ज्योत्सना महंतः छत्तीसगढ़ के 'पॉवर कैपिटल' में पति की ताकत का दम भर रही हैं
गृहिणी हैं, पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.

छत्तीसगढ़ के 'पॉवर कैपिटल' यानी कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने ज्योत्सना महंत को मैदान में उतारा है. इनका सामना बीजेपी के ज्योतिनंद दुबे से होगा. कोरबा सीट 2008 में ही अस्तित्व में आई है. इस सीट पर 2009 में कांग्रेस को और 2014 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. 2019 में इस सीट से खड़े दोनों ही नेताओं का ये पहला लोकसभा चुनाव है. क्षेत्र में चुनाव 23 अप्रैल को हो चुके हैं, नतीजे 23 मई को आएंगे.
ज्योत्सना महंत वैसे तो गृहणी हैं लेकिन नामांकन भरते वक्त उन्होंने अपने पास 7 करोड़ की संपत्ति होने का खुलासा किया है. उन्होंने जूलॉजी (जीव विज्ञान) में MSc किया है. इनके पति डॉक्टर चरणदास महंत वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष हैं.
ज्योत्सना महंत ने नॉमिनेशन भरने के बाद एक इंटरव्यू में कहा-------
“मेरे पति का बड़ा जनाधार है, इस क्षेत्र में वो सांसद रह चुके हैं, मैं तो उनके सहारे जीत जाउंगी चुनाव.”
इनकी इस बात से साफ है कि वह अपने पति के राजनीतिक कद को ही अपनी ताकत मानकर चल रही हैं. क्योंकि उनका खुद का राजनीतिक करियर निल बटे सन्नाटा रहा है. वो करीब एक साल से समाज सेवा का काम कर रही थीं. इनके दादा स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं.
चुनाव प्रचार करती कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी ज्योत्सना महंत. तस्वीर : फेसबुक
क्या है कोरबा लोकसभा सीट का गणित?
इस लोकसभा सीट पर अब तक दो बार चुनाव हुए हैं. 2009 में कांग्रेस के चरणदास महंत ने बीजेपी की करुणा शुक्ला को इस सीट पर हराया था. 2014 में महंत के खिलाफ बीजेपी ने इस सीट पर बंशीलाल महतो को टिकट दिया था. मोदी लहर में महंत को हार का सामना करना पड़ा था. पिछले साल हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो इस सीट के अंदर आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 6 पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था. जबकि बीजेपी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) को एक-एक सीट मिली थी. वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने क्षेत्र की 4-4 सीटों पर जीत हासिल की थी. दोनों विधानसभा चुनावों के नतीजों की तुलना करें तो क्षेत्र में कांग्रेस की पकड़ पहले के मुकाबले मजबूत नजर आती है.
कौन हैं चरणदास महंत?
चरणदास महंत की गिनती छत्तीसगढ़ के प्रमुख नेताओं में होती है. वो दो बार सांसद रह चुके हैं. मनमोहन सिंह सरकार में राज्यमंत्री रहे. जब मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ अलग राज्य नहीं बना था तब वो मध्य प्रदेश विधानसभा में तीन बार विधायक रहे. फिलहाल वह छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष हैं. महंत छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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