यूट्यूब पर प्रैंक के नाम पर चल रहे हैं यौन शोषण के वीडियो

अगर आपने भी को कोई ऐसा वीडियो देखा है तो उसे रिपोर्ट करिए.

(फ़ोटो कर्टसी: YouTube)

एक लड़की सड़क पर चल रही. एक आदमी उसके पास आता है. कहीं का रास्ता पूछता है. लड़की उसे बताना शुरू करती है. वो आदमी उसके हिप्स पर मारता है. फिर वहां से भाग जाता है. इसके बाद वो दूसरी लड़की के पास जाता है. उसके साथ भी वही करता है. फिर एक और लड़की, फिर एक और. ये देखकर लाखों लोग हंसने लगते हैं.

कोई ये सब देखकर हंस कैसे सकता है? यही सोच रही हैं न आप? ये तो यौन शोषण है. और इसकी सज़ा तो जेल है.

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

दरअसल ये हरकत वीडियो पर रिकॉर्ड की जाती है. फिर यूट्यूब पर इसे ‘प्रैंक’ यानी मज़ाक का नाम देकर अपलोड किया जाता है. दुनियाभर में लोग इसे देखते हैं. इसपर हंसते हैं. इसे यौन शोषण का नाम नहीं दिया जाता. ऐसा करने वालों को कोई सज़ा नहीं होती.

मज़ाक के नाम पर यौन शोषण

आगे बढ़ने से पहले ये कुछ स्क्रीनशॉट देखिए.

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

यूट्यूब पर ऐसे हज़ारों वीडियो मौजूद हैं. कभी कोई किसी लड़की को राह चलते चूम लेता है. कोई उनके ब्रेस्ट्स दबाकर भाग जाता है. कोई उनकी चुटकी काट लेता है. लड़की गुस्सा करती है. चिल्लाती है. पर कुछ नहीं होता. बैकग्राउंड में हंसने की आवाज़ आती है. लोग मज़े लेकर देखते हैं. तभी तो इन वीडियो को लाखों-लाखों व्यू मिलते हैं.

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‘प्रैंक’ का नाम देकर इस तरह के यौन शोषण को सस्ते में निपटा दिया जाता है. क्योंकि ये कैमरे पर हो रहा है. व्यू पाने की चाह में यूट्यूब पर डाला जा रहा है. इसलिए कोई इसे गंभीरता से नहीं लेता. पर लेना चाहिए.

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

सोचिये आप सड़क पर चल रही हैं. आपको कोई ऐसे छूकर चला जाए. कितना गुस्सा आएगा. उससे भी ज़्यादा गुस्सा तब आएगा जब आप कुछ कर नहीं पाएंगी. और ये शोषण दुनियाभर के लोग अपनी स्क्रीन पर देखेंगे.

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

अगर यही हरकत ‘प्रैंक’ के बदले असली में हो तो? कोई कैमरा न हो. ऐसा करने वाला आदमी कोई चैनल न चलाता हो. तब ये बनेगा पुलिस केस. या आसपास खड़े लोग ही उस आदमी को पीट देंगे.

एंटरटेनमेंट के लिए लड़कियों का शोषण हो रहा है

सैम पेप्पर नाम का एक यूट्यूब चैनल है. इसे सैम नाम का आदमी चलाता है. 2014 में उसने एक वीडियो उपलोड किया. वीडियो में उसने अपने एक हाथ को जैकेट के अंदर डाला है. लड़कियों के पास जाकर उनसे रास्ता पूछता है. लड़की रास्ता बताने लगती है. वो अपने हाथ से उनके हिप्स पर मारता है. लड़की चौंक जाती है. फिर वो कैमरे की तरफ़ इशारा करता है. लड़की खीझकर मुस्कुरा देती है.

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

ऐसा वो कई लड़कियों के साथ करता है. ये वीडियो वायरल भी हो जाता है.

इस वीडियो के बाद यूट्यूब पर इस तरह के ‘प्रैंक’ वीडियोज की भरमार आ गई. सब सैम के वीडियो की नक़ल करना चाह रहे थे. वजह थी उस वीडियो की सक्सेस. सैम ने उस वीडियो से खूब पैसे भी कमाए. लड़की से एंटरटेनमेंट के नाम पर यौन शोषण को पसंद किया जा रहा था.

सैम की वीडियो पर बवाल भी मचा. आलोचना भी हुई. तब सैम ने सफ़ाई दी कि वो सोशल एक्सपेरिमेंट कर रहा था. यानी सड़क पर हो रहे यौन शोषण पर लोग कैसे रियेक्ट करते हैं, ये देख रहा था. ज़ाहिर सी बात है ये सफ़ाई अपने आप में एक मज़ाक है.

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(फ़ोटो कर्टसी: यूट्यूब )

हिंदुस्तान में भी ऐसे केसेस हो रहे हैं

इस तरीके के वीडियोज़ सिर्फ़ विदेश में नहीं बन रहे. इनकी इंडिया में भी भरमार है.

2017 में ‘द क्रेज़ी सुमित चैनल’ ने एक वीडियो उपलोड किया. ये एक इंडियन चैनल है. इसमें वो अनजान लड़कियों को सड़क चलते चूम लेता था. अगर साथ में कोई पुरुष होता तो उसके चेहरे पर केक फ़ेंक देता था.

हालांकि आसपास खड़े लोगों को ये ‘मज़ाक’ मज़ाक नहीं लगा. और उन्होंने सुमित को पकड़ लिया. सुमित को माफ़ी मांगनी पड़ी. दिल्ली महिला आयोग ने ट्विटर से ये वीडियो हटाने के लिए भी कहा. जिनके साथ सुमित ने ऐसा किया, पुलिस ने उन लड़कियों से अपील की कि वो सामने आएं. शिकायत लिखवाएं. सुमित के खिलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज हुई.

ऐसे वीडियो बनाने वालों के लिए ये समझना ज़रूरी है कि वो मज़ाक की आड़ में लड़कियां का यौन शोषण नहीं कर सकते. और जो लोग ऐसे वीडियो देखते हैं उन्हें भी इन वीडियोज को चाव से देखने की बजाए, रिपोर्ट करना चाहिए.

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