'पति ने रात को 3.30 बजे मुझे तीन तलाक दिया, सास कह रही हलाला करके लौट आओ'

'दूसरी औरत के साथ अफेयर था, मुझे मारता-पीटता था.'

ऑडनारी ऑडनारी
जुलाई 23, 2019
आरोपी पति अकरम और तीन तलाक पीड़ता यास्मीन शेख. फोटो- संजय राठौड़

ये कहानी उस औरत की है, जिसके पति ने उसे शादी के चार साल बाद, रात को साढ़े तीन बजे तीन तलाक दे दिया. इस औरत का नाम यास्मीन शेख है. उम्र 23 साल है. गुजरात के सूरत में रहती हैं. यास्मीन ने खुद हमसे बात की, और अपनी कहानी हमें बताई. उनकी जुबानी ही आप जानिए कि उनके साथ क्या-क्या हुआ-

'चार साल पहले, जब मैं 18 की हुई ही थी, तब मेरे घरवाले मेरे लिए लड़का खोज रहे थे. सूरत के ही अकरम पीर मोहम्मद से मेरी शादी तय हुई. उन्हें लोग पीरू शेख भी कहते हैं. वो कारपेंटर थे. शादी से पहले, अकरम के घरवालों ने मेरे मां-बाप से कहा था कि वो मुझे शादी के बाद अपने घर में रखेंगे. उनका अपना घर है. मेरे मां-बाप को सब सही लगा, इसलिए रिश्ता हो गया. मेरी शादी अकरम से हो गई. मैं ससुराल पहुंची. वहां मेरी एक जेठानी भी थी, वो भी उसी घर में रहती थी. शादी के कुछ दिन बाद ही मेरी सास, ससुर और जेठानी मुझे परेशान करने लगे. घर के कामों को लेकर मेरे से झगड़ा करने लगे.

झगड़ा बढ़ने लगा, मेरे साथ उन लोगों का बर्ताव भी बुरा होने लगा. मेरे पति ने मुझसे कहा कि अब हम अलग रहेंगे. पहले कहा था कि वो अलग से कमरा लेकर मुझे उसमें रखेंगे. हम लोग रांदेर जिमखाने के पास रहने चले गए. लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद, घर के किराए का पैसा भी मेरे से मांग लिया. कहा कि घर का किराया भी मुझे ही भरना होगा. मेरे पास पैसे नहीं थे, कहां से देती. उसके बाद अकरम ने मुझे मायके छोड़ दिया. मेरे पास रहने की और कोई जगह भी नहीं थी, मैं वहीं रहने लगी. बीच-बीच में अकरम मुझसे मिलने आते थे. मेरी मां, पैसों से भी मेरी मदद करती थीं. करीब दो साल तक मैं वहां रही. उस बीच मैं प्रेगनेंट भी हो गई. मेरी एक बेटी हुई.

बाद में अकरम ने अलग से कमरा लिया, और मैं उनके साथ रहने लगी. लेकिन वो देर रात तक घर नहीं आते थे. उन्हें शराब पीने की भी बुरी आदत थी. उनका किसी दूसरी औरत के साथ अफेयर भी शुरू हो गया. कुछ समय बाद वो मुझे ताने मारने लगे. मेरी मां, हमेशा से मुझे पैसे देती थी. उन्हीं पैसों से मेरे घर का काफी सारा खर्चा निकलता था. अकरम को ऑटो खरीदना था, उसके लिए उन्हें 40 हजार रुपए चाहिए थे. मेरी मां ने ही किसी तरह करके पैसे जुटाए, और अकरम को दिए. मेरी मां, से जितना बनता था, वो मेरी मदद करती थी. वो सोचती थीं, कि बेटी का घर बसा रहे. लेकिन करीब एक महीने पहले मेरी मां गुज़र गईं. मां के जाने से मैं दुखी तो थी ही, लेकिन अकरम ने मेरे दुख को और भी ज्यादा बढ़ा दिया. मां के जाने के बाद भी वो मुझे परेशान करता था. पैसे मांगता था, मैं कहां से लाती?

teen-talaq_072319014650.jpgयास्मीन शेख की तस्वीर. फोटो- रिपोर्टर संजय राठौड़

मुझे पीटता भी था, आए दिन ताने मारता कि छोड़ दूंगा-छोड़ दूंगा. फिर अभी 8 जुलाई के दिन मैं अकरम के साथ अपने ससुराल गई. बीच-बीच में जाती रहती थी. उस रात को भी मैं वहीं पर थी. लेकिन अकरम नहीं था. वो कहीं बाहर था. वो कई बार रात में दारू पीकर देरी से घर लौटता था. उस रात भी वो देरी से आया. करीब 3.30 बज रहे होंगे. आकर हंगामा करने लगा. मुझे बुरा-भला कहने लगा. फिर उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया. मोहल्ले वाले भी अपने घरों से बाहर निकलकर तमाशा देखने लगे. मेरे सास-ससुर भी जग चुके थे. अकरम ने उन सारे लोगों के सामने, रात 3.30 बजे मुझे तीन तलाक दे दिया. और वहां से चला गया.

सुबह मेरी सास ने मुझे मायके छोड़ दिया. अब वो कह रही हैं, कि अगर मैं दोबारा अकरम से शादी करना चाहूंगी, तो मुझे उसके लिए निकाह हलाला करना होगा. यानी किसी दूसरे आदमी से शादी करनी होगी, उसे तलाक देना होगा और उसके बाद ही मैं अकरम को दोबारा पत्नी बनने के लायक बन पाऊंगी. मैं अब उस घर में वापस नहीं जाना चाहती. मैं किसी दूसरे आदमी से भी शादी नहीं करना चाहती. मैंने इतने साल तक बहुत कुछ सहन किया है. सास-ससुर के अत्याचार, पति की डांट-मार, लेकिन अब मैं दोबारा वो सब कुछ नहीं सहन कर सकती. मैंने उन सबके खिलाफ केस कर दिया है, मुझे उम्मीद है कि इंसाफ होगा.'

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