अधेड़ आदमी बच्ची का यौन शोषण कर रहा था, वीडियो वायरल हुआ, उसे शेयर करने वाले अब खतरे में

जिन्होंने लड़की को न्याय दिलाने के लिए वीडियो शेयर किया, उन्हें भी जेल हो सकती है.

सोशल मीडिया पर दो दिन से एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एक अधेड़ उम्र का शख्स दिखाई दे रहा है. उसके पास एक 7-8 साल की बच्ची खड़ी है. शख्स बच्ची से उसके प्रायवेट पार्ट टच करा रहा है.

किसी ने उस शख्स की इस हरकत का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. इसके बाद से लोग धड़ल्ले से इस वीडियो को तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने लगे.

कुछ लोगों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि ‘वीडियो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए, ताकि आरोपी को पकड़ा जा सके.’

खैर, आरोपी गिरफ्तार हो चुका है. वीडियो में दिख रही बच्ची नाबालिग है, इसलिए आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

क्या है पॉक्सो एक्ट?

सबसे पहले ये समझें कि ये (POCSO) पॉक्सो है. (POSCO) पॉस्को नहीं. ये बताना इसलिए ज़रूरी था क्योंकि लोग अक्सर पॉक्सो एक्ट को पॉस्को बोलते या लिखते हैं. POSCO एक स्टील कंपनी है. जबकि POCSO (Protection Of Children From Sexual Offence Act ) यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम. और हम यहां इसी एक्ट की बात कर रहे हैं.

बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण के लगातार बढ़ते मामलों को रोकने के लिए साल 2012 में केन्द्र सरकार ने पॉक्सो एक्ट को पास किया. इसके तहत नाबालिग बच्चों(लड़का-लड़की दोनों) के साथ होने वाले यौन अपराध में कार्रवाई के साथ-साथ बच्चों को सेक्शुएल हैरेसमेंट, सेक्शुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा मिलती है. इस एक्ट के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की जाती है.

पॉक्सो एक्ट की धारा-7 के तहत 'सेक्शुअल असॉल्ट' को परिभाषित किया गया है. अगर कोई शख्स किसी बच्चे के प्राइवेट पार्ट को टच करता है या अपने प्राइवेट पार्ट को बच्चे से टच कराता है तो सजा के तौर पर धारा-8 के तहत 3 साल से लेकर 5 साल तक कैद हो सकती है.

पॉक्सो एक्ट की धारा-11 में बच्चों के साथ सेक्शुअल हैरेसमेंट को परिभाषित किया गया है. अगर कोई शख्स गलत नीयत से बच्चों के सामने सेक्शुअल हरकतें करता है, या उसे ऐसा करने को कहता है, पोर्नोग्राफी दिखाता है, तो 3 साल तक कैद की सजा हो सकती है. वहीं अगर कोई शख्स किसी बच्चे का इस्तेमाल पोर्नोग्राफी के लिए करता है, तो यह भी गंभीर अपराध है. ऐसे मामले में अपराधी को उम्रकैद हो सकती है.

वीडियो फॉरवर्ड करने वालों को भी हो सकती है जेल

आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है, लेकिन इस वीडियो को अब भी शेयर किया जा रहा है. लोग बिना जाने कोई अपडेट लिए वीडियो को आगे बढ़ाए जा रहे हैं. जैसा हमेशा करते हैं. ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं इस तरह के वीडियो शेयर करना कानूनन अपराध है. हमने इस बारे में सायबर क्राइम लॉयर अतुल कुमार से बात की. उन्होंने हमें बताया कि ये काम चाइल्ड पोर्नोग्राफी कानून के तहत आता है. अगर कोई इंसान बच्चों की पोर्नोग्राफिक वीडियो शेयर करता पाया जाता है, तो उसपर सजा और जुर्माना दोनों लगाया जा सकता है. इसके अलावा चाइल्ड पोर्न क्राइम में आईटी एक्ट की धारा-66 अ के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इसमें आरोपी को 3 साल की सजा का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें- भाई ने प्रेगनेंट बहन को गोली मार दी क्योंकि उसने दूसरी जाति के लड़के से शादी की थी

 

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group