'ये रिश्ते हैं प्यार के' काम करने न करने का फैसला तुम्हारा होना चाहिए, किसी और का नहीं
किसी और के लिए खुद के सपनों को मार देना क्या सही है.
टीवी पर एक सीरियल आता है. नाम है 'ये रिश्ते हैं प्यार के'. सीरियल में 'मिष्ठी' नाम की एक लड़की का कैरेक्टर है. मिष्टी आदर्श, संस्कारी लड़की है, जो मां-बाप की हर बात मानती है. मिष्ठी की अरेंज मैरिज हो रही है. पिछले कुछ एपिसोड्स में उसके साथ जो हुआ वो अरेंज मैरिज के लिए लड़का खोज रही लगभग हर लड़की को झेलना पड़ता है.
मिष्ठी कंफ्यूज है कि वो शादी के बाद वो काम करे या नहीं. दरअसल उसके मंगेतर कुनाल को पसंद नहीं कि वो शादी के बाद कामकाज करे. लेकिन वो अपना करियर बनाना चाहती है. अपने सपने पूरे करना चाहती है. लेकिन मन में शादी टूटने का डर भी है.
सीरियल ही नहीं, आम जिंदगी में भी अक्सर लड़का और उसके परिवारवाले लड़की के सामने शर्त रख देते हैं कि उसे शादी के बाद जॉब छोड़नी होगी. अगर लड़की शादी के बाद भी काम करना चाहती है, तो सबकुछ पसंद होने पर भी रिश्ता करने से मना कर देते हैं. मेरी एक परिचित हैं, उन्होंने बताया कि उसकी एक लड़के से शादी की बात चल रही थी. दोनों एक ही फील्ड में काम करते थे. शादी के लिए लड़के ने शर्त रख दी कि लड़की को जॉब छोड़नी होगी. लड़के ने कहा कि वह बहुत अच्छी है, लेकिन वह और उसके परिवार वाले वर्किंग बहू नहीं चाहते हैं. वजह बताई जॉइंट फैमिली है, घर के काम ही इतने होंगे कि नौकरी कैसे कर पाओगी?
तस्वीर : यूट्यूब
वो जब जॉब करने पर अड़ी रही तो लड़के ने दलील दी की कि सरकारी नौकरी होती तो बात अलग थी. प्राइवेट जॉब में टाइमिंग का ठिकाना नहीं होता है. कैसे मैनेज करोगी?
खैर, एक लड़की शादी के बाद एक नए परिवार से जुड़ती है. जाहिर है उसके लिए उस परिवार के लोगों की पसंद-नापसंद मैटर करनी चाहिए. लेकिन उस परिवार की भी तो जिम्मेदारी है कि होने वाली बहू के सपनों और उम्मीदों का मान रखे. वैसे भी ऐसा इंसान क्या उसके काबिल है जो उसे अपने सपनों का गला घोंटने को कह रहा है?
शादी एक समझौता होती है. दो लोग, दो परिवार एक-दूसरे की अच्छाई के मुताबिक ढलते हैं, छोटी-मोटी कमियों से समझौता करते हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि समझौता एक तरफा ही हो. किसी भी लड़की के लिए सही लड़का वही है, जो उसके सपनों की कद्र करे. उसकी इच्छाओं को समझे. न कि उन्हें खत्म करने के लिए प्रेशर बनाए.
ये सिर्फ मिष्ठी की बात नहीं है. एक लड़की जॉब छोड़ सकती है अगर वो उसे छोड़ना चाहती है. अगर उसे लगता है कि परिवार की जिम्मेदारी उसके लिए ज्यादा जरूरी है. लेकिन जॉब करने या नहीं करने का फैसला उसका होना चाहिए.
जिस करियर को बनाने में आपने कई साल खपा दिये उसपर सिर्फ इसलिए फुलस्टॉप क्यों लगाना कि शादी हो रही है? वैसे भी होने वाला पति कितना भी क्यों न कमाए, लड़की का खुद के पैरों पर खड़ा होना बेहद जरूरी है.
सपनों के टूटने से ज्यादा बेहतर शादी का टूट जाना है. क्योंकि कोई न कोई ऐसा तो जरूर बना होगा जो आपके करियर की इम्पॉर्टेंस को समझेगा. अपने सपनों की लाश पर नया रिश्ता शुरू करना ठीक नहीं.
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