नोर फियोनिक्स डायना: हिजाब पहनकर रिंग में पुरुषों से दो-दो हाथ करने वाली रेसलर
'लड़कियों को सबसे पहले अपने सपनों के लिए लड़ना चाहिए.'

दुनिया अब भी उस दौर में है, जहां रेसलिंग कहते ही एक रिंग और दो पुरुष दिमाग में आते हैं. ऐसे में किसी लड़की को रिंग में पुरुषों से दो-दो हाथ करते देखना हैरान कर देता है. खासतौर पर तब जब वो लड़की मुसलमान हो.
ये 19 साल की नोर फियोनिक्स डायना की कहानी है, जो हिजाब पहनकर रिंग में उतरती हैं और महिला तो क्या पुरुष रेसलर को भी पछीट देती हैं.
नोर दुनिया की पहली महिला हैं, जो हिजाब पहनकर रिंग में पुरुष और महिला, दोनों के साथ फाइट करती हैं. वह रेसलिंग में ही करियर बनाना चाहती हैं. और कहती हैं कि सबसे पहले तो लड़कियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए लड़ना चाहिए.
बचपन में रेसलिंग गेम्स पसंद थे
नोर मलेशिया के क्वालालंपुर में पैदा हुई थीं. बचपन से ही रेसलिंग का शौक था. भाई के साथ रेसलिंग वाले वीडियो गेम्स खेलती थीं. इसके WWE (वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट) देखना शुरू किया और फैसला किया कि इसी में करियर बनाना है.
रिंग में जीतने के बाद नोर. तस्वीर- ट्विटर.
दो महीने की ट्रेनिंग के बाद डेब्यू
मलेशिया में प्रो रेसलिंग काफी पॉपुलर है. नोर को भी सोशल मीडिया के जरिये इसका चस्का लगा. एक साल बाद मलेशिया प्रो रेसलिंग के कोफाउंडर और मेन कोच शौकत से ट्रेनिंग लेना शुरू किया. दो महीने की ट्रेनिंग के बाद 2015 में रिप्लेसमेंट रेसलर के तौर पर डेब्यू किया.
पहचान छुपाने से पहचान बनाने तक
नोर 2018 तक मास्क लगाकर रेसलिंग करती थीं. डीएनएस से इंटरव्यू में अपनी पहचान छुपाए जाने पर नोर कहती हैं,
'शुरुआत में मैं अपनी पहचान जाहिर करने में सहज नहीं थी. क्योंकि मुझे पता नहीं था कि लोग मेरी पहचान और मेरा चेहरा सामने आने के बाद कैसे रिएक्ट करेंगे. मैं घबराई हुई थी. मैं नहीं जानती थी कि एक हिजाबी लड़की को रेसलिंग करते देखकर समाज क्या कहेगा. लेकिन जब मैंने अपनी पहचान बनाने का फैसला किया, तो ये डर भी खत्म हो गया.'
मलेशिया में प्रो-रेसलिंग काफी पॉपुलर है. तस्वीर, Nextshark.com
रिंग में मेरे लिए तालियां बजती हैं
नोर कहती हैं कि रेसलिंग को मर्दों के प्रोफेशन के तौर पर देखा जाता रहा है. लेकिन इसे सिर्फ ताकत के साथ जोड़ना गलत है.
'मैं अक्सर ये सोचकर हंसती हूं कि मेरा कद, आकार, जेंडर की वजह से मुझे कमतर समझा जाता था. लेकिन अब रिंग में मेरे लिए तालियां बजती हैं. मैं कहीं भी कम नहीं पड़ती हूं. मुझमें वो सब करने की हिम्मत है, जो मैं करना चाहती हूं. बावजूद इसके कि लोग औरतों को बताते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं मैंने अपनी पसंद को चुना. मैंने किसी की बातों या फैसलों को कमतर नहीं माना, लेकिन मुझे जो सही लगा, मैंने वो किया.'
रिंग में नोर, तस्वीर- द सन डेली.
पुरुष रेसलर को भी दे चुकी हैं मात
नोर एक निजी अस्पताल में क्लिनिकल असिस्टेंट के तौर पर काम करती हैं. लेकिन वो प्रोफेशनल रेसलर बनना चाहती हैं. वह अब तक कई महिला और पुरुष रेसलर को हरा चुकी हैं.
डीएनए को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह न्यू जापान प्रो रेसलिंग और अमेरिकन प्रोफेशनल रेसलिंग ऑल एलीट रेसलिंग में जाना चाहती हैं. नोर डब्ल्यूडब्ल्यूई में भी परफॉर्म करना चाहती हैं. डब्ल्यूडब्ल्यूई में उनकी पसंदीदा रेसलर साशा बेंक्स है. नोर कहती हैं कि साशा की वजह से ही उन्हें रेसलिंग में करियर बनानी की प्रेरणा मिली.
नोर कहती हैं,
लड़कियों को निडर होना चाहिए. वो जो चाहती हैं, वही करें. उसके लिए खड़ी रहें. और सबसे जरूरी कि जिस चीज में विश्वास करती हैं उसके लिए जुनून की हद तक लड़ें. तभी उन्हें असल खुशी और उपलब्धि का अहसास होगा.
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