केवल वोट डालने विदेश यात्रा बीच में छोड़ भारत लौटी महिला, यहां वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं था

'भारत के नागरिक के तौर पर सबसे बुरा दिन था'

लालिमा लालिमा
अप्रैल 12, 2019
शोभना कामिनेनी, अपोलो अस्पताल की वाइस चेयरपर्सन हैं. फोटो- ट्विटर

लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. वोटिंग हो रही है. कोई अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर, तो कोई अपनी दुकान बंद करके वोट डालने जा रहा है. कोई एक शहर से दूसरे शहर जा रहा है, वोट डालने. कुछ लोग तो ऐसे हैं, जो दूसरे देश में रहते हैं, लेकिन स्पेशली वोट डालने के लिए वो भारत आ रहे हैं. मतलब, लोग पूरी जद्दोजहद कर रहे हैं, कि उनका मताधिकार बेकार न जाए. अब जरा सोचिए कि आप अपने शहर से बहुत दूर रहते हैं, सोचिए कि आप विदेश में हैं, और आप वोट डालने किसी तरह अपने देश, अपने शहर आते हैं. पोलिंग बूथ तक जाते हैं, और वहां जाकर आप देखते हैं कि आपका नाम तो वोटर लिस्ट में है ही नहीं. कैसा लगेगा? जाहिर सी बात है. गुस्सा आएगा. सिर नोचने का मन करेगा.

अब ऐसा ही कुछ एक औरत के साथ असल में हुआ है. औरत का नाम है शोभना कामिनेनी. ये अपोलो अस्पताल के संस्थापक प्रताप सी रेड्डी की बेटी हैं. और अपोलो अस्पताल की वाइस चेयरपर्सन हैं. शोभना विदेश की यात्रा पर थीं. लेकिन इनके शहर में 11 अप्रैल को वोटिंग थी. इसलिए शोभना अपनी विदेश यात्रा आधे में ही छोड़कर वापस आ गईं. 11 अप्रैल के दिन शोभना वोट देने हैदराबाद के पोलिंग बूथ गईं. तो उन्होंने देखा कि उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब हो चुका था.

शोभना ने फिर तुरंत एक वीडियो बनाया. ये वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में शोभना ये कहते दिख रही हैं कि

'भारतीय नागरिक होने के नाते ये मेरे लिए सबसे बुरा दिन है. मैं विदेश यात्रा पर थी, मैं वापस आई, केवल इसलिए कि मैं वोट देना चाहती थी. मैं वोट देने पोलिंग बूथ पर आई. तो मुझसे कहा गया कि मेरा वोट डिलीट कर दिया गया है. क्या मैं भारतीय नागरिक नहीं हूं? क्या मुझे इस देश का नहीं माना जाता. क्या मेरा वोट कोई मायने नहीं रखता. मुझे लगता है कि मेरे साथ अपराध हुआ है. एक नागरिक होने के नाते मेरे खिलाफ क्राइम हुआ है. मैं ये बर्दाश्त नहीं करूंगी. मैंने पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव में वोट दिया था. और मैं उसी बूथ पर लोकसभा चुनाव में वोट देने आई. मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मेरे साथ चीटिंग हुई है.'

शोभना की शिकायत पर चुनाव आयोग का जवाब भी आया. द क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग ने माना कि उनसे गलती हुई है. आयोग ने बताया कि सितंबर 2017 के बाद शोभना का नाम दो बार वोटिंग लिस्ट में आ गया था. किसी गलती की वजह से दोनों ही जगह से शोभना का नाम डिलीट हो गया. आयोग ने इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ईआरओ) से इस गलती के लिए एक्सप्लेनेशन मांगा है. साथ ही ये भी बताया कि मामले की जांच की जा रही है.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक चलेंगे. सात चरणों में वोटिंग हो रही है. पहला चरण 11 अप्रैल को था. हर साल इस तरह की कई सारी घटनाएं सुनने को मिलती हैं. हर चुनाव में ये सुनाई पड़ता है कि वोटर लिस्ट से नाम गायब था, या वोट देने गए तो पता चला कि नाम के आगे मृत लिखा हुआ है. चुनाव की तैयारी कई दिन पहले से होने लगती हैं, फिर भी इस तरह की चूक सामने आती ही हैं.

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