'सांवली लड़कियां हमेशा सेक्सी क्यों कहलाती हैं, सुंदर क्यों नहीं?'
एक्ट्रेस ईशा गुप्ता ने बहुत अहम सवाल पूछा है.

कभी-कभार कोई ऐसी बात बोल जाता है कि बाई गॉड, वो बात एकदम दिल को टच कर जाती है. साथ ही ये भी एहसास होता है कि इस बात पर कभी हमारा ध्यान कैसे नहीं गया. हम बात कर रहे हैं एक्ट्रेस ईशा गुप्ता की. याद नहीं आ रहा कि ये कौन हैं? साल 2012 में इमरान हाशमी की एक फ़िल्म आई थी जन्नत 2, इसी फ़िल्म से ईशा ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था. अक्षय कुमार की फ़िल्म रुस्तम में भी ईशा ने एक अहम रोल निभाया था.
हाल ही में ईशा ने एक बात बोली. कहा:
“अजीब बात है. हम हमेशा सांवले रंग या गेहुंए रंग वाली एक्ट्रेस को सेक्सी कहते हैं. कभी उन्हें सुंदर नहीं कहते.”
आपका तो पता नहीं. पर जब हमने ये बात सुनी तो ये हमारे लिए एक ‘अरे हां, मोमेंट’ था! बात तो सही है. लोग बिपाशा बासु को हमेशा हॉट या सेक्सी कहते हैं. प्रियंका चोपड़ा को भी. और उन तमाम एक्ट्रेसेस को जिनका रंग थोड़ा सांवला होता है.
बिपाशा बासु (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
नहीं ऐसा नहीं है कि जिस एक्ट्रेस का रंग गोरा हो पब्लिक उसे ‘सेक्सी’ नहीं कहती, पर ये शब्द अपने आप में बहुत दिक्कतभरा है. अक्सर गोरे रंग की लड़कियों और एक्ट्रेसेस को हम सुंदर कहते हैं. शायद इसलिए क्योंकि सुंदरता का मतलब हमारे दिमाग में कहीं न कहीं रंग से जुड़ा हुआ है. गोरा रंग यानी ख़ूबसूरती. प्यूरिटी. इसीलिए फ़िल्में हों या सीरियल. हीरोइन का रंग गोरा और नेगेटिव रोल प्ले करने वाली औरत का रंग सांवला होता है.
(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
ईशा का ये कहना कि सांवली लड़कियों को हम ख़ूबसूरत नहीं समझते, ये हमारी सोच को दिखाता है. ईशा ने रंग और औरतों के शरीर से जुड़ी ज़रूरी बातें कही हैं. एक न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू में वो कहती हैं:
“मैं चाहती हूं कि सांवली लड़कियां भी पूरे कॉन्फिडेंस के साथ इंडस्ट्री में काम करें. जब मैं छोटी थी तो मेरे माता-पिता तो मुझे सपोर्ट करते थे. पर मेरे भाइयों और बहनों की तुलना में मेरा रंग सांवला था. इसलिए मेरे अंदर एक कॉम्प्लेक्स भर गया था. बॉलीवुड में काम करने के लिए फिट रहना और ग्लैमरस दिखना ज़रूरी है. पर अपने शरीर को वैसे ही पसंद करना जैसा वो है, ये भी ज़रूरी है. मुझे समझ में नहीं आता कि लोग हमेशा गोरी लड़कियों को ही क्यों सुंदर समझते हैं? मैंने वक़्त के साथ ख़ुद को पसंद करना शुरू कर दिया. एक सांवली लड़की सुंदर क्यों नहीं हो सकती? सिर्फ़ फेयर ही लवली क्यों होती है? डार्क को लवली क्यों नहीं माना जाता?”
(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
बात तो सही है.
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