ऑनलाइन गाउन मंगवाया था, मिला- एक चमकीला कपड़ा और 1 लाख रुपये की ठगी

पुलिस से ज्यादा जांच तो विक्टिम ने कर ली है.

रजत रजत
जुलाई 09, 2019

ऑनलाइन शॉपिंग के लिए कई सारी और कई तरह की वेबसाइट्स हैं. कुछ बड़े नामों को छोड़ दें तो ज्यादातर वेबसाइट्स फ्रॉड पाई जाती हैं. सस्ती चीज या ऑफर देखकर लोग इसमें पैसा इन्वेस्ट कर देते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं. ग्रेटर नोएडा के रहने वाले कुंदन गुप्ता के साथ भी ऐसा ही हुआ. www.woodberies.com (वुडबेरीज़) नाम की एक फ्रॉड कंपनी के जाल में वो भी फंस गए. दरअसल कुंदन ने कुछ दिन पहले इस वेबसाइट पर एक गाउन ऑर्डर किया. 25 जून को जब प्रोडक्ट डिलीवर हुआ तो उसमें गाउन की जगह निकला कपड़ा. चमकीला सा. जब इसे बदलने के लिए कुंदन ने कंपनी में फोन किया तो उनके साथ 1 लाख 7 हज़ार की ठगी हो गई. जानकारी के मुताबिक, वुडबेरीज़ की ये वेबसाइट 3 महीने ही पुरानी है.

पूरा मामला

कुंदन एक निजी रेस्त्रां चेन में शिफ्ट मैनेजर हैं. कुछ दिनों की छुट्टी पर आगरा गए थे. यहीं गांव है उनका. छुट्टी के दौरान वुडबेरीज़ से उन्होंने गाउन ऑर्डर किया था. जैसा कि इस वेबसाइट पर लगभग सभी प्रोडक्ट्स की क़ीमत है, ये भी 799 रुपये का था. इन्होंने ऑनलाइन पेमेंट कर दी. 25 जून को प्रोडक्ट पहुंचा. उसमें गाउन की जगह नीला-चमकीला कपड़ा निकला. कुंदन ने भी ऐसे फ्रॉड के मामले सुने थे, सो लगा कि कंपनी में बात करके कुछ सही हल निकल जाएगा. उनके रुपये वापस मिल जाएंगे. कुंदन ने 7682910219 नंबर पर कॉल किया. ये 'वुडबेरीज़ के कस्टमर केयर का नंबर था.' हालांकि ये नंबर उनकी वेबसाइट पर नहीं था. नंबर इंटरनेट से लिया गया था. इंटरनेट से नंबर इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि वेबसाइट पर नंबर था ही नहीं.

कुंदन की बात 29 जून को हो सकी. फोन पर आश्वासन मिला कि आपका पैसा मिल जाएगा. बस, खाते से जुड़ा नंबर बता दीजिए, आपको UPI के ज़रिए पैसा वापस मिल जाएगा. कुंदन ने अपना नंबर शेयर कर दिया. फिर सामने से कहा गया कि 4 अंको का पिन भी बताइए, तुरंत पैसे आ जाएंगे. कुंदन ने 4 अंक भी बता दिए. इसके बाद फोन कट गया. और कुंदन के खाते से पैसा भी. पूरे 1 लाख 7 हज़ार की ठगी हुई है. कुंदन ने बताया कि ये पैसा उनकी नौकरी में जमा हुए EPF का था.

ये कपड़ा मिला था और दिख रहे शख़्स कुंदन गुप्ता हैं, जिनके साथ ठगी हुई है. ये कपड़ा मिला था और दिख रहे शख़्स कुंदन गुप्ता हैं, जिनके साथ ठगी हुई है.

अब कुंदन को पुलिस का सहारा था

इस मामले में कुंदन पुलिस की मदद लेने पहुंचे. उन दिनों आगरा में थे तो आगरा पुलिस से संपर्क किया. मामला दर्ज हो गया लेकिन नतीजा सिफर. कुंदन के मुताबिक, पुलिस ने पहले तो मामला दर्ज किया और फिर कहा कि 4-5 दिन बाद आना. कुंदन कुछ दिन रुककर थाने गए तो सब एक दूसरे की ओर देखने लगे. मानो जैसे पता ही न हो कि कोई शिकायत हुई है जिसकी जांच होनी है. वहां से कुंदन को नोएडा लौटना था इसलिए फैसला किया कि यहां की पुलिस की मदद लेंगे. पहले पहुंचे परी चौक थाने. वहां से उन्हें भेजा गया कासना थाने. कासना थाने ने कहा कि साइबर क्राइम की शिकायतें सूरजपुर थाने में होती हैं. आप वहां जाइए. अब मरता क्या न करता. पहुंचा थाने. रिपोर्ट लिख ली गई. तारीख थी 5 जुलाई. इसके बाद इंतजार किया कि कुछ अपडेट मिले.

इस सब के बीच कुंदन ने दोस्त के फोन से वुडबेरीज़ कंपनी में बात करने की कोशिश की तो सामने से कहा जा रहा था, जो करना है कर लो. ज्यादा बोले तो दोबारा रुपये काट लिए जाएंगे.

इतना सब होने के बाद भी पुलिस का रुख बिल्कुल ठंडा है. जब हमने पुलिस थाने में संपर्क किया तो पुलिस के पास कोई उत्तर नहीं था. सूरजपुर थाने से कहा गया कि ये मामला कासना थाना देख रहा है. जब कासना थाना प्रभारी से बात हुई तो वो सवालों से बचते दिखे. कहा कि कल सुबह 10 बजे जानकारी दी जाएगी. जब दोबारा संपर्क करने की कोशिश की तो फोन नॉट रीचेबल आने लगा. फिर हमने कोशिश की कि वुडबेरीज़ से संपर्क किया जाए. तो उनका नंबर भी नॉट रीचेबल आया. हालांकि इस पूरी वेबसाइट के बारे में बहुत सी जानकारी (जिसमें इसे सिर्फ फ्रॉड बताया गया है) सोशल मीडिया और ग्राहक अधिकारों से जुड़ी वेबसाइट्स पर उपलब्ध है. सभी में लगभग इसे फ्रॉड बताया गया है.

पुलिस से ज्यादा कुंदन के पास जानकारी

कुंदन ने अपने स्तर पर प्रयास जारी रखे. कुंदन का ये खाता पेटीएम से जुडा था. सो पेटीएम से खोज ख़बर ली गई. पेटीएम ने तो जानकारी दे दी कि उनका पैसा किसके खाते में गया है. और कहां के एटीएम में से निकाला गया है. लेकिन किसी और मदद से हाथ खड़े कर दिए. कुंदन के खाते से तीन लोगों के खाते में पैसा भेजा गया था- लखन टुडु, ज्योति राजा, शकुंतला देवी. इन तीनों के खाते में पैसा गया है. ये पैसा निकाला गया है झारखंड के सारथ में. अब तीनों के नाम भी हैं, कहां से पैसा निकला वो भी है, फ्रॉड करने वाले का नंबर भी है, तकरीबन सब है. बस कार्रवाई नदारद है.

वुडवेरीज़ के बारे में थोड़ा जान लीजिए

वुडवेरीज़ का होमपेज.वुडबेरीज़ का होमपेज.

अगर आप रेगुलर ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो आप आसानी से पकड़ लेंगे कि ये वेबसाइट फ्रॉड है. होमपेज पर ज्ञान दिया है कि हम रिफंड कैश, डीडी या चेक के ज़रिए करते हैं. हम अकाउंट डिटेल बिल्कुल नहीं पूछते. इसके बाद आप वेबसाइट का यूआरएल देखेंगे तो पकड़ लेंगे कि इसमें झोल है.

यहां हर सामान पर 70% से ज्यादा ऑफ मिल रहा है. दिखाई जा रहीं फोटोज़, कहीं से यूं ही उठाई हुई लग रही हैं. कहीं-कहीं तो रैंप पर चल रही मॉडल की तस्वीर ही लगा दी है. कई फोटोज़ में मॉडल का चेहरा नहीं दिख रहा, जबकि सही वेबसाइट्स में ऐसा नहीं होता. इसके अलावा इस वेबसाइट में कहीं भी अबाउट अस (हमारे बारे में) का सेक्शन नहीं है.

कई और खरीदारों ने शिकायत की है. कई और खरीदारों ने शिकायत की है.

वुडबेरीज़ ने इकलौते कुंदन को ही शिकार नहीं बनाया. उनके अलावा कई और लोग भी इसका शिकार हो चुके हैं. आप अगर गूगल पर वुडबेरीज़ सर्च करेंगे तो सबसे पहले यही सब फ्रॉड दिखेंगे. इसलिए सावधान.

आप फ्रॉड वेबसाइट से बच सकते हैं. ऐसे-

# अंधाधुंध डिस्काउंट मिल रहा हो तो शक करिए.

# ख़राब डिज़ाइन और भाषा हो वेबसाइट की तो शक करिए.

# गड़बड़ डोमेन नेम पर तो ज़रूर शक होना चाहिए.

# अगर HTTPS लिखा है हरे रंग में, तो ही ठीक है, ठीक है? ओके.

# लंबे समय से साइट न चल रही हो तो शक करें.

# अगर पेमेंट ऑप्शन गड़बड़ हो, तो कभी पेमेंट न करें.

# अगर कॉन्टेक्ट इन्फॉर्मेशन न दी हो, तो भी पैसा ना लगाएं. कहां जाएंगे पैसे वापस लेने?

# रिफंड पॉलिसी की सीधा ज़िक्र न हो, तो भी पैसा न दें.

 

और आखिर में आपकी अंतरात्मा. मन न माने तो न ख़रीदें. ठीक है?

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