दो साल पहले बेटा चल बसा था, अब सास ने बहू की दूसरी शादी धूमधाम से कराई
बहू का दुख समझा और मां बनकर सारे फर्ज पूरे किए.
छत्तीसगढ़ में एक जिला है बालोद. वहां से दो किलोमीटर दूर एक गांव है हीरापुर. अभी 24 मई के दिन ही हीरापुर में एक शादी हुई. शादी बाकी शादियों से काफी अलग थी. क्योंकि यहां एक सास ने मां बनकर अपनी बहू की दूसरी शादी करवाई है. बहू पिछले दो साल से विधवा का जीवन जी रही थी. दो साल पहले उसके पति की मौत हो गई थी. अब उसकी सास ने ही उसकी दूसरी शादी करवाई है.
मामले को ठीक-ठीक तरह से जानने के लिए हमने हमारे स्ट्रिंगर किशोर साहू से बात की. उन्होंने हमें बताया कि हीरापुर की चंपा बाई साहू का एक बेटा था. नाम था डोमेंद्र साहू. चंपा ने खुंदनी गांव की रहने वाली ज्ञानेश्वरी साहू से डोमेंद्र की शादी करवाई. लेकिन कुछ साल बाद डोमेंद्र की मौत हो गई. दिन था 20 अप्रैल 2017. किसी दूसरे की शादी के एक कार्यक्रम में डोमेंद्र की मौत हो गई थी. जिसके बाद ज्ञानेश्वरी विधवा हो गई. और पिछले दो साल से अपने ससुराल में रह रही थी.
एक और बात, चंपा बाई साहू के पति की भी कई साल पहले मौत हो चुकी थी. यानी वो भी विधवा थी. उन्होंने किसी तरह अपने बेटे को पाल पोषकर बड़ा किया था और उसकी शादी करवाई थी. सोचा था कि अब सब ठीक रहेगा. लेकिन वही बात, जो सोचते हैं वैसा होता नहीं है. अब चूंकि चंपा बाई ने खुद सारी जिंदगी बिना पति के गुजारी थी, इसलिए वो ये समझती थीं, कि अकेले रहना कितना मुश्किल होता है. इसलिए वो अपनी बहू ज्ञानेश्वरी की हालत समझती थीं. यही कारण था कि उन्होंने ज्ञानेश्वरी की दूसरी शादी कराने का फैसला लिया.
चंपा कहती हैं,
'मैंने हमेशा ही अपनी बहू को बेटी की तरह रखा. उसे बेटी ही माना. डोमेंद्र के जाने के बाद मैंने ज्ञानेश्वरी को अच्छे से रखा. कोशिश की कि उसे किसी तरह की कोई कमी न हो. लेकिन मैं 15 साल से बिना पति के रह रही हूं, मैं समझती हूं कि ये वक्त कैसे बीतता है. मैं ज्ञानेश्वरी के दुख को महसूस कर सकती थी. इसलिए मैंने उसकी दूसरी शादी करवाने का फैसला किया.'
कुछ दिनों पहले ज्ञानेश्वरी के लिए एक रिश्ता आया. पास के ही एक गांव के कोमल साहू नाम के आदमी का. कोमल साहू का उसकी पहली पत्नी से करीब तीन साल पहले तलाक हो गया था. इसके अलावा उसकी दो छोटी बेटियां हैं. कोमल और ज्ञानेश्वरी के परिवारों ने एक-दूसरे से बात की. रिश्ता पक्का हुआ. और 24 मई के दिन दोनों की शादी हुई.
इस शादी का सारा कामकाज ज्ञानेश्वरी की सास ने देखा. इसके अलावा ज्ञानेश्वरी के माता-पिता भी शादी में शामिल हुए. दोनों का ये कहना है कि उनकी बेटी की शादी एक मिसाल बनेगी. ज्ञानेश्वरी की मां का कहना है, 'हमारी समधन ने हमारी बेटी को अपनी बेटी माना. उसकी दूसरी शादी कराई. विधवा का विवाह कराया. विधवा विवाह की परंपरा को हर समाज अपनाए, ये जरूरी है. ज्ञानेश्वरी की शादी एक मिसाल बनेगी.'
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