'दर्द में मां की गोद में सिर रखकर रोया करता था': कैंसर को 6 छक्के जड़ने वाला युवराज

युवराज ने बयां किया, किस तरह मां के सहारे उनका पुनर्जन्म हुआ.

इंडियन क्रिकेटर युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया है. इसके साथ ही उनका 17 साल का इंटरनेशनल करियर खत्म हो गया. युवराज सिंह ने करियर के उतार-चढ़ाव को याद किया. उन्होंने कहा:

'2011 वर्ल्डकप जीतना, मैन ऑफ दी सीरीज बनना और 4 मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिलना सपना पूरा होने जैसा था. लेकिन इसके बाद हकीकत से सामना हुआ. मुझे कैंसर का पता चला. यह अचानक आसमान से जमीन पर धड़ाम से गिरने जैसा था. यह सब कुछ बड़ी तेजी से हुआ. और यह तब हुआ जब मैं अपने करियर के पीक पर था. लेकिन सब लोगों ने मेरा साथ दिया. मेरे फैंस ने मेरा हौसला बढ़ाया. मेरे परिवार ने मेरी हिम्मत बढ़ाई. कैंसर से जंग जीतने में मदद करने के लिए मैं डॉक्टर रोहतगी, यूएस के डॉक्टर लॉरेंस का शुक्रिया अदा करता हूं. कैंसर की लड़ाई जीतने के बाद मुझे दूसरी चीजों पर फोकस करने का मौका मिला. कैंसर से उबरने के बाद अपनी एक फाउंडेशन शुरू की .You We Can जिसके तहत हम कैंसर पीड़ितों की मदद करते हैं.'

d8r62yfu0aaf4rb-tgknqojfjaadi-1_750_061019061347.jpgसंन्यास का ऐलान करते हुए युवराज सिंह ने अपनी मां, पत्नी और दोस्तों, गुरु और डॉक्टर्स को सपोर्ट के लिए शुक्रिया कहा.

युवराज की फैन फॉलोइंग हमेशा से तगड़ी रही है. लेकिन 2011 के बाद लोगों ने उन्हें बेहद प्यार किया. भारत को वर्ल्ड कप जिताने में युवराज की खास भूमिका थी. 9 मैच में 90.50 के औसत से 362 रन और 15 विकेट लिए थे. वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द सीरीज बने. इसके बाद कैंसर से संघर्ष शुरू हुआ. और उसे भी जीते.

युवराज ने NDTV के साथ इंटरव्यू में कहा था :

'वर्ल्ड कप के दौरान मेरी तबियत खराब हो जाती थी. लेकिन देश के लिए खेलना सबसे जरूरी था, इसीलिए मैं उन लक्षणों को अनदेखा करता रहा. मैं वर्ल्डकप को बीच में छोड़ने का रिस्क नहीं लेना चाहता था, इसलिए खेलता रहा. 

वर्ल्डकप के बाद सेहत और खराब हो गई. ज्यादा सिम्टम्स दिखने लगे. खांसी कफ बढ़ गया. लेकिन मैंने इसपर भी ध्यान नहीं दिया.

आईपीएल में खेलना शुरू कर दिया. इस दौरान सेहत ज्यादा खराब होने लगी थी. जब सिम्टम्स बहुत ज्यादा खराब हो गए. सांस लेने में परेशानी होने लगी. खाना डाइजेस्ट नहीं कर पाता था. मम्मी ने कहा कि खांसी ठीक नहीं हो रही, टेस्ट करा लो. 

मैंने अपनी हेल्थ को अनदेखा किया, जो कि बिल्कुल गलत था. आज मैं ये बात समझता हूं. 

डॉक्टर ने हेल्थ टेस्ट कराने को कहा, क्योंकि मैं 4 महीने के लिए वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड दौरे पर जाने वाला था. सारे टेस्ट नॉर्मल आए. मैंने डॉक्टर से कहा कि ठीक है, मैं निकलता हूं. लेकिन डॉक्टर ने कहा कि मेरी खांसी ठीक नहीं हो रही है, इसलिए चेस्ट का एक एक्सरे करा लूं.

मैं समझ चुका था कि कुछ गड़बड़ है. क्योंकि मुझे खांसते समय खून आता था. चेस्ट में लेफ्ट साइड ब्लॉक सा महसूस होता था. सांस रुक जाती थी.  लेकिन ये कैंसर होगा, कभी नहीं सोचा था.

डॉक्टर ने एक्सरे दिखाकर कहा कि लेफ्ट लंग ब्लॉक है. कैटस्केन में पता चला कि 18 सेंटीमीटर का ट्यूमर है. शुरूआत में इसपर यकीन नहीं हुआ. लेकिन वो सच था. मैंने डॉक्टरों से कहा कि इसके बारे में मेरी मां को मत बताना. लेकिन वो उसके पहले ही बता चुके थे.

ये सच है कि आखिर में आपको अकेले ही इस दर्द को फेस करना होता है, लेकिन जब बेहद प्यार करने वाले पेरेंट, अच्छे दोस्त हों, तो बहुत हिम्मत मिलती है. यही आपकी ताकत होती है."

इसके बाद वो इलाज के लिए अमेरिका चले गए. 

yuvraj-singh-1024x660-750x500_061019062830.jpgकैंसर से डायग्नॉस होने के बाद युवराज कीमोथैरेपी के लिए अमेरिका गए थे.

2012 में युवराज सिंह ठीक होकर वापस भारत लौट आए. सितंबर 2012 टी20 इंटरनेशनल से कमबैक किया. युवराज मानते हैं कि कैंसर से लड़ाई ने उनकी जिंदगी को बिल्कुल बदल दिया.

2012 में NDTV के एक इंटरव्यू में युवराज ने कहा था :

'ये मेरी दूसरी जिंदगी है. पहले मैं बहुत पार्टी करता था, एकदम मस्तमौला टाइप इंसान था. लेकिन अब मैं आम आदमी की तरह जीता हूं और इस जिंदगी से बहुत खुश हूं.

कैंसर से लड़ने में मां ने बहुत संभाला. बहुत हिम्मत के साथ खड़ी रहीं. कीमोथैरेपी के दौरान कई बार अपनी मां की गोद में सिर रखकर रोया. लेकिन मां मजबूती से खड़ी रहीं. मेरे सामने कभी नहीं रोईं. मां के प्यार और सपोर्ट से मैं जिंदा लौटा हूं. मेरे दोस्तों और इंडिया से लोगों ने बहुत दुआएं की मेरे लिए.'

yuvi-3-750x500_061019061449.jpgयुवराज कहते हैं कि उन्होंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की कि मुझे कैंसर क्यों हुआ. बल्कि जो कुछ भी उन्हें मिला, उसके लिए वो खुद को लकी मानते हैं.

2015 में युवराज की मां शबनम सिंह ने NDTV के साथ इंटरव्यू किया. उन्होंने कहा था कि उन्हें ये एक्सेप्ट करने में टाइम लगा कि उनके बेटे को कैंसर हो सकता है,  लेकिन इसे स्वीकार करने के बाद वो हमेशा युवराज के साथ मजबूती से खड़ी रहीं. 

'डॉक्टर्स ने मुझसे कहा था कि ये ट्रीटमेंट बहुत तकलीफ देने वाला होगा, लेकिन युवराज को ठीक करने के लिए ये करना होगा इसलिए मुझे स्ट्रॉन्ग रहना होगा. मैं उसके साथ अमेरिका गई. मुझे पता था कि वो ठीक होकर वापिस आएगा. अमेरिका में जब भी हम टीवी देखते थे, तो इंडिया में उसके लिए दुआएं की जा रही थीं. लोग उसे बहुत सपोर्ट कर रहे थी.'

2012 में युवराज ने CNN IBN के इंटरव्यू में कहा था :

'डॉक्टर जब ये कहता है कि आपको कैंसर है, ये सुनते ही दिमाग में सबसे पहले एक ही चीज आती है कि मैं मरने वाला हूं. फिर ट्रीटमेंट शुरू होता है.

कीमोथैरेपी की स्टेज होती हैं. आपको किडनी फेलियर या लीवर फेलियर हो सकता है. शायद आप कभी पिता न बन पाएं. बॉडी कमजोर होती हुई महसूस होती है. लेकिन मेरे पास इसके अलावा कोई और ऑप्शन नहीं था.

कीमोथैरेपी आपकी बॉडी पर बहुत असर डालती है. मुझे बहुत बुरे मूड स्विंग्स होते थे. मैं खाना स्मेल करता था, लेकिन खा नहीं पाता था. किसी ने उस रंग के कपड़े पहने हैं, जो रंग आपको अच्छा नहीं लग रहा, तो आप उससे बात नहीं करेंगे. दो लोग दूर बात कर रहे हैं, लेकिन आपके कानों में उनकी बहुत तेज आवाज आ रही है. ये बहुत कठिन समय था. आपकी बॉडी डेडबॉडी की तरह लगती है. आप बाहर जाना चाहते हैं, ताजी हवा में सांस लेना चाहते हैं, लेकिन नहीं जा सकते. ये बॉडी और माइंड के लिए बहुत मुश्किल लड़ाई थी. इससे बेहद मजबूती के साथ उबरना होता है.

उस समय मम्मी मेरी ताकत बनकर खड़ी रहीं. वो मेरे लिए खाना बनाती थीं. ध्यान रखती थीं कि मैं टाइम पर सही दवा खा रहा हूं. अगर मैं नहीं सो पाता था, तो वो भी रातभर जागती रहती थीं. वो मेरा ऐसे ध्यान रखती थीं, जैसे मां 2 साल के बच्चे का रखती है. उन्होंने मुझे बहुत संभाला. आज अगर मैं यहां बैठा हूं, तो सिर्फ और सिर्फ उनकी वजह से.'

d1a44u4u-shabnam-singh-750x500_061019061705.jpgसितंबर 2012 में युवराज ने अपनी मां शबनम सिंह के साथ मिलकर YouWeCan फाउंडेशन की शुरू किया.

2012 में अमेरिका से ठीक होकर लौटने के बाद युवराज ने You We Can नाम से एक फाउंडेशन बनाया. ये फाउंडेशन कैंसर के को लेकर लोगों को जागरुकता फैलाता है.  और कैंसर पीड़ितों की मदद करता है. युवराज ने बताया कि इसे शुरू करने की प्रेरणा उन्हें साइकिलिस्ट लांस आर्मस्ट्रांग के लिवस्ट्रांग प्रोजेक्ट से मिली. एक इं

yuvraj-singh-hazel-kheech-marriage-fi-750x500_061019061803.jpg2015 में युवराज ने बॉलीवुड एक्ट्रेस हेजल कीच से शादी कर ली.

युवराज के रिटायरमेंट के ऐलान के बाद उनकी पत्नी हेजल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया. हेजल ने लिखा, "और इसके साथ एक युग का अंत हुआ. खुद पर गर्व करें मेरे पति, अब नए चेप्टर की ओर बढ़ते हुए. लव यू युवराज." इस पोस्ट के साथ ही हेजल ने युवराज की उस प्रेस कांफ्रेंस की तस्वीर भी शेयर की.

रिटायरमेंट लेने के बाद युवराज ने कहा, "मैंने अपनी जिंदगी का लंबा समय क्रिकेट के लिए देने के बाद अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है. अब मैं कैंसर मरीजों के लिए काम करूंगा, लोगों की मदद करुंगा."

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