेट पर उसकी ये शर्त पूरी हो गई, तो उसने अपने दोस्तों से पैसे जीते. लड़के के उस दोस्त को बुरा लगा, और उसने स्टेफनी को कांटेक्ट किया. ताकि उसे पूरी बात बता सके.

स्टेफनी ने लिखा,

‘मुझे उबकाई सी आ गई. मैं अपने बाथरूम में गई और जोर-जोर से रोई. मुझे पुरुषों से मिलने और बात करने में इसी वजह से डर लगता रहा है क्योंकि वो मुझे मेरे अपीयरेंस पर जज करेंगे. मुझे भले ही मालूम है कि मैं एक कमाल की इंसान हूं, लेकिन मुझे ये अच्छी तरह से पता है कि मैं जैसी दिखती हूं उसे मेनस्ट्रीम सोसाइटी के हिसाब से ‘खूबसूरत’ नहीं कहा जाएगा’.

जब स्टेफनी ने अपनी कहानी ट्विटर पर शेयर की, अधिकतर मर्दों ने उन पर हंसना शुरू कर दिया. उनका मज़ाक उड़ाया. कहा, पतली होती तो ये नहीं होता. वजन कम कर लेंगी तो इस तरह का व्यवहार नहीं होगा उनके साथ. 

स्टेफनी ने कहा कि प्लस साइज़ औरतें डेटिंग की दुनिया में अधिकतर इसी तरह के ट्रीटमेंट का शिकार होती हैं. उन्हें उस तरह की इंसानियत से ट्रीट नहीं किया जाता जैसा पतली लड़कियों को किया जाता है. पुरुष इस तरह की हरकतें अक्सर करते हैं. इसमें शामिल होता है लकड़ियों के ग्रुप में से उनके हिसाब से ‘सबसे कम आकर्षक’ लड़की को फंसाना, और उसके साथ सेक्स करना ताकि अपने साथ के पुरुषों को इम्प्रेस किया जा सके. स्टेफनी ने बताया कि उनकी कई प्लस साइज़ सहेलियों के साथ ऐसा हो चुका है. 

ये कोई विदेशी चीज़ नहीं है. इसे ‘वेस्टर्न कल्चर’ कह कर टाला नहीं जा सकता. खुद हमारी कई विडियोज में लोग जब कुछ नहीं कह पाते तो ‘मोटी’ कहकर निकल जाते हैं. बिना ये जाने-समझे या सोचे कि सामने वाले पर क्या असर पड़ेगा. और बात जब डेटिंग की आती है, तब तो ये चीज़ और खूंखार रूप में आती है. मेनस्ट्रीम मीडिया में भी देख लीजिए. फिल्मों में मोटी लड़की कभी हिरोइन नहीं होती. हिरोइन की सहेली, हीरो की बहन, या फनी कॉमिक रिलीफ तक सिमट कर रह जाती है. उससे किसी को प्यार नहीं होता.

सिर्फ इसलिए कि कोई लड़की आपके तथाकथित ‘स्टैण्डर्ड’ के हिसाब से ‘सुन्दर’ या ‘पतली’ नहीं है, क्या ये आपको हक़ दे देता है कि आप उसे इंसान की तरह ट्रीट करना बंद कर दें? कल को आपके साथ ऐसा हो तो क्या करेंगे?

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