लड़के जब पब्लिक प्लेस में बेशर्मी से खुद को छूते हैं, लड़कियों को कैसा लगता है

आदमी बहुत आसानी से ऐसा करके निकल जाते हैं

'एक सड़क है. सुनसान सी. आप कहीं जा रही हैं. अकेली. आपके सामने से एक आदमी आ रहा है. आप बढ़ती जाती हैं, वो शख्स करीब आता दिखता है. जब वो शख्स आपके बिल्कुल सामने आ जाता है. आप घबरा जाती हैं. घिना जाती हैं. वहां से भाग जाना चाहती हैं. रोने का मन करने लगता है. गिल्ट भर जाता है कि वहां थी ही क्यों. काश वहां नहीं होती. कई हफ्ते या कई महीनों तक मन में डर सा रहता है. घिन सी रहती है.'

2 जून को एक लड़की ट्रेन से कन्नूर से मैंगलोर जा रही थी. उसके सामने वाली सीट पर बैठे आदमी ने मास्टरबेट करना शुरू कर दिया. किसी ने उसका वीडियो बनाकर ट्वीट कर दिया. ट्वीट में रेलवे सेवा, रेलमंत्री के ऑफिशियल हैंडल, पीयूष गोयल, केरल मुख्यमंत्री और पीएमओ को भी टैग किया. लेकिन आदमी अभी तक पकड़ा नहीं गया.

ये पहला मामला नहीं है. ऐसे कईयों वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिनमें ट्रेन, बस, फ्लाइट, सड़क, एटीएम, गर्ल्स हॉस्टल-पीजी के बाहर मर्दों ने घिनौनेपन की हद पार कर दी. वो अपने सामने मौजूद लड़की को अपना प्रायवेट पार्ट दिखाने लगे.

आदमी बहुत आसानी से ऐसा करके निकल जाते हैं. कुछ का वीडियो वायरल होता है और कुछ गिरफ्तार हो जाते हैं.

लेकिन जिस लड़की ने इसको फेस किया है, उसके दिमाग पर इसका ट्रॉमा कई हफ्तों और महीनों तक रहता है. उन्हें कैसा लगता है ये खुद उन्होंने बताया है.

ये हमारी 25 साल की रीडर ने भेजा है.

मैं बस से ऑफिस जा रही थी. दोपहर के 2 बजे होंगे. बस में भयंकर भीड़ थी. मेरा स्टॉप आने वाला था, इसीलिए मैं सीट से उठकर खड़ी हो गई. कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरी बैक से कुछ सटा रहा है. भीड़ थी, इसीलिए मुझे ये किसी का हाथ या कोई बैग वगैरह लगा. जब बार-बार ऐसा होता रहा, तो मैंने पलटकर देखा. मेरे पीछे एक आदमी खड़ा था. वो खचाखच भरी बस में मास्टरबेट कर रहा था. खुद को मुझसे सटाने की कोशिश कर रहा था. मैंने उस आदमी को फटकारा और स्टॉप आनेपर उतर गई. इसके बाद में दिनों तक मैं इस हादसे को अपने दिमाग से नहीं निकाल पाई. मैं बस में चढ़ती थी, लेकिन डर लगा रहता था. थोड़ी सी भी हरकत होने पर लगता था कि कहीं-कोई वैसा ही तो नहीं कर रहा.

ये हमारी 28 साल की रीडर ने भेजा है.

मैं हॉस्टल में रहती थी. हॉस्टल के सामने एक सड़क थी, जिसपर से बहुत ज्यादा गाड़ियां नहीं निकलती थीं. रात के टाइम तो बिल्कुल सुनसान होती थी. मैं रात में फोन पर बात करने के लिए कमरे से बाहर बालकनी में आ जाती थी. रात के टाइम एक आदमी अक्सर हॉस्टल से थोड़ी दूर पर आकर खड़ा हो जाता. और 10-15 मिनट बाद चला जाता था. एक दिन उसने बालकनी के नीचे आकर मास्टरबेट करना शुरू कर दिया. मैंने चिल्लाकर उसकी तरफ एक पत्थर फेंका. वो तुरंत अपनी गाड़ी उठाकर भाग गया. इसके बाद में कई दिनों तक बालकनी में नहीं गई. मैंने अंधेरा होने के बाद वहां खड़ा होना बंद कर दिया. उस सड़क पर स्कूटी से निकलने वाला हर आदमी मुझे उस दिन की याद दिला देता था. और मन घिन से भर जाता था. आज भी सोचती हूं तो उल्टी सी आने लगती है.

हमारी 26 साल की रीडर ने ये लिखकर भेजा है.

मैं 18 साल की थी. अपनी दोस्त के साथ सड़क के किनारे फुटपाथ पर चल रही थी. मुझे झाड़ियों के पीछे किसी के कराहने की आवाज आई. मैं आगे बढ़ गई. लेकिन आवाज आती रही. मुझे और मेरी दोस्त को लगा कि हो सकता है कोई तकलीफ में हो. उसे मदद की जरूरत हो. हम आवाज की तरफ चलने लगे. जब हम झाड़ियों के करीब पहुंचे तो देखा कि एक आदमी वहां मास्टरबेट कर रहा था. मैं और मेरी दोस्त ने वहां से भागे और 2 किलोमीटर तक दौड़ते रहे. ये पहली बार था जब मैंने किसी आदमी का प्राइवेट पार्ट देखा था. ये मेरे लिए किसी सदमे से कम नहीं था. मैं कई दिनों तक घबराई रही. आदमियों को देखती तो अजीब सा डर लगता था. आज मैं सोचती हूं कि किसी भी लड़की के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए. जब कोई लड़की पहली बार किसी के सामने नग्न होती है, या किसी को अपने सामने नग्न देखती है, तो ये उसकी मर्जी से होना चाहिए. ऐसा करने न करने पर उसका अधिकार होना चाहिए. ऐसा करके मर्द न जाने कितनी ही लड़कियों के इस अधिकार को खत्म कर देते हैं.

 

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