इस देश में भाभी को लेकर इतनी गंदी फैंटसियां हैं कि कोई मुझे भाभी कहता है तो चिढ़ होती है

मुझे भाभी मत बुलाओ प्लीज़!

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
फरवरी 04, 2019
भाभीजी से इतनी दीवानगी क्यों? फ़ोटो कर्टसी: YouTube

क़रीब डेढ़ साल पहले मेरी शादी हुई थी. शादी के बाद कई लोगों ने मुझे भाभी कहना शुरू कर दिया. पता नहीं क्यों? पर इस शब्द को सुनकर मुझे चिढ़ होती थी. इतनी कि मैनें लोगों से रिक्वेस्ट करनी शुरू कर दी. कहा: “प्लीज़ मुझे मेरे नाम से बुलाइए. भाभी मत कहिए.”

दरसल इस चिढ़ के पीछे एक वजह है. मुझे भाभी शब्द से घिन आती है. ‘भाभी’ शब्द सुनते ही दिमाग में सविता भाभी की तस्वीर आ जाती है. एक ऐसी महिला जिसके साथ सेक्स करने की मर्द फैंटसी रखते है. इसमें मेरी गलती नहीं है.

बचपन से दोस्तों-यारों के बीच मैनें ऐसे कई अश्लील जोक्स सुने हैं. मुझे ख़ुद वो जोक नहीं बनना था.

खैर. एक बात बताइए.

क्या आपने कभी किसी पोर्न वेबसाइट पर क्लिक किया है?

ज़्यादातर लोगों ने अपनी ज़िन्दगी में कभी न कभी तो पोर्न देखा होगा. सबके अपनी-अपनी इंटरेस्ट हैं. पर ज़्यादातर हिन्दुस्तानियों को भाभी-देवर वाली पोर्न विडियोज़ पसंद आती हैं. पोर्नहब नाम की एक वेबसाइट ने 2017 में डेटा रिलीज़ किया था. उसके मुताबिक वेबसाइट की टॉप सर्च है ‘इंडियन भाभी’. यानी हिंदुस्तान में लोग ‘सेक्स विडियोज़’ जब सर्च करते हैं, तो उनकी पहली पसंद ‘भाभी’ के साथ सेक्स करने वाली विडियोज़ हैं.

अब सविता भाभी को ही ले लीजिए. बड़ी फ़ेमस हैं. और ये तो कोई असली भाभी हैं भी नहीं. कार्टून कॉमिक्स हैं. पर मिक्की माउस जैसी नहीं. सेक्सी. बड़े स्तन. सेक्स की दीवानी. हाउसवाइफ़ है. पति से ख़ुश नहीं है. सविता भाभी की कहानियां लोग बड़े चांव से पढ़ते हैं.

1_020419095934.jpgज़्यादातर लोगों ने अपनी ज़िन्दगी में कभी न कभी तो पोर्न देखा होगा. फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर

अरे पोर्न छोडिए. टीवी पर आते हैं.

टीवी पर लिहाज़ करना पड़ता है. पर भाभी से लगाव यहां भी है. अब टीवी पर एक सीरियल आता है ‘भाभीजी घर पर हैं!” आपने देखा होगा. नहीं देखा तो नाम तो सुना ही होगा. कहानी वही. दो आदमी हैं. पड़ोसी हैं. एक दूसरे की बीवीयों पर लाइन मारते हैं. इस शो की पॉपुलैरिटी अपने आप में सुबूत है कि ‘भाभी’ को पसंद करने वाले कितने लोग हैं.

2_020419100038.jpgटीवी पर लिहाज़ करना पड़ता है. पर भाभी से लगाव यहां भी है. फ़ोटो कर्टसी: YouTube

मनोहर कहानियां याद है?

दीप्ती के पति की पोस्टिंग बंगाल की एक छोटी सी डिस्ट्रिक्ट में होती है. पति सरकारी नौकरी करते हैं. बोरिंग हैं. दिनभर काम, फिर रात में घर आकर सो जाना. दीप्ती परेशान है. पड़ोस में विजय रहता है. 24-25 साल का लड़का. उसे दीप्ती पसंद है. छुप-छुपकर उसे देखता है. एक दिन दोनों मिलते हैं. उनकी बातचीत होती. एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं. दीप्ती की अधूरी ज़िन्दगी में खुशियां आ जाती हैं.

ये कहानी कई साल पहले मनोहर कहानियां नाम की मैगज़ीन में छपी थी. कई चटपटी कहानियां छपती रहती थीं. ख़ासतौर वो जिनमें भाभी का ज़िक्र होता था. अब चाहे टीवी ले लीजिए. किताबें ले लीजिए. या वेब. हर तरफ़ भाभी के साथ सेक्स करने की कहानियां मौजूद हैं. इन्हीं कहानियों को सुनते हुए मैं भी बड़ी हुई. इसलिए जब ख़ुद भाभी बनी तो इस शब्द से दूरी बना ली.

3_020419100141.jpgकई चटपटी कहानियां छपती रहती थीं इस मैगज़ीन में. फ़ोटो कर्टसी: गूगल

पर ‘भाभी’ को इतना सेक्सुअलाइज़ किया क्यों गया है?

हिंदुस्तान में लोग इस बात को हज़म नहीं कर पाते कि औरतों का भी सेक्स करने का मन कर सकता है. उनके लिए पाक-साफ़ होना बहुत ज़रूरी है. एक ऐसी औरत जो शादी-शुदा है, बाकी मर्दों के लिए नॉट रीचेबल है. शादी के बाद वो सेक्सुअली सिर्फ़ अपने पति की है. और जो चीज़ नहीं मिल सकती, उसके लिए दीवानगी ही कुछ और होती है.

कुछ समय पहले डेली ओ नाम की वेबसाइट पर एक आर्टिकल पढ़ा था. श्रीमोई कुंडू ने लिखा था. चार-पांच लाइन पढ़कर ही सारा राज़ खुल गया. लिखा था:

“ज़्यादातर हिंदुस्तानी आदमियों को अपने से उम्र में बड़ी और शादी-शुदा औरतें पसंद आती हैं. मॉरली इसे ग़लत समझा जाता है. इसलिए उसकी तरफ़ आकर्षण बहुत ज़्यादा होता है."

अभी तक अगर आप मेरी बातों से सहमत नहीं हैं. तो कोई बात नहीं. एक नमूना और देख लीजिए. गूगल पर जाइए और भाभी टाइप करिए. ख़ुद देख लीजिए कैसे आर्टिकल्स आते हैं. एक-दो हैडिंग तो ये रहीं. अकेले भाभी से प्यार. रोज़ बहाना करके देवर के कमरे में सोती थी भाभी.

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चलिए, आर्टिकल्स छोड़िए. अब गूगल पिक्चर्स पर जाइए. कैसी तस्वीरें आती हैं. ख़ुद देख लीजिए. भाभी शब्द से जुड़ी सोच कैसी है, आपको समझ में आ जाएगा.

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पढ़िए: थोड़े से पैसे देकर यहां पत्नी का सुख पाइए

 

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