कौन है वो लड़की जिसकी बड़ी सी तस्वीर अखबार के पूरे पहले पन्ने पर छपी है?

डॉक्टर्स ने मरा हुआ घोषित कर दिया था इस लड़की को.

लालिमा लालिमा
मार्च 18, 2019
विराली मोदी की तस्वीर अखबार के पहले पन्ने पर छपी है. फोटो- फेसबुक

बिग बाज़ार का एक विज्ञापन एक अखबार के पहले पन्ने पर छपा है. इस विज्ञापन में एक लड़की बैठी है, व्हीलचेयर पर. एक बड़ी सी तस्वीर लगी हुई है. बगल में उस लड़की का कोट भी, यानी उसने जो बात कही है बिग बाज़ार के लिए वो लिखा हुआ है.

शॉर्ट में बताते हैं. वो लड़की विज्ञापन में कह रही है कि बिग बाज़ार ने उसकी शॉपिंग बहुत आसान बना दी है. क्योंकि बिग बाज़ार ने व्हीलचेयर फ्रेंडली रैंप (ढलाव वाला रास्ता, जो व्हीलचेयर के लिए बना होता है), और ट्रायर रूम बनवाए हैं, अपने 140 से ज्यादा स्टोर्स में. ताकि व्हीलचेयर में बैठे लोग, अच्छे से शॉपिंग कर सकें. आराम से.

big-bazaar-1_750x500_031819080001.jpgबिग बाज़ार का विज्ञापन. फोटो- फेसबुक

अब इस विज्ञापन में बिग बाज़ार ने अपनी बात तो कह दी, लेकिन कहीं पर भी उस लड़की का नाम नहीं लिखा है. ये नहीं बताया है कि वो लड़की आखिर है कौन? वो काम हम कर देते हैं. वो लड़की है विराली मोदी. मोटिवेशनल स्पीकर है. डिसेबिलिटी राइट्स एक्टिविस्ट है. मॉडल भी है. वो इंडिया के होटलों और ट्रेन्स को डिसेबल फ्रेंडली बनाने का काम कर रही हैं.

2006 की बात है, जब विराली अपने पैरेंट्स के साथ यूएस से इंडिया आई थी. वो यहां से जब वापस गई, तो बीमार पड़ गई थीं. तब ये डिटेक्ट नहीं हो पाया कि उनको मलेरिया है. बीमारी के बारे में टाइम पर पता न चलने के कारण विराली अस्पताल में भर्ती हुईं, और कोमा में चली गईं. वो काफी टाइम कोमा में रहीं. और उस दौरान क्या हुआ, ये उन्हें कुछ भी याद नहीं. कोमा में होने के कारण, विराली को अपने लाइफ के कुछ मोमेंट्स याद नहीं हैं.

45286411_1913005445416052_821405906880167936_n_750x500_031819080030.jpgविराली को घूमना बहुत पसंद है. लेकिन इसी घूमने के दौरान विराली का यौन शोषण भी हुआ. फोटो- फेसबुक

बहुत दिनों तक वो कोमा में रहीं. इस दौरान, डॉक्टर्स ने उन्हें दो बार मरा हुआ घोषित भी कर दिया था, लेकिन विराली के परिवार ने हिम्मत नहीं हारी. एक दिन विराली ने अचानक अपनी आंखें खोल दीं. विराली की मां का कहना है कि वो हमेशा अपनी बेटी से कहती थी कि उसे जिंदगी चुनना है. शायद मां की बात विराली के दिमाग ने सुन ली थी. विराली कोमा से बाहर तो आ गईं, लेकिन उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया था.

फिर भी विराली ने हिम्मत नहीं हारी. जो उन्हें पसंद था वो किया. विराली को घूमना बहुत पसंद है. लेकिन इसी घूमने के दौरान विराली का यौन शोषण भी हुआ. एक नहीं तीन बार. जिन कुली की मदद से वो ट्रेन में चढ़ती थीं, उन्ही कुली ने उन्हें ऐसे छुआ था, जैसे वो कोई मांस का टुकड़ा हों.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में वो कहती हैं, 'एक आदमी ने मेरे पैरों के बीच से मुझे छुआ. और दूसरे ने मुझे मेरे अंडरआर्म्स में हाथ डालकर छुआ. मदद करने के बहाने मेरे साथ ऐसा किया. इतना ही नहीं, एक ने तो मेरे ब्रेस्ट को भी छुआ. मुझे पहले लगा कि हो सकता है कि ये गलती से हुआ हो, मुझे चढ़ाने-उतारने के समय, उनका इरादा ऐसा नहीं रहा हो. लेकिन फिर उसने कई बार मुझे गलत तरीके से छुआ, मुझे सीट पर बैठाते तक छूता रहा.'

42045472_1852135728169691_7528088835272474624_n_750x500_031819080111.jpgजिन कुली की मदद से विराली ट्रेन में चढ़ती थीं, उन्ही कुली ने उन्हें ऐसे छुआ था, जैसे वो कोई मांस का टुकड़ा हों. फोटो- फेसबुक

ट्रेन में सफर करते वक्त विराली का तीन बार यौन शोषण हुआ. उस वक्त विराली कुछ नहीं बोल पाईं, क्योंकि उन्हीं की मदद से वो ट्रेन में चढ़ रही थीं. लेकिन बाद में उन्होंने इस पर आवाज़ उठाई. फिर उन्होंने change.org में एक पेटिशन डाला. वो ये कि जो हमारी ट्रेन हैं, उसे डिसेबल फ्रेंडली बनाया जाए. उन्हें कहा गया कि दिव्यांगों के डिब्बे में जाएं. लेकिन विराली ने देखा कि ट्रेन में डिसेबल्ड लोगों के लिए जो डिब्बे बने हैं, उनकी हालत बहुत खराब है. विराली ने फिर एक मुहीम शुरू की. ट्रेन और होटलों को डिसेबल फ्रेंडली बनाने की मुहीम. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ट्वीट कर ये दिक्कत रखी. विराली आज भी डिसेबल लोगों के राइट्स के लिए लड़ रही हैं. उन्हें मोटिवेट कर रही हैं.

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