राजवीर कौर वर्मा: 12 साल पहले समाज सेवा करने उतरीं, अब 'झांसी की रानी' बनकर चुनाव लड़ रही हैं
इतिहास बदलना चाहती हैं राजवीर.

पंजाब में 13 लोकसभा सीटें हैं. उनमें से एक है संगरूर. 2014 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के भगवंत मान ने संगरूर से जीत हासिल की थी. इस बार भी AAP ने भगवंत मान को ही खड़ा किया है. इस सीट से शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने परमिंदर सिंह ढींडसा को टिकट दिया है, कांग्रेस ने केवल सिंह ढिल्लों को उतारा है. इन सभी नेताओं को एक महिला नेता टक्कर दे रही है. नाम है राजवीर कौर वर्मा. संगरूर लोकसभा सीट पर शिवसेना हिंदुस्तान के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.
राजवीर ने नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकन दाखिल करने के बाद से ही राजवीर के बारे में काफी चर्चा हो रही है. क्यों? क्योंकि इन्होंने बहुत ही अलग तरीके से पर्चा भरा. चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए नेतागण अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. क्रिएटिविटी दिखाते हैं. कोई पैदल चलता है, कोई बड़े से जुलूस के साथ चलता है, कोई कार में चलता है. लेकिन इन सब तरीकों से हटकर एक तरीका है, जो राजवीर ने अपनाया.
राजवीर कौर वर्मा पहले सोशल वर्कर थीं. फोटो- फेसबुक
राजवीर 'झांसी की रानी' के गेटअप में नामांकन दाखिल करने पहुंचीं. उन्होंने अपने सिर पर पगड़ी पहनी, घोड़े पर सवार हुईं, और फिर अपने समर्थकों के साथ वो निकल पड़ीं. हमने राजवीर से बात की. पूछा कि उन्होंने 'झांसी की रानी' का गेटअप क्यों लिया. जवाब में राजवीर ने कहा,
'झांसी की रानी रोल मॉडल हैं. उनसे मैंने लड़ना सीखा है. और मैं संगरूर लोकसभा सीट से खड़ी हुई हूं. इस लोकसभा क्षेत्र से पिछले 65 साल में कोई भी महिला लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ी है. केवल पुरुषों ने लड़ा है. एक महिला ने कोशिश की थी, टिकट के लिए, लेकिन मिला नहीं. मैं महिलाओं को आगे ले जाना चाहती हूं. उन्हें सशक्त बनाना चाहती हूं.'
हमने इस रिकॉर्ड के बारे में जानने के लिए पिछले कुछ दस्तावेज खंगाले. तो पता चला कि कुछ महिलाओं ने संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. भले ही वो निर्दलीय थीं, लेकिन चुनाव लड़ा था. जैसे साल 2014 में जोती देवाजी अनुसुइया, और परवीन कौर ने चुनाव लड़ा था. हमने जब इस बारे में राजवीर से सवाल किया, तब उन्होंने कहा,
'किसी महिला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा होगा, तो कह नहीं सकते. लेकिन किसी पार्टी ने 65 साल में किसी भी महिला को संगरूर में लोकसभा चुनाव के लिए खड़ा नहीं किया है. मैं पहली महिला हूं, जो किसी पार्टी की तरफ से संगरूर लोकसभा सीट से खड़ी हुई है.'
राजवीर इस वक्त प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं. फोटो- फेसबुक
कौन हैं राजवीर?
राजवीर का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है. वो करीब 12-13 साल पहले सामाजिक सेवा की दुनिया में आई थीं. उन्होंने कुछ एनजीओज़ के साथ काम किया. वो लोगों की दिक्कतों को हल करने का काम करती थीं. फिर आज से करीब 4-5 साल पहले राजवीर शिवसेना हिंदुस्तान से जुड़ीं. उन्हें शिवसेना हिंदुस्तान महिला सेना की पंजाब प्रभारी बनाया गया. उसके बाद अब हो रहे चुनाव में, यानी 2019 लोकसभा चुनाव में राजवीर को टिकट दिया गया. ये राजवीर का पहला चुनाव हैं.
क्या करना चाहती हैं?
राजवीर कहती हैं कि अगर वो जीतती हैं, तो वो सबसे पहले महिला सुरक्षा के लिए काम करेंगी. वो कहती हैं,
'सबसे पहले महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम करूंगी. मैं महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए काम करना चाहूंगी. मेरे मेनिफेस्टो में है कि अगर मैं जीतती हूं, तो जो महिलाएं अपना बिजनेस करना चाहती हैं, उनके लिए काम करेंगे. गरीब लड़कियों की मदद करेंगे.'
आपको बता दें कि संगरूर लोकसभा सीट पर सातवें चरण के तहत, 19 मई को चुनाव होगा. नतीजे 23 मई को आएंगे.
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