क्या है थैलेसीमिया बीमारी जिसके बारे में ऋतिक रोशन, सोनाक्षी सिन्हा बात कर रहे हैं
ये बीमारी अगर आपको है, तो आपके बच्चे को भी होगी.

ऋतिक रौशन, सोनाक्षी सिंहा, राजकुमार राव, हाल-फ़िलहाल में और भी कई सेलेब्स ने ट्विटर पर अपनी तस्वीरें डालीं. इन सारी तस्वीरों में सिर्फ़ उनका आधा चेहरा दिख रहा है. साथ ही एक मैसेज भी लिखा है. ‘आधी वाली ज़िन्दगी मिटाओ. थैलेसीमिया का टेस्ट करवाओ. अपने बच्चों को आधी ज़िंदगी मत दो.’
Today, on #WorldThalassemiaDay, by posting this picture of half my face, I’m supporting #AadhiwaliZindagiMitao by @_TWFofficial to remind people to get tested for Thalassemia & prevent giving their child half a life. pic.twitter.com/WfJnJmvTJg
— Hrithik Roshan (@iHrithik) May 8, 2019
तो आखिर क्या है ये थैलेसीमिया जिसके बारे में ये सारे सेलेब्स बात कर रहे हैं. ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर पीयूष कपूर से. ये फ़ोर्टिस मुंबई में जनरल फिजिशियन हैं.
क्या होता है थैलेसीमिया
डॉक्टर पीयूष बताते हैं:
“ये एक बीमारी है जो मां-बाप से बच्चों में आती है. एक तरह का ब्लड डिसॉर्डर. यानी खून की बीमारी. इसमें आपका शरीर काफ़ी ज़्यादा मात्रा में हीमोग्लोबिन बनाता है. अब ये हीमोग्लोबिन क्या होता है? हीमोग्लोबिन की वजह से आपके रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिका) आपके शरीर में ऑक्सीजन एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करते हैं. थैलेसीमिया की वजह से रेड ब्लड सेल्स ख़त्म होने लगते हैं. इसका नतीजा होता है एनीमिया. यानी आपके शरीर में ज़रूरत के हिसाब से रेड ब्लड सेल्स नहीं बन रहे. थैलेसीमिया तीन तरह की होती है. अगर आपको थैलेसीमिया माइनर है, तो ये बहुत सीरियस नहीं है. लेकिन इस बीमारी के अल्फ़ा और बीटा वर्ज़न काफी ख़तरनाक होते हैं.”
रेड ब्लड सेल्स (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
थैलेसीमिया के क्या लक्षण होते हैं?
-हड्डियां नॉर्मल तरीके से नहीं बढ़तीं. ख़ासतौर पर चेहरे की.
-गाढ़े रंग का पेशाब आना
-बच्चों का धीमा विकास होना
-हमेशा थकान का महसूस होना
-चमड़े का पीला पड़ जाना
क्यों होता है थैलेसीमिया?
ये बीमारी तब होती है, जब हीमोग्लोबिन बनाने वाले जीन (Gene) में कुछ दिक्कत होती है. ये जींस आपको अपने माता-पिता से मिलते हैं. अगर आपके माता-पिता में से किसी एक को थैलेसीमिया है, तो आपको थैलेसीमिया माइनर होता है. और ऐसे में आपको थैलेसीमिया के लक्षण का भी पता नहीं चलता. आपसे से ये बीमारी आपके बच्चे में भी जाती है. अगर आपके दोनों पेरेंट्स को थैलेसीमिया है, तो आपको इस बीमारी का ज़्यादा ख़तरनाक वर्ज़न हो सकता है.
(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
थैलेसीमिया का क्या इलाज है?
-नया खून चढ़वाना
-दवाइयां
-सर्जरी
इसलिए ज़रूरी है कि प्रेग्नेंट होने से पहले आप थैलेसीमिया का टेस्ट करवा लें. ताकि इसका इलाज जल्द से जल्द शुरू हो सके.
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