बच्चे को यौन शोषण से बचाने के लिए इस मां ने अपने ही परिवार से दुश्मनी मोल ली

यौन शोषण करने वाली सहायक को नौकरी से निकालने को तैयार नहीं थे घरवाले.

अगर आपका बच्चा यौन शोषण का शिकार हो जाए, आपको ये बात पता चलेगी तो आप क्या करेंगे? जाहिर है आप उसके खिलाफ एक्शन लेंगे. अपने परिवार को बताएंगे, उम्मीद करेंगे कि वो आपकी मदद करें. पर अगर वो साथ न दें तो? ऐसा ही सीमा (बदला हुआ नाम) के साथ भी हुआ.

सीमा मुंबई के मालाबार हिल इलाके में रहती हैं. पेशे से वकील हैं. अपने सास-ससुर, पति और बेटे के साथ रहती हैं. उन्होंने अपने घर में काम करने वाली कमला (बदला हुआ नाम) को अपने बेटे चिंटू (बदला हुआ नाम) के साथ भद्दी हरकत करते हुए देख लिया. चिंटू साढ़े चार साल का है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा ने देखा कि कमला चिंटू को गलत तरीके से छू रही थी. सीमा ने इस बारे में चिंटू से पूछा तो उसने सारी बात बता दी.  

इस बारे में सीमा ने अपने पति को बताया. सास-ससुर को भी बताया. पर किसी ने उन पर यकीन नहीं किया. कमला को काम से नहीं निकाला गया. वह रोज की तरह काम पर आती रही.

सीमा अपने बच्चे की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकती थी. इसलिए 4 जून को वह मालाबार हिल थाने पहुंची. और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी. अपने पति, सास-ससुर और डोमेस्टिक हेल्प के खिलाफ.

पुलिस ने चिंटू का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर लिया. और POCSO एक्ट, 2012 के तहत मामला दर्ज कर लिया.

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अब जानिए पॉक्सो/POCSO क्या है?

पॉक्सो होता है, पॉस्को नहीं. POCSO का मतलब Protection Of Children From Sexual Offence Act. यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम.

बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण को रोकने के लिए इस कानून को बनाया गया. 2012 में केंद्र सरकार ने इस एक्ट को पास किया था.

इसके तहत नाबालिग बच्चे और बच्चियों के साथ होने वाले यौन अपराध पर मामला दर्ज किया जाएगा. कार्रवाई की जाएगी. सेक्शुएल हैरेसमेंट, सेक्शुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से भी प्रोटेक्ट किया जाएगा.

इस एक्ट के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की जाती है. 

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जानिए क्या सजा हो सकती है- 

- अगर विक्टिम 16 साल से बड़ी है तो पहले रेप की न्यूनतम सजा 7 साल की कैद थी. उसे बढ़ाकर 10 साल करने का प्रावधान है. सजा को उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है. 

- 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप पर न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है. इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है. वहीं गैंगरेप के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी. 

- 12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप मामले में दोषी को कम से कम 20 साल या आजीवन कारावास या फांसी की सजा दी जाएगी.

- वहीं गैंगरेप के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास या मौत की सजा दी जाएगी.

- नियम है कि रेप के हर मामले की जांच किसी भी हाल में 2 महीने के अंदर पूरी की जाएगी. इसके अलावा अपील और अन्य सुनवाई के लिए अधिकतम छह महीने का वक्त दिया जाएगा. 

कड़े कानून और कड़ी सजा के बावजूद भी यौन शोषण और रेप के मामले रुक नहीं रहे हैं. आए दिन हर कोई न कोई इस तरह की घिनौनी हरकत का शिकार हो रहा है. कुछ में केस होता है तो कुछ में नहीं. कई बार सजा मिलने में ही देरी हो जाती है.

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