सोनिया गांधी ने सब कुछ भुलाकर जेटली के परिवार को ये चिट्ठी लिखी है जो पढ़नी चाहिए
प्रणब मुखर्जी ने भी लेटर लिखकर अरुण जेटली की पत्नी को सांत्वना दी.

दुख की इस मुश्किल घड़ी में शब्दों के कोई मायने नहीं रह जाते. लेकिन मैं आपसे, आपकी बेटी से और आपके बेटे से यह कहना चाहती हूं कि मैं इस दर्द की साझेदार हूं.
ये उस चिट्ठी की आख़िरी लाइन है जो सोनिया गांधी ने लिखी है. संगीता जेटली को. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पत्नी. जेटली ने 24 अगस्त की दोपहर दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली. राजनीति, खेल, सिनेमा, कानून, बिजनेस लगभग हर क्षेत्र के दिग्गजों ने जेटली के निधन पर शोक व्यक्त किया. पीएम मोदी देश में नहीं हैं. उन्होंने फोन पर जेटली के परिवार से बात की. ट्वीट किए. बताया कि जेटली का जाना उनके लिए व्यक्तिगत हानि है. कई लोग जेटली से जुड़े अपने क़िस्से और अनुभव साझा कर रहे हैं.
जेटली का पार्थिव शरीर. और पास में बैठी उनकी पत्नी, बेटी सोनाली और बेटा रोहन. सैकड़ों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके घर तक पहुंचे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी जेटली के अंतिम दर्शन को पहुंचीं. राजनीति के मंच पर हमेशा सोनिया और अरुण जेटली अलग-अलग खेमों में नज़र आए. एक-दूसरे पर हमले करते हुए. लेकिन मृत्यु के बाद राजनीति नहीं बची, बच गए वो संबंध जो जेटली ने अपने जीवन में कमाए. ख़ैर.
सोनिया उनके आखिरी दर्शन को पहुंचीं. संगीता जेटली से गले मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया. और फिर उनके नाम एक चिट्ठी लिखी. लिखा- मैं आपके दर्द की साझेदार हूं.
Congress President Smt Sonia Gandhi expresses her condolences to Smt Sangeeta Jaitley on the untimely demise of Shri Arun Jaitley. pic.twitter.com/m4fEio6r2n
— Congress (@INCIndia) August 24, 2019
सोनिया के ख़त की ये लाइन हमें मई 1991 में लेकर चली जाती है. राजीव गांधी की हत्या हो गई थी. अंतिम संस्कार की वो तस्वीर नज़र में तैर जाती है, जिसमें राहुल और प्रियंका के साथ काला चश्मा लगाए सोनिया खड़ी हैं. सामने बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी थी. और सोनिया की तरफ तो पूरी कांग्रेस पार्टी उस वक्त उम्मीद से देख रही थी.
राजीव गांधी की हत्या से ठीक पहले पत्रकार नीना गोपाल ने उनका इंटरव्यू किया था. द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में नीना गोपाल ने बताया था कि राजीव की हत्या के कुछ दिन बाद सोनिया ने उन्हें घर पर बुलाया था. सोनिया ने उनसे पूछा था-
'मुझे सबकुछ बताओ. उन्होंने क्या कहा था. उनका मूड कैसा था. उनके आखिरी पल कैसे थे. मैं आपसे सब सुनना चाहती हूं. हर छोटी से छोटी बात. क्या वो खुश थे? क्या वो परेशान थे? उनके आखिरी शब्द क्या थे?'
उस वाकये के 28 साल बाद. आज संगीता जेटली के पति इस दुनिया में नहीं रहे. जिन परिस्थितियों में सोनिया और संगीता से उनके जीवनसाथी का साथ छूटा वो बेहद अलग हैं. लेकिन सोनिया गांधी का खुद को उनके दर्द का साझेदार बताना भावुक करता है. क्योंकि वो बेहतर समझती हैं कि जीवनसाथी को खोने का, अकेले रह जाने का दर्द क्या होता है.
इसे भी पढ़ें : कांग्रेस पर हमलावर रहे अरुण जेटली की शादी कांग्रेस के ही कद्दावर नेता की बेटी से हुई थी
वीडियो देखें :
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे