बैंक वाले सेविंग अकाउंट के साथ चुपचाप ये अकाउंट भी खोल देते हैं

फिर कटते रहते हैं अकाउंट से पैसे

नेहा कश्यप नेहा कश्यप
जुलाई 16, 2019

उन्नति (बदला हुआ नाम) की नई जॉब लगी. कंपनी की तरफ से ही एक प्राइवेट बैंक में उनका सैलरी अकाउंट खुलवाया गया. फॉर्मेलिटी के लिए दो लोग आए, दो चार पेपर्स पर साइन करवाए. डॉक्यूमेंट्स लिए और अकाउंट खुल गया. लेकिन कुछ टाइम बाद उनके फोन पर अकाउंट से पैसे कटने का मैसेज आया. जब उन्होंने बैंक में फोन किया तो पता चला कि बैंक ने सेविंग अकाउंट के साथ उनका डीमैट अकाउंट भी ओपन कर दिया. जिसके बारे में बैंक से आए लोगों ने उन्हें बताया भी नहीं था. ये पैसे डीमैट अकाउंट के मेंटेनेंस चार्ज के रूप में काटे जा रहे थे. उन्नति ने बैंक से बात करके डीमैट अकाउंट बंद करा दिया. इसके लिए भी उसे एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ा.

हाल के सालों में देखा गया है कि बैंक सेविंग अकाउंट खोलते समय डीमैट अकाउंट भी खोल देते हैं. खासकर प्राइवेट बैंक. बिना ग्राहक को प्रॉपर जानकारी दिए. आप पूछेंगे ऐसा क्यों होता है? तो इसकी सीधी सी वजह है बैंकवालों को मिलने वाला टारगेट. जबकि ग्राहकों को बताए बिना कोई भी अकाउंट खोल देना गलत है.

अब डीमैट अकाउंट क्या है? इनकी जरूरत किसे पड़ती है? बिना जरूरत के डीमैट अकाउंट रखने के क्या नुकसान हैं? इन सवालों के जवाब के लिए हमने एसबीआई के जबलपुर ब्रांच में मैनेजर से बात की. उन्होंने जो कुछ हमें बताया वो हम आगे आपको बताने जा रहे हैं.

डीमैट अकाउंट क्या होता है

डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट को शॉर्ट फॉर्म में डीमैट अकाउंट कहा जाता है. पहले शेयर की खरीद और बिक्री पेपर बेस्ड होती थी, जिसके लिए अनुबंध पत्र दिया जाता था. बाद में इन्हें ऑनलाइन कर दिया गया. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म की खरीद और बिक्री के लिए डीमैट अकाउंट बनाया गया. डीमैट अकाउंट में ब्यौरा होता है कि ग्राहक के पास कितनी कीमत के कितने शेयर हैं. यानी इस अकाउंट में शेयर ट्रेडिंग से जुड़ा हिसाब-किताब होता है.

 

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सेविंग अकाउंट से अलग

सैलरी अकाउंट असल में सेविंग अकाउंट ही होता है. लेकिन डीमैट अकाउंट अलग होता है. बैंक के लिए डीमैट अकाउंट एक प्रोडक्ट की तरह होता है. इसीलिए सैलरी अकाउंट खोलने पहुंचे बैंकवाले डीमैट अकाउंट खोलने पर जोर देते हैं. इसका मकसद होता है कि अगर कभी ग्राहक शेयर ट्रेडिंग करे तो उनके बैंक के डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करें.

क्या हैं इसके नुकसान?

ज्यादातर बैंक डीमैट अकाउंट पर सालाना मेंटेनेंस चार्ज लेते हैं. जब बैंक बिना बताए डीमैट अकाउंट खोलते हैं, तो ग्राहक के खाते में मौजूद पैसा कटता रहता है और उन्हें पता भी नहीं होता. इस परेशानी से बचने के लिए ग्राहक को अकाउंट खोलते समय जागरूक रहना चाहिए. इसलिए जब अगली बार आपका सैलरी अकाउंट खुलवाने बैंक के एग्जीक्यूटिव आएं तो उनसे साफ-साफ पूछें कि वो आपका डीमैट अकाउंट तो नहीं खोल रहे हैं.

कैसे बंद करें अकाउंट?

एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखा जा सकता है, लेकिन ग्राहक एक बैंक या कंपनी का एक ही डीमैट अकाउंट खोल सकता है. अगर बैंक ने डीमैट अकाउंट खोला है, तो ग्राहक उसे बंद करा सकता है. इसके लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन या बैंक जाकर एक आवेदन करना होता है. इस आवेदन में आपको अपने खाते से जुड़ी कुछ जानकारी देनी होगी. इसके बाद बैंक आपका डीमैट अकाउंट बंद कर देगा.

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