'मां और भाई मारते थे, घर से निकलने पर भी रोक लगी थी', साक्षी ने बताई अपनी कहानी

बचपन से लेकर आज तक साक्षी ने क्या-क्या झेला, ये सुनकर आंसू आ जाएंगे.

उमा मिश्रा उमा मिश्रा
जुलाई 13, 2019
साक्षी मिश्रा, उनके पति अजितेश और उनके पापा राजेश मिश्रा. (लेफ्ट से राइट)

साक्षी मिश्रा, जो विधायक की बेटी हैं, उन्हें पुलिस ने प्रोटेक्शन देने का ऐलान कर दिया है. पुलिस ने एक टीम बनाई है. इसमें एक सब इंस्पेक्टर, एक कांस्टेबल और एक महिला कांस्टेबल हैं. ये टीम उन लोगों को नोएडा के फ़िल्म सिटी सेक्टर 16 में तलाश करेगी, क्योंकि उनके सही पता और फोन नंबर किसी के पास नहीं हैं. मीडिया में लगातार बयान आ रहे हैं. इसलिए टीम उन्हें मीडिया हाउसेस के पास तलाशेगी. 15 जुलाई को इलाहाबाद कोर्ट में सुनवाई है. उसके लिए साक्षी और अजितेश सही सलामत पहुंच सकें, ये यूपी पुलिस की जिम्मेदारी होगी.

वहीं, साक्षी के पापा यानी बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा,

'मुझे उसमें कुछ कहना नहीं है. मीडिया में जो मेरे खिलाफ चल रहा है, वो सब गलत है. बेटी बालिग है. उसको निर्णय लेने का अधिकार है. न हमने उसे कोई फोन किया, न हमने उसे कोई धमकी दी. न हमारे परिवार के किसी व्यक्ति ने दी. न हमारे किसी आदमी ने दी. और हम लोग अपने काम में व्यस्त हैं. बीजेपी सदस्यता अभियान चल रहा है, उसमें जा रहे हैं. जो गरीब कन्याओं की शादी हो रही है, उसमें जा रहे हैं. आप लोग देख रहे हैं. बाकी मुझे इसमें कुछ नहीं कहना. वो जहां भी है खुश रहे. बालिग है, उनको निर्णय लेने का अधिकार है. मैंने तो विज्ञप्ति भी जारी कर दी है.'

mla_750_071319054249.jpgवो लेटर जो विधायक राजेश मिश्रा ने जारी किया है.

इसी बात पर साक्षी ने आज तक की खास बातचीत में कहा,

'मुझे अपने पापा की बातों पर बिल्कुल विश्वास नहीं है. इनकी बात सुनकर ही मैंने कहा कि हम भी मीडिया के पास जाएंगे. हेल्प लेंगे उनकी. क्योंकि जो स्टेमेंट उन्होंने दिया है, उसमें वो एकदम नॉर्मल रिएक्ट कर रहे हैं. इतना नॉर्मल रिएक्ट तो उन्होंने आज तक किसी भी बात पर नहीं किया. और ये चीज़ तो बड़ी है उनके लिए, कि मैंने उनके अगेंस्ट जाकर घर से भागकर शादी कर ली.'

साक्षी ने बताया कि वो तीन जुलाई को घर से भागी थीं, और 4 जुलाई को अजितेश से शादी कर ली. उनका परिवार उनके खिलाफ इसलिए है, क्योंकि अजितेश दलित जाति के हैं. पर उनके पापा का कहना है कि अजितेश और उनके पापा तो घर पर आकर खाते-पीते थे, उनकी जाति से उन्हें कोई आपत्ति नहीं हैं.

वहीं, साक्षी के मुताबिक, वो जब से घर से भागी हैं, उनके पास कोई कॉल या मैसेज नहीं आया है. पर उनका नंबर सर्विलांस पर लगा दिया गया था. वो लोग इलाहाबाद के एक गेस्ट हाउस में थे. सुबह 8 बजे अजितेश ने देखा कि राजीव राणा, जो विधायक के दोस्त हैं, उनके दो आदमी गेस्ट हाउस के रिसेप्शन पर बोल रहे थे, कि उन्हें राजीव ने भेजा है. (साथ ही उस गेस्ट हाउस में भी बात की गई. जहां बात करके ये पुष्टि हुई कि दो लोग आए थे, और पूछ रहे थे). अजितेश उन दोनों को पहचानता था, तो वो तुरंत बहाना बनाकर वहां से हट गया और सीधे साक्षी को पूरी बात बताई. होटल के मालिक ने उन्हें पीछे के रास्ते से बाहर जाने में मदद की.

sakshi_750_071319054532.jpgसाक्षी, आज तक चैनल के स्टूडियो में. 

उसके बाद साक्षी और अजितेश, बांदा की बस में बैठकर वहां से चले गए. साक्षी ने बताया,

'मैंने बरेली एसएसपी को कॉल किया. अननोन नंबर से किया था और कहा था कि मैं और अजितेश भागते-भागते परेशान हो चुके हैं, जान को खतरा भी है. मेरे पापा के लोग हमारे पीछे लगे हुए हैं. तो उन्होंने ये बोलकर फोन काट दिया कि हम इसमें आपकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं, जब तक कोर्ट का ऑर्डर नहीं मिलेगा. हम कोर्ट पहुंच ही नहीं पा रहे थे. क्योंकि कोर्ट के बाहर पापा के आदमी बैठे हुए थे. उसके बाद ही हमने वीडियो बनाकर वायरल किया था.

साक्षी ने बताया कि उन्होंने फोन बंद कर दिया था. जितने भी नए नंबर वो लोग ले रहे थे, उसकी लोकेशन तुरंत टैप कर ली जा रही थी. जह उन्होंने फोन ऑन किया, तब भाई का एक मैसेज आया था. जिसमें वो बोल रहा है कि 'तू कहां हैं, तू वापस आ जा'. 'शीनू तूने सब मिट्टी में मिला दिया है. तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, तू जहां भी है, वापस आ जा.'

मैंने आईजी से पूछा कि पुलिस पापा की हेल्प क्यों कर रही है, तो उन्होंने बताया कि आपके पापा ने मिसिंग की शिकायत करवाई है. फिर मैंने उन्हें बताया कि हम मिस नहीं हैं, हमने अपनी मर्जी से शादी की है.

चार जुलाई को शादी हुई थी. तीन जुलाई को मम्मी-पापा लखनऊ गए हुए थे. मैं 3 जुलाई को घर से निकली थी. घर पर मेरा एक कज़िन और बहन थी. अजितेश ने मुझे पिक कर लिया था. हम कार से इलाहाबाद गए. मम्मी-पापा लखनऊ हाईवे से वापस आ रहे थे. तो हम उस रास्ते से नहीं गए.

पापा के स्टेटमेंट को लोग राजनीतिक मोड़ दे रहे हैं. जबकि मैं उनकी बच्ची हूं, मैं जानती हूं कि घर में मेरे साथ क्या-क्या होता था. मैंने झेला है. मेरे साथ जो हुआ है, वो किसी भी लड़की के साथ शायद ही हुआ होगा.

मुझे मास्टर्स करना था. पर घर वालों ने नहीं भेजा. मेरे लिए लड़का देखा जा रहा था. मुझे ये बात पता थी कि वो लड़का भी वही पसंद करेंगे, जो उनकी तरह सोच रखता होगा, तो मैं शादी के बाद घुट-घुटकर जीना नहीं चाहती थी.

sakshi-2_750_071319054408.jpgहोली के दिन की फोटो, जिसमें साक्षी अपने पापा राजेश मिश्रा के साथ हैं.

मैंने पहले ही बोल दिया था अजितेश को, कि अगर घरवाले मुझे मास्टर्स के लिए भेज देंगे, तो आप अपने घरवालों की पसंद की लड़की से शादी कर लेना. पर ऐसा नहीं हुआ और फिर मैंने इनसे शादी कर ली.

घर में कोई भी बात होती थी, तो मम्मी बढ़ा-चढ़ाकर बोलती थी कि शीनू तुम्हारी वजह से पापा परेशान हैं. भले ही किसी और वजह से परेशान होते हों, पर मुझे ये एहसास करवाया जाता था कि वो मेरी वजह से परेशान हैं.

भाई को पता था कि मैं अजितेश से बात करती हूं. मेरे भाई को पता चला, तो उसने पूछा कि तुम दोनों रिलेशन में हो, क्या ये सच है. तो मैंने बोला हां, हम तीनों बैठकर बात करते हैं. बस मम्मी को मत बताना क्योंकि मम्मी हर बात पर ओवर रिएक्ट करती हैं.

उसने बोला ठीक है. दो दिन बाद आकर बोला कि तेरी बदनामी हो रही है, मेरी बेइज्जती नहीं हो रही है. और मुझे थप्पड़ मार दिया और काफी गलत-गलत बोलने लगा.

मुझे अगर घर से बाहर अपने काम के लिए जाना होता है, तो भी मैं नहीं जा सकती थी.

अजितेश और मेरा भाई करीब 20 साल से दोस्त थे. उसके बावजूद वो मेरी शादी इनसे नहीं कराना चाहते थे, क्योंकि जाति एक नहीं थी. और तो और मेरी मम्मी भी मुझे निगेटिव खबरें पढ़ाती थीं, कि उस लड़की ने ऐसा किया तो उसके पापा ने उसको मार दिया. मुझे डराती थीं कि मैं कुछ गलत न करूं.

मैं फोन इस्तेमाल करती थी, ये मेरे पापा को पता नहीं था. ये सुनकर ही अंदाजा लगा लीजिए कि मेरे साथ कितनी पाबंदी थी. मास कम्यूनिकेशन भी वहां करवाया, जहां पर फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे.

मेरा भाई-मम्मी सब गलत-गलत बोलते थे. मारते थे. पापा ने कभी मौका ही नहीं दिया कि मैं उन्हें कुछ बता सकूं. कुछ शेयर कर सकूं.

पापा से यही कहना चाहूंगी मैं पढ़ना चाहती थी, बाहर नहीं भेजना चाहते थे, तो ऑफिस में ही बैठने देते, जैसे भाई को बैठने देते हैं. जितनी इम्पॉर्टेंस भाई-बहन को देते हैं, उतनी मुझे भी देनी चाहिए थी. आपने मेरी बातों को कभी सीरियसली नहीं लिया. आप प्लीज अपनी सोच बदलें. लड़की के गलत काम से परिवार की इज्जत नहीं जाती है. लड़के के गलत काम से भी परिवार की इज्जत चली जाती है.

ajitesh2_750_071319054502.jpgसाक्षी और उनके पति अजितेश. फोटो कर्टसी: साक्षी समाचार.

उधर, राजीव राणा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से साफ इन्कार किया है. उन्होंने कहा कि वो ऑफिस में ही बैठ रहे हैं. किसी को शक हो तो उनके घर और ऑफिस की सीसीटीवी फुटेज भी देख सकता है.

अजितेश ने बताया कि उनकी शादी होनी थी. दिसंबर, 2016 में शादी थी. पर अक्टूबर, 2016 में उनकी मम्मी की डेथ हो गई थी. इस वजह से जिस लड़की से उनकी सगाई हुई थी, उससे शादी की डेट आगे बढ़ गई थी. फिर बाद में मेरा मन सही नहीं था, तो मैंने शादी के लिए ही मना कर दिया था. ये पूरी बात मैंने साक्षी को बताई थी. ऐसा नहीं है कि ये बात छिपी हुई है.

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