इस देश में टीचर से लेकर पुलिस अफसर तक, जाने कितनी औरतें वेश्यावृत्ति को मजबूर हैं

घर पर बच्चों को अकेला छोड़ रात में निकलती हैं औरतें.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
फरवरी 13, 2019

हिंदुस्तान से लगभग 15,000 किलोमीटर दूर एक देश है, वेनेजुएला. साउथ अमेरिका में पड़ता है. इस देश की हालत बहुत ख़राब है. आर्थिक तौर पर इसका दिवाला निकल चुका है. अब जब भी किसी देश की इकॉनमी बिगड़ती है तो उसका असर पड़ता है वहां के लोगों पर. ठीक वही यहां भी हो रहा है. पर किसी को इससे क्या फ़र्क पड़ता है? पड़ना इसलिए चाहिए क्योंकि इस देश में औरतें मजबूर है अपना शरीर और अपने बाल बेचने के लिए. वो अपने परिवार का पेट पालने के लिए देह व्यापार करती हैं. अपने बाल काट कर बेच देती हैं ताकि कुछ पैसे कमा सकें.

आदमी आते हैं और 14 साल की लड़कियों को अपने साथ ले जाते हैं. उनको 500 रुपए देते हैं और उनके साथ सेक्स करते हैं. इन लड़कियों के परिवारवाले उन्हें ख़ुद भेजते हैं. विग बनाने वालों को की तो चांदी हो गई है. लड़कियां अपना सर मुंडवा दे रही है. अपने बाल बेचने के उनको 700 से 1000 रुपए मिल रहे हैं.

हालात इतने बुरे हैं कि जो महिलाएं एक वक़्त पर अखबार बेचती थीं, टीचर थीं, यहां तक कि पुलिस अफ़सर थीं, वो भी पैसों के लिए सेक्स करने को मजबूर हैं. जो भी पैसे वो कमाती हैं, उसे अपने बच्चे और रिश्तेदारों के लिए घर भेज देती हैं. जिन हालात में ये काम करती हैं, वो बहुत ही बुरे हैं. काम के लिए वो पड़ोसी देश कोलम्बिया चली जाती हैं. वहां चलाए जा रहे गैर-कानूनी बार्स में काम करती हैं. इन बार्स की हालत बहुत ही बुरी होती है. इसलिए वहां काम करने वाली महिलाओं को मलेरिया तक हो जाता है.

1_021319092349.jpgजो औरतें बॉर्डर के पास रहती हैं वो ख़ासतौर पर ख़तरे में रहती हैं. फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर

यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक लगभग तीन मिलियन लोग ये देश छोड़कर पड़ोसी मुल्क भाग चुके हैं.

जो औरतें बॉर्डर के पास रहती हैं वो ख़ासतौर पर ख़तरे में रहती हैं. उनको देह व्यापार या ड्रग्स की ख़रीद-फ़रोख्त के लिए एक देश से दूसरे देश भेजा जाता है. दलाल उनके ज़रूरी कागज़ात रख लेते हैं और उन्हें ज़बरदस्ती देह व्यापार में धकेल देते हैं.

एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में मनोचिकत्सक जॉन जेम्स कहती हैं:

“ये औरतें मजबूर हैं. अपने घरवालों के लिए उनको देह व्यापार करना पड़ता है. इस वजह से उनको एंग्जायटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस, और बाकी दिमागी बीमारियां हो जाती हैं.”

30 साल की पैट्रीशिया तीन बच्चों की मां है. वो बतौर वेश्या कोलंबिया में काम करती है. जिस जगह वो काम करती है वहां उसके साथ 60 और लड़कियां भी हैं. सब वेनेजुएला से हैं. एक कस्टमर ने शराब पीकर पैट्रीशिया को मारा और उसका रेप किया.

2_021319092430.jpgआदमी आते हैं और 14 साल की लड़कियों को अपने साथ ले जाते हैं. फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर

ये तो सिर्फ़ एक कहानी है. ऐसी कई और हैं.

26 साल की अलीरा एक बच्चे की मां है. पैसा कमाने के लिए उसने अपना घर छोड़ दिया. वो पेशे से एक टीचर थी. हिस्ट्री और जियॉग्रफी जैसे सब्जेक्ट्स पढ़ा रही थी. पर पता है महीने के कितना कमाती थी? 70 रुपए से कम. इतने कम पैसों से वो पास्ता का एक पैकेट भी नहीं ख़रीद पा रही थी. इसलिए उसने शहर बदल लिया. एक बार में काम करना शुरू कर दिया. अब हर रात वो नौ दूसरी औरतों  के साथ क्लाइंट्स के पास जाती है. मजबूरी में उनके साथ सेक्स करती है. इसके उसे 700 से लेकर हज़ार रुपए मिलते हैं. जिसमें से आधे तो बार का मालिक रख लेता है.

इन औरतों के कभी सोचा नहीं था मजबूरी में उन्हें देह व्यापार करना पड़ेगा. वो स्कूल गईं. कॉलेज गईं. अच्छी नौकरियां कर रही थीं. पर देश की आर्थिक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि इनके पास नौकरियां नहीं रहीं. कोई छोटा-मोटा काम भी नहीं मिल रहा था. जो औरतें पैसों के लिए अखबार बेचती थीं, उनकी नौकरियां चली गईं क्योंकि देश के पास अखबार छापने के पैसे भी नहीं थे.

जोली उनमें से एक औरत है. 2016 तक वो अपने परिवार का पेट पालने के लिए अखबार बेचती थी. उस साल उसकी नौकरी चली गई. वो शहर-दर-शहर नौकरी की तलाश में भटकती रही. अपनी मां और तीन बच्चों को उसने घर पर छोड़ दिया. बिना पासपोर्ट बॉर्डर पार किया. उस समय जोली के पास कुछ नहीं था. बस वो कपड़े थे जो उसने पहने हुए थे.

3_021319092500.jpgइन औरतों के कभी सोचा नहीं था मजबूरी में उन्हें देह व्यापार करना पड़ेगा. फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर

कोलंबिया पहुंचने के बाद उसे सफ़ाई तक का काम नहीं मिला. क्योंकि उसकी ज़बान अलग थी. थक-हारकर उसे वेश्यावृत्ति का काम करना पड़ा.

ऐसी कई औरतें अपनी देश की आर्थिक हालत की वजह से ऐसी ज़िन्दगी जीने को मजबूर हैं. दुनिया को कोई फ़र्क नहीं पड़ता. क्योंकि दूर-दराज़ कसी देश में एक मां अपनी एक साल की बच्ची को घर पर अकेला छोड़ अपना शरीर बेच रही है. वो हमारी सगी नहीं. क्या फ़र्क पड़ता है?

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