कबीर सिंह सिगरेट फूंक रहे थे तो तालियां बजीं, रकुल प्रीत फिल्म में स्मोकिंग के लिए ट्रोल हो रहीं

ऑडियंस को दोहरे बर्ताव पर बधाई.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
जुलाई 17, 2019
(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

जून में शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी की फ़िल्म कबीर सिंह रिलीज़ हुई. फ़िल्म में अपने रोल के लिए शाहिद को ख़ूब सिगरेट पीनी थी. शराब पीनी थी. स्क्रीन पर जब लोगों ने जब शाहिद को दो-दो सिगरेट पीते हुए देखा तो ख़ूब सीटियां बजाईं. तालियां ठोकीं.

पिछले दिनों एक विडियो इंटरनेट पर ख़ूब वायरल हुआ. विडियो आने वाली तेलगु फ़िल्म 'मनमधुदु 2' का है. इसमें एक्टर नागार्जुन के साथ रकुल प्रीत भी हैं. रकुल ने तेलगु, तमिल, कन्नड़ फिल्मों के साथ-साथ बॉलीवुड में भी काम किया है. इनकी पहली हिंदी फ़िल्म थी ‘यारियां’. 2014 में रिलीज़ हुई थी. आपने इन्हें फ़िल्म ‘दे दे प्यार दे’ में देखा होगा. अजय देवगन के साथ.

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फ़िल्म 'दे दे प्यार दे' का स्टिल. (फ़ोटो कर्टसी: YouTube)

खैर, रकुल 'मनमधुदु 2' में अवंतिका नाम का रोल प्ले कर रही हैं. उनके रोल को इंट्रोडूस करते हुए मेकर्स ने एक विडियो रिलीज़ किया. उसमें रकुल सिगरेट पीती हुई दिख रही हैं. बस फिर क्या था. लोग लग गए रकुल को ट्रोल करने में. उन्हें दिक्कत थी कि रकुल फ़िल्म के लिए सिगरेट कैसे पी सकती हैं.

अब रकुल ने इस बात का जवाब दिया है. 'पिंकविला' से बात करते हुए रकुल ने कहा:

“मुझे ट्रोल्स से ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता. मुझे लगता है लोगों का काम है कहना. कुछ तो लोग कहेंगे. हम एक रोल प्ले करते हैं. जैसे कबीर सिंह. अगर शाहिद फ़िल्म में सिगरेट पी रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि असल ज़िंदगी में वो स्मोकर हैं. न ही वो स्मोकिंग प्रमोट कर रहे हैं. वो एक रोल प्ले कर रहे हैं. जो ये सब करता है. असल ज़िंदगी में शाहिद एक वेजीटेरियन हैं. हम सबको पता है. लोगों को समझना चाहिए कि फ़िल्म और असल ज़िंदगी में फ़र्क होता है. हम जो फ़िल्म में कर रहे हैं वो हम असल ज़िंदगी में नहीं हैं. वो एक इंसान की कहानी है. फ़िल्म में एक करैक्टर है अवंतिका. वो सिगरेट पीती है. इसका मतलब ये नहीं कि सारी लड़कियां सिगरेट पीती हैं. जब लोग फ़िल्म देखेंगे तो उन्हें समझ में आएगा कि वो ऐसा क्यों करती है. उसे बस एक रोल की तरह ही लीजिए. मेरे लिए ये काफ़ी अलग था. पर मैं ट्रोल्स को ज़्यादा तवज्जो नहीं देती. मेरे पास और बेहतर काम हैं.”

 
 
 
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रकुल ने अपने रोल की तुलना कबीर सिंह से की. ’कबीर सिंह’ के प्रमोशन के दौरान स्मोकिंग से जुड़ा यही सवाल शाहिद से भी पूछा गया. उनका जवाब भी रकुल जैसा ही था.

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असल ज़िंदगी में शाहिद सिगरेट नहीं पीते. (फ़ोटो कर्टसी: YouTube)

शाहिद ने बताया कि फ़िल्म में एक समय में वो दो सिगरेट पी रहे थे. पर असल ज़िंदगी में वो सिगरेट को हाथ तक नहीं लगाते.

ऑडियंस अक्सर रील और रियल का फ़र्क भूल जाती है. एक्टर जो रोल प्ले कर रहा है, उसे ही सच मान लेती है. फिर उसे गालियां देती है. ट्रोल करती है. ये अपने में बहुत बेवाकूफ़ी वाली बात है. दिक्कत ये है कि एक एक्टर को स्क्रीन पर सिगरेट पीते देख बवाल नहीं मचाती. पर हां, वही काम कोई एक्ट्रेस करे तो ये मॉरल इशू बन जाता है.

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