तीन साल पहले बच्ची लापता हुई थी, अब 10 लाख की फिरौती के लिए फोन आया है

बच्ची तीन साल पहले आखिरी बार एक महिला के साथ दिल्ली एयरपोर्ट में दिखी थी.

रजत रजत
जुलाई 13, 2019
लेफ्ट- बच्ची की तस्वीर. राइट- बच्ची के लिए प्रोटेस्ट हुए थे.

क़रीब 3 साल पहले नोएडा के सेक्टर-22 से एक बच्ची को किडनैप किया गया था. अब उस बच्ची के मां-बाप से 10 लाख की फिरौती मांगी जा रही है. मई 2016 में कशिश रावत का अपहरण घर के पास बने पार्क से हुआ था. पुलिस और परिवार की तमाम कोशिशों के बाद भी कशिश नहीं मिल पाई थी. अब करीब 3 साल बीत जाने के बाद उसके परिवार को फोन आ रहे हैं. कशिश के पिता संजय रावत ने पुलिस को इस बारे में जानकारी दी है. संजय के मुताबिक, 8 से 10 जुलाई के बीच उन्हें 10 नंबरों से कई बार फोन आए हैं. फिरौती मांगने वालों ने संजय से पूछा कि क्या वो अपनी बेटी को वापस चाहते हैं? ज़ाहिर तौर पर संजय ने इस बात पर हां कहा. इस पर सामने से 10 लाख की मांग की गई. संजय ने बच्ची की फोटो भेजने को कहा. पर बार-बार कहने के बाद भी फोटो नहीं भेजी गई. यानी उनके पास कशिश है भी या नहीं, कह पाना मुश्किल है.

कशिश के अगवा होने के बाद प्रशासन का रवैया सुस्त था. इसके बाद NCR के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे. कशिश के अगवा होने के बाद प्रशासन का रवैया सुस्त था. इसके बाद NCR के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे.

संजय को फिर भी उम्मीद थी. इसलिए वो उत्तराखंड स्थित गांव से निकलकर नोएडा पहुंचे और सेक्टर 24 के थाने में जानकारी दी. पुलिस ने शुरुआती जांच में बताया कि जिन नंबरों से फोन आ रहे थे वो नंबर तेलंगाना की तरफ के हैं.

दिल्ली में हुए प्रदर्शन की तस्वीर. (फोटो: ट्वीटर))दिल्ली में हुए प्रदर्शन की तस्वीर. (फोटो: ट्वीटर)

केस क्या था

कशिश 12 मई, 2016 की शाम नोएडा सेक्टर-22 एच-ब्लॉक के पार्क में खेल रही थी. काफी देर शाम तक जब वो नहीं दिखी तो घरवाले चिंता में पड़ गए. कशिश के पिता संजय और मां सरिता ने रात करीब 8 बजे तक बच्ची के नहीं मिलने पर पड़ोसियों के पास तलाशना शुरू कर दिया. लेकिन कशिश आसपास कहीं नहीं थी. परिवार पुलिस के पास पहुंचा लेकन पुलिस ने फौरन रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया. 24 घंटे तक बच्ची के लौटने का इंतजार करते रहे. जब पूरी घटना को क़रीब से जांचा गया तो पता चला कि उस दिन पार्क के पास में ही जागरण का कार्यक्रम था. वहां एक संदिग्ध व्यक्ति था जो काफी समय से पार्क में आकर बैठा करता था. उसी पर शक हुआ कि वो कशिश को लेकर गया होगा.

13 मई, 2016 को जब मामला बढ़ा तो सेक्टर-24 थाने की पुलिस ने मामला दर्ज किया. पहले गुमशुदगी और फिर किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. जब कशिश नहीं मिली तो दिल्ली, नोएडा और आसपास के शहरों में मार्च निकाला गया था. दिल्ली-एनसीआर में बड़ी संख्या में ऑटो पर बच्ची की फोटो लगाकर तलाश की गई थी. जांच में पता चला कि बच्ची को नोएडा में आखिरी बार एक ऑटो वाले के साथ देखा गया था. सेक्टर-18 के आसपास. उस ऑटो वाले का स्केच भी बनाया गया था. इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट पर बच्ची को एक महिला के साथ सीसीटीवी में देखा गया था, लेकिन फिर भी कोई सुराग नहीं मिल पाया था.


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