'भोजपुरी' गाने के नाम से जो भद्दा पोस्टर वायरल हो रहा है, उसके पीछे की कहानी
खुलेआम रेप करने की बात करने वाला ये गाना लगातार शेयर किया जा रहा है.

बिहार और दिल्ली के बीच की दूरी तकरीबन 1000 किलोमीटर है. सुपरफास्ट ट्रेन आपको 13 घंटे में पटना से दिल्ली पहुंचा देगी. नॉट-सो-सुपरफास्ट में आपको डेढ़ दिन भी लग सकता है. अब तो आप स्लीपर में चूड़ा-घुघनी खाते हुए बिताएं या एसी में चेतन भगत की लेटेस्ट किताब पढ़ते-पढ़ते, चॉइस आपकी है. फ्लाइट में सोते हुए या बच्चों का रोना सुनते हुए आने का भी ऑप्शन सदैव खुला ही है.
कहने का मतलब ये कि दिल्ली और बिहार के बीच की दूरी इतनी है कि मुज़फ्फरपुर में बच्चे मरते हैं तो दिल्ली वालों को जागने में दो-तीन दिन का समय लग जाता है.
लेकिन ये बात बाक़ी चीज़ों पर लागू नहीं होती. बिहार के भोजपुरी गाने दिल्ली के हॉस्टलों से लेकर शादी-ब्याह तक में बजते दिखाई देते हैं. दिल्ली-मुंबई के शहरी बच्चे जो फेसबुक पर मीम पेज चलते हैं, उनके लिए लॉलीपॉप लागेलू गाना उनका Holy Grail है. हिंदी में समझ लीजिए भानुमती का पिटारा. बोले तो किसी भी चीज पर मीम बनाने के लिए काफी. ये गाना इतना पॉपुलर है कि बिहारी शब्द के साथ लिट्टी-चोखा, और लालू यादव के बाद बस यही पता है लोगों को. विश्वास नहीं होता तो पूछ लीजिए. धीरे-धीरे इस लाइन में ‘ऐ राजा राजा राजा कोरेजा में समा जा’ गाना भी आगे खिसकता आ रहा है. वो सब फिर कभी.
बात की खुराफात या कहें कि सिर फुटौव्वल वाली करामात ये है कि एक गाने का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. पिछले एकाध दिन से. इसमें लिखा है 'नाइटी उठाके रेफ करबो सुताके'. यहां रेफ शब्द का मतलब रेप से है. जानबूझकर इसे यहां रेफ लिखा गया है ये तो समझ आता है लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है ये जानने में ज्यादा मेहनत ना तो लगती है न लगाने की ज़रूरत है.
ये है वो पोस्टर जो हर जगह वायरल हो रहा है
हमने भी ये स्क्रीनशॉट देखा. इस पर लिखा था रोशन पाठक की प्रस्तुति. यानी उनके प्रोडक्शन तहत बनी है ये वीडियो. स्वर के आगे नाम लिखा है अमित सरोजा का. अब भोजपुरी गानों की इमेज कोई बहुत अच्छी है नहीं. खरी-खरी कही जाए तो. एक से एक लोकगायक हुए हैं, लेखक हुए, लोकगायिकाएं हुईं भोजपुरी में. लेकिन उनके द्वारा लिखी और गाई गई समृद्ध भोजपुरी भुला दी जा चुकी है, कम से कम मेनस्ट्रीम में. हाशिए पर भले ही जिंदा हो. लेकिन इन सब पर बात फिर कभी. भिखारी ठाकुर, विद्यापत, शारदा सिन्हा पर बात, फिर कभी.
बात इस बेहद ही घटिया पोस्टर और गाने की हो रही थी. इस के बारे में बात करते हुए ही ऐसी फीलिंग आ रही है मानो बिरयानी में इलायची आ गई हो. खैर. हमने पता लगाया कि आखिर ये गाना जिसने बनाया उसने क्या सोच कर बनाया. सबसे पहले तो ये कि ये गाना भोजपुरी में नहीं है. गाना एक मैथिली चैनल पर रिकॉर्ड हुआ है और डाला गया है. सिंगर भी सहरसा (जो मिथिलांचल में ही आता है) से हैं. ये इसलिए बताना ज़रूरी है क्योंकि भोजपुरी, मगही, मैथिली तीनों अलग हैं और इनकी एक अलग पहचान है. बिहार में तीनों बोली जाती हैं, और जगह -जगह के असर की वजह से उनमें थोड़ाथोड़ा बदलाव आता रहता है. तो तीनों को एक-दूसरे से कन्फ्यूज करने की गलती हमें नहीं करनी चाहिए. अब आते हैं गाने पर. हमने बात करने की कोशिश की रोशन पाठक से. जिनका नाम इस गाने के पोस्टर पर प्रोड्यूसर के तौर पर लिखा हुआ है.
स्क्रीनशॉट उस चैनल का जिस पर ये गाना सबसे पहले अपलोड हुआ.
उन्होंने बताया,
“वो मेरा पोस्टर नहीं है, और वो सॉन्ग भी मेरे यहां से रिलीज नहीं हुआ है. मैं FIR कर दिया हूं परसों ही. ये मां तारा म्यूजिक के नाम से चैनल है. जो सिंगर अमित सरोज है उसका अपना खुद का यूट्यूब चैनल है जहां ये से गाना रिकॉर्ड हुआ है, 25 मई 2019 को ये गाना रिलीज हुआ था उसके चैनल से. परसों किसी ने इस गाने को हमारे चैनल का थम्ब लोगो कॉपी करके डाला और वायरल किया. मेरे पास सारे स्क्रीनशॉट हैं.”
अमित सरोजा से हमने बात करने की कोशिश की. उनका नंबर बंद आया. हालांकि अमित ने यूट्यूब पर लाइव करके एक वीडियो में माफ़ी मांगी है, इसमें उन्होंने कहा कि ये गाना हंसी-खेल में बनाया था. कहा कि छोटा भाई समझकर माफ़ कर दीजिए, गलती सबसे होती है. रेप जैसे भयानक, घिनौने अपराध को हंसी-मज़ाक का मुद्दा बना रखा है लोगों ने, और आप पूछते हैं कि दिक्कत कहां आ रही है?
इस वीडियो में ही माफ़ी मांग रहा है अमित सरोजा. हम वीडियो नहीं लगाएंगे, न तो उस घटिया गाने का, और न ही इस माफ़ी का.
इस पर रोशन पाठक ने कहा कि माफ़ी मांगने से क्या ही होता है. उन्होंने बताया कि उनके पास कई फोन आ रहे हैं इसे लेकर और वो सफाई दे रहे हैं.
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