ये पाकिस्तानी लड़कियां पुलवामा हमले का विरोध कर हमारे शहीद जवानों के लिए प्रार्थना कर रही हैं

उनका कहना है कि वो भारत के साथ हैं.

लालिमा लालिमा
फरवरी 20, 2019
पाकिस्तानी महिला पत्रकार सहर मिर्जा. फोटो- फेसबुक

14 फरवरी 2019 के दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ. इस हमले में सीआरपीएफ के 45 जवान शहीद हो गए. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली. हमले के बाद हर भारतीय के मन में गुस्सा है, हर कोई दुखी है. जाहिर सी बात है, गुस्सा होना जायज है. दुखी होना भी जायज है. हर कोई सोशल मीडिया पर लिख रहा है कि पाकिस्तान से बदला लो. इस हमले के बाद पाकिस्तान से भी सोशल मीडिया पर रिएक्शन्स आने लगे हैं.

पाकिस्तान की एक महिला पत्रकार सहर मिर्जा ने 19 फरवरी के दिन अपने फेसबुक अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की. तस्वीर में वो एक तख्ती लेकर खड़ी दिख रही हैं. जिसमें लिखा है, 'मैं एक पाकिस्तानी हूं. और मैं पुलवामा आतंकी हमले की निंदा करती हूं.' इसके साथ ही तख्ती पर #AntiHateChallenge भी लिखा. और #NoToWar भी लिखा. तस्वीर को कैप्शन दिया, 'मैं पाकिस्तान के लिए इंसानियत का सौदा नहीं करूंगी.' कैप्शन में #WeStandWithIndia और #NoToTerrorism भी लिखा. तस्वीर ये जरिए महिला पत्रकार ये संदेश देना चाह रही हैं कि वो इंडिया के साथ हैं और आंतकवाद के खिलाफ हैं.

'अमन की आशा' एक फेसबुक पेज है. इसमें भी सहर ने एक पोस्ट किया. कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की. जिनमें कुछ और लड़कियां भी हाथ में तख्ती पकड़कर खड़ी दिख रही हैं. और तख्ती पर लिखा है, 'मैं एक पाकिस्तानी हूं. और मैं पुलवामा आतंकी हमले की निंदा करती हूं.'

सहर ने इस फेसबुक पोस्ट पर जो लिखा है, वो हम आगे ट्रांसलेट करके लिख दे रहे हैं. पढ़ लीजिए-

'कश्मीर में हुए दर्दनाक आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, हम उससे बेहद दुखी हैं. ऐसे वक्त में हमें जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग सामने आए, जंग और आतंक के खिलाफ आवाज उठाएं. हमने #AntiHateChallenge शुरू किया है, हम इस हमले की निंदा करते हैं. हम हमारे भारतीय दोस्तों के साथ हैं. पाकिस्तानी दोस्तों से अपील करते हैं, कि जो कोई भी हमारे जैसा महसूस कर रहा है, हमारी इस मुहीम में हमारा साथ दे.'

साहिर लुधियानवी की कुछ लाइनें भी लिखीं-

खेत अपने जलें या औरों के, जीस्त फाकों से तिलमिलाती है

टैंक आगे बढ़ें या पीछे हटें, कोख धरती की बांझ होती है

फतेह का जश्न हो या हार का सोग, जिंदगी मय्यतों पे रोती है

जंग तो खुद ही एक मसला है जंग क्या मसअलों का हल देगी

खून ओर आग आज बरसेगी, भूख ओर एहतियाज कल देगी

capture_750_022019111006.jpg'अमन की आशा' पेज के पोस्ट का स्क्रीनशॉट.

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