फिल्म 'मेंटल है क्या' विवाद पर कंगना रनौत ने बहुत बचकानी चीज़ कही है
'मेंटल है क्या' अपने टाइटल की वजह से विवादों में है.

कंगना रनौत की नई फ़िल्म आने वाली है. राजकुमार राव के साथ. नाम है ‘मेंटल है क्या’. आजकल इस फ़िल्म को लेकर बहुत कंट्रोवर्सी हो रही है. वजह है फ़िल्म का टाइटल. कुछ दिन पहले ‘इंडियन साइकेट्रिएटिक सोसाइटी’ ने फ़िल्म के टाइटल पर ऐतराज़ जताया था. अपनी शिकायत उन्होंने सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन प्रसून जोशी को एक ख़त भी लिख भेजा था.
टाइटल से उनकी शिकायत ये है कि ये मानसिक रोगों से जूझ रहे लोगों की एक अपमान है. उनका मज़ाक उड़ाता है. हमारी सोसाइटी में पहले ही मानसिक रूप से बीमार लोगों का मजाक उड़ाती आई है. अब हम थोड़ा-बहुत बदलना शुरू कर रहे हैं, ऐसे में इस फ़िल्म का टाइटल आग में घी डालने का काम कर रहा है. इसलिए मेकर्स टाइटल से लेकर हर वो हिस्सा फिल्म से हटाएं, जो किसी मानसिक रूप से बीमार इंसान के अधिकारों का हनन करती है. अगर ये सब नहीं किया गया, तो साइकेट्रिक सोसाइटी ने इस फिल्म के मेकर्स के खिलाफ पीआईएल (PIL) डालने की भी धमकी दी है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मानसिक रोगियों का अपमान या मजाक उड़ाने वाले किसी भी व्यक्ति को इंडियन हेल्थ एक्ट के तहत कम से कम छह महीने जेल की सजा का प्रावधान है. जो एक्चुअली इस फिल्म का टाइटल कर रहा है.
(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
ट्विटर पर भी लोगों ने फ़िल्म के टाइटल को ख़ूब गरिआया. दरअसल फ़िल्म के पोस्टर में कुछ ऐसी चीज़ें लिखी हैं जो अपने आप में काफ़ी ग़लत हैं. लिखा है: ‘सैनीटी इज़ ओवररेटेड.’ इस टैगलाइन का मतलब ये हुआ कि जो किसी भी तरह की मानसिक बीमारी से नहीं जूझ रहा है, वो कुछ खास नहीं है. ये सेंटेंस अपने आप में काफी दिकक्तभरा है. मानसिक बीमारियां किसी और बीमारी जितनी ही गंभीर होती हैं. चाहे आप इनको सीरियसली लें, या न लें. इनसे जूझ रहे लोगों का समाज मज़ाक उड़ाता है. उन्हें ‘मेंटल’ या पागल बोलकर उनकी खिल्ली उड़ाता है. बिना उस इंसान की तकलीफ को समझे. इसकी एक वजह ये भी है की मानसिक रोगों को लेकर अभी हमारी सोच बहुत लिमिटेड है. इस तरह की बीमारियों की हमें कोई मालूमात ही नहीं है.
हां, अगर मानसिक रोगों पर अच्छी फ़िल्में बनने लगें, तो शायद लोगों तक सही जानकारी पहुंचे. इसलिए सिनेमा पर ये एक बड़ी ज़िम्मेदारी है. शायद यही वजह रही कि ‘मेंटल है क्या’ की रिलीज़ से पहले साइकेट्रिक सोसाइटी ने इस मामले में दखल दिया औऱ मेकर्स से उनकी गलती सुधारने की गुज़ारिश की.
(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
इस मामले में लेटेस्ट अपडेट ये है कि फिल्म के प्रोडक्शन हाउस या डायरेक्टर की ओर से तो कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है. लेकिन फिल्म की लीड एक्ट्रेस कंगना की ओर से इस मसले पर सफाई आई है.
कंगना की बहन रंगोली चंदेल के ट्विटर अकाउंट से एक स्टेटमेंट जारी किया गया है. इसमें लिखा है-
“मैं कंगना की तरफ़ से ये कहना चाहती हूं कि ‘मेंटल है क्या’ जिस विषय पर बनी है, उसे देखने के बाद लोग आपत्ति जताने के बदले फ़िल्म पर गर्व करेंगे. मानसिक रोगों को लेकर हमारे आसपास जो गलत धारणा बनी है, ये फ़िल्म उसे दूर करेगी.”
On behalf of Kangana all I want to say is that everyone will be proud of ‘Mental Hai Kya’ the topic and subject she has chosen will trigger relevant talk and discussions around the stigma
— Rangoli Chandel (@Rangoli_A) April 20, 2019
जिन्होंने भी ये स्टेटमेंट जारी की है, वो शायद एक चीज़ भूल गया कि इंडियन साइकेट्रिएटिक सोसाइटी’ को इस फ़िल्म की टॉपिक से नहीं सिर्फ टाइटल से समस्या है. साइकेट्रिस्टों का कहना है कि हमारी सोसाइटी में हर तरह की मानसिक बीमारी को ‘पागलपन’ या ‘मेंटल’ जैसे शब्दों के छाते के नीचे लाकर रख दिया गया. शायद ये बात कंगना या उनकी बहन रंगोली ने मिस कर दी.
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