मिंटी अग्रवाल: युद्ध सेवा मेडल जीतने वाली पहली महिला की कहानी
विंग कमांडर अभिनंदन से है गहरा कनेक्शन

15 अगस्त का दिन. बरसों की गुलामी से निकलकर आजाद हवाओं को अपनी सांसों में भरने का दिन. 15 अगस्त को हर साल कुछ परंपराएं भी दोहराई जाती हैं, लेकिन हर बार वो तरोताजा ही लगती हैं. 15 अगस्त की सुबह प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से तिरंगा बुलंद करते हैं. देश को संबोधित करते हैं. इन सबके बीच एक खास कार्यक्रम भी चलता है. वीरता पुरस्कार देने का. सालभर में असाधारण वीरता दिखाने वाले सैनिकों को सलाम करने के लिए.
इस साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विंग कमांडर अभिनंदन को वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा. अभिनंदन ने बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत की सीमा में घुस रहे पाकिस्तानी एफ-16 फाइटर विमान को मार गिराया था. इस ऑपरेशन की एक अहम सदस्य स्कवाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल को युद्ध सेवा मेडल दिया जाएगा. मिंटी अग्रवाल विंग कमांडर अभिनंदन के ऑपरेशन के वक्त रडार कंट्रोलिंग सिस्टम पर तैनात थीं.
तस्वीर: ट्विटर
युद्ध सेवा मेडल देने की शुरुआत 26 जून 1980 को हुई थी. यह मेडल युद्ध, संघर्ष या विषम परिस्थितियों में असाधारण बहादुरी दिखाने के लिए दिया जाता है. 35 सेंटीमीटर के व्यास वाला यह मेडल सोने से बना होता है. सोने के रंग वाली पट्टी में गुंथे इस मेडल के एक तरफ सितारे की आकृति बनी होती है. दूसरी तरफ भारत सरकार के राष्ट्रीय चिन्ह के साथ हिंदी और अंग्रेजी में 'युद्ध सेवा मेडल' लिखा होता है. ये वीरता पुरस्कार से अलग होता है.
Indian Air Force's Squadron Leader Minty Agarwal to be conferred with Yudh Seva Medal for her role as a fighter controller during the February 27 aerial conflict between India & Pakistan post IAF airstrikes in Balakot. https://t.co/gW8rNDd0fD
- ANI (@ANI) August 14, 2019
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ. इस हमले में 44 जवान शहीद हुए थे. हमले की जिम्मेदारी पाक स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. 27 फरवरी की सुबह 3:30 बजे भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान पाकिस्तान स्थित बालाकोट पहुंचे. और वहां बने आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर वापस लौट आए. जब तक सुबह की शुरुआत हुई. पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मच चुका था. दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया.
पाकिस्तान ने भी अगले दिन जवाबी हमला करने की सोची. पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारत की तरफ बढ़ने लगे. मिंटी अग्रवाल को जैसे ही पाकिस्तानी विमानों के आने का पता चला, उन्होंने इसकी सूचना श्रीनगर में वायुसेना के बेस पर पहुंचा दी. वहां अभिनंदन की टीम अलर्ट पर थी. उनके पूरे ऑपरेशन के दौरान मिंटी ने बिना परेशान हुए सटीक सूचना देकर राह आसान कर दी. जब अभिनंदन एलओसी पार कर गए थे तब मिंटी ने उन्हें फ़ौरन वापस लौटने के लिए कहा था. लेकिन कम्यूनिकेशन जैम था, और अभिनंदन के एयरक्राफ्ट में एंटी जैमिंग टेक्निक नहीं थी. इस वजह से ये कम्यूनिकेशन उन तक पहुंच नहीं पाया. हालांकि बाद में पाकिस्तान ने अभिनंदन को भारत वापस लौटा दिया था.
ये सम्मान पाने वाली मिंटी सैन्य इतिहास में पहली महिला हैं.
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