इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR की पूरी ABCD

पेपर वर्क करने में पसीने छूटते हैं? तो जानिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का आसान तरीका

ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न. इसे लेकर भई बहुत कंफ्यूजन रहता है. कहां भरें, क्या भरें, क्यों भरें और सबसे बड़ा सवाल कैसे भरें?जब कुछ समझ नहीं आता तो सीए याद आता है. अमूमन, सीए 500- 1000 रुपये की फीस लेकर आपका आईटीआर भर देते हैं. लेकिन आप खुद भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं. ये लगता है, उतना मुश्किल नहीं है. सच में. चलिए शुरू से शुरू करते हैं.

हमने इस बारे में सुयश जैन से बात की. वो CA हैं. उन्होंने हमें ये बातें बताईं.

इनकम टैक्स क्या होता है

देखिए, चाहे सरकारी नौकरी करते हों, प्राइवेट जॉब में हों या कोई बिजनेस करते हों. आप जो भी कमाते हैं उस पर आपको सरकार को इनकम टैक्स (Income Tax) देना पड़ता है. नहीं सबको नहीं देना पड़ता. साल की इनकम एक तय रकम से ज्यादा होने पर ही आप टैक्स के दायरे में आते हैं. अभी हमारे देश में साल की ढाई लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगता है. कोई कमाऊ इंसान, जॉइंट फैमिली (बिजनेस), कंपनी, फर्म, ऑर्गनाइजेशन, संस्था वगैरह सब. सभी से उनकी इनकम के हिसाब से टैक्स वसूला जाता है.

income-tax_660_080417062226_0_750_060719011914.jpgतस्वीर : pixabay

कौन लेता है टैक्स

केंद्र सरकार लेती है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसे तो सरकार के पास बहुत सारे पैसे इकट्ठे हो जाते होंगे. अरबों में. हां, लेकिन उसका इस्तेमाल सरकारी कामों और आपकी सुविधा और सेवा में होता है. सड़क, बिजली-पानी, सुरक्षा और प्रशासन वगैरह का सारा खर्च हम जो टैक्स देते हैं उसी से मैनेज करती है सरकार. किसानों की कर्जमाफी हो या गैस सब्सिडी और अन्य मदद सब इसी से मैनेज होता है. 

"उदारहण के लिए मान लें. आपकी सैलरी 30,000 रुपये है. आप अपनी मां को हर महीने 5000 रुपये देते हैं. यानी आपकी कमाई का फिक्स हिस्सा देते हैं, जिससे वो घर का मेंटेनेंस करती हैं जैसे पानी की लाइन फूट गई, उसे सुधरवाया. छत पर कमरा बनवा दिया. ये सब खर्चे. लेकिन मां दुष्ट नहीं होती. कम कमाने वाले बच्चों पर दया दिखा ही देती है."

वैसे ही केंद्र सरकार ने छूट दी है. किसान और 2.5 लाख रुपये से कम इनकम वालों के लिए टैक्स भरना जरूरी नहीं है.

क्या होता है ITR

अब बात आती है ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) की. साल में एक बार आपको अपनी इनकम और खर्चों के बारे में सरकार को बताना होता है. ये जानकारी फायनेंशियल ईयर यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच की होती है. यानी इस साल आप आईटीआर भरेंगे तो 1 अप्रैल, 2018 से लेकर 31 मार्च, 2019 तक का ब्यौरा देंगी. आपको बताना पड़ता है कि इस पीरियड में आपने नौकरी या बिजनेस से कितना कमाया. और कितना खर्च या इन्वेस्ट किया और कितना टैक्स भरा. इसके लिए ITR (ITR) फॉर्म में भरना पड़ता है. कंपनी से मिलने वाले रीइंबर्समेंट्स जिनसे टैक्स में छूट मिलती है और एडवांस में जमा हो चुके टैक्स के बारे में जानकारी देनी होती है. जो लोग विदेश में मौजूद किसी संपत्ति के मालिक हैं और उनकी आमदनी का ऑडिट जरूरी है, उन्हें भी ऑनलाइन रिटर्न फाइल करना होता है.

"उदाहरण से समझें कि साल में एक बार आपको अपनी मां को बताना होगा कि सालभर में कितना खर्च किया, कितना कर्ज लिया, कहां पैसा इनवेस्ट किया और उन्हें मेंटेनेंस के लिए कितना पैसा दिया. ये आपका ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न होगा. ये एक जरूरी काम है."

अब अगर आपके दिए ब्यौरे को देखकर आपकी मां को लगता है कि उन्होंने मेंटेनेंस के लिए आपसे ज्यादा पैसे ले लिए और आपको अपने खुद के कर्ज चुकाने या इनवेस्टमेंट के लिए पैसों की जरूरत है तो वो आपको मेंटेनेंस की कुछ रकम या हो सकता है कि सारे पैसे वापस कर दे.

इसी तरह सरकार भी आपकी तरफ से ITR में दी गई जानकारी को देखकर तय करती है कि कहीं आपसे ज्यादा टैक्स तो नहीं ले लिया. सरकार टैक्स के पैसे वापस कर देती है. अब समझे इसे इनकम टैक्स रिटर्न क्यों कहते हैं?

इस साल ITR में फॉर्म 16 की जानकारी भी देनी होगी. अब ये क्या बला है?

form-16---a_060719012246.jpgतस्वीर : Gsoftnet

क्या है फॉर्म-16

आयकर कानून में कई तरह के फॉर्म का जिक्र है. सब आपको नहीं भरने. इनका उपयोग अलग-अलग जरूरतों के लिए होता है. फॉर्म 16 इन्हीं में से एक है. आपके लिए बहुत जरूरी फॉर्म है. आप जिस कंपनी में नौकरी करती हैं, वो कंपनी आपको ये फॉर्म देती है. ये आपकी सैलरी पर काटे गए TDS (यानी सोर्स पर टैक्स की कटौती) को सर्टिफाई करता है. यानी इससे ये पता चलता है कि कंपनी ने टीडीएस काटकर सरकार को भेज दिया है. आईटीआर भरने के लिए ये बेहद जरूरी है.

फॉर्म-16 भरने के फायदे

- इस फॉर्म के जरिये ITR डिटेल आसानी से दिए जा सकते हैं.

- इसका इस्तेमाल इनकम के सबूत के तौर पर होता है.

- इस फॉर्म के दो हिस्से होते हैं. पार्ट ए और पार्ट बी. पार्ट ए में संस्थान का TAN, उसका और कर्मचारी का पैन, पता, एसेसमेंट ईयर, रोजगार की अवधि और सरकार को जमा किए गए टीडीएस की शॉर्ट डिटेल होती है.

-फॉर्म 16 के पार्ट बी में सैलरी का ब्रेक-अप, क्लेम किए गए डिडक्शन, कुल टैक्स योग्य इनकम और सैलरी से काटे गए टैक्स का डिटेल शामिल होता है.

ITR भरने के फायदे

  1. बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड लेने में ITR भरने वाले को प्रायोरिटी दी जाती है. उसे भरोसेमंद आदमी माना जाता है.
  2. इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी आपके घर के एड्रेस का पक्का सुबूत होती है. इसका उपयोग सरकारी काम और पासपोर्ट बनवाने में पते के प्रमाण के तौर पर दे सकते हैं.
  3. अगर बिजनेस या नौकरी की वजह से आप भारत से बाहर जाना चाहते हैं, तो ITR आपके लिए बहुत जरूरी है. कई एंबेसी वीजा देने से पहले दो साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगती हैं. अगर ITR होगा, तो वीजा मिलने में आसानी होगी.
  4. एक करोड़ रुपये से ज्यादा का बीमा कवर मांगने पर बीमा कंपनी ITR मांग सकती है. दरअसल इसके जरिये कंपनियां ये देखती हैं कि कहीं आप दो नंबर का काम तो नहीं करते. कहीं सट्टा टाइप हिसाब-किताब तो नहीं है. कहीं उगाही वगैरह तो नहीं करते. मतलब हर महीने सैलरी तो मिलती है न.
  5. मान लीजिए कि आपकी इनकम टैक्स कटने लायक नहीं है. लेकिन कंपनी चतुर है और आपकी इनकम पर टैक्स काट रही है. ऐसे में आप क्या करेंगी. ITR फाइल करेंगी. इससे आप टीडीएस के तौर पर कट चुके पैसे वापस ले सकती हैं.

चार्टर्ड अकाउंटेंट सुयश जैन कहते हैं, 'अगर कोई इंसान टैक्स के दायरे में नहीं आता है, तो भी ITR भर सकता है. ये आपकी रेग्यूलर इनकम का प्रूफ होते हैं. लोन लेने या इस तरह की किसी अन्य जरूरत के वक्त ITR को आपकी आमदनी का सबसे भरोसेमंद सोर्स माना जाता है.

income-tax_2_060719012523.jpegतस्वीर : pixabay

ITR कैसे भरें

नौकरी करने वाले लोग 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. बिजनेस वाले लोग 30 सितंबर तक ITR फाइल कर सकते हैं. अब बात करते हैं कि कैसे फाइल करना है.

ITR दो तरीके से फाइल किया जा सकता है.

  • पहला ऑफलाइन
  • दूसरा ऑनलाइन

यही सबसे बड़ा चक्कर है. पहले दोनों तरीके समझ लें.

ऑफलाइन : अगर ऑफलाइन ITR भरने की सोच रहे हैं, तो इसके लिए ITR फॉर्म डाउनलोड करने होंगे. इसके बाद इन्हें भरकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा करना होगा. वहां, स्टांप लगवाकर फॉर्म भरने की रसीद लेनी पड़ेगी.

फॉर्म डाउनलोड करने का प्रोसेस

- incometaxindiaefiling.gov.in वेबसाइट पर जाएं.

- यहां लेफ्ट साइड में Quick Links लिखा दिखेगा. इसके नीचे की तरफ Know Your PAN|TAN|AO का ऑप्शन मिलेगा.

- AO पर क्लिक करें. अपना पैन नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें.

- आपके मोबाइल पर ओटीपी मिलेगा.

-इसे भरकर आप अपने इनकम टैक्स ऑफिस और वार्ड का पता लगा सकते हैं.

अब दो बातें समझ लें.

  • अगर आपकी आमदनी 5 लाख रुपये या इससे कम है, तो आप ऑफलाइन ITR फाइल कर सकती हैं.
  • दूसरी बात कि अगर आपकी उम्र 80 साल से ज्यादा हो तब भी आप ऑफलाइन रिटर्न भर सकती हैं.

ऑनलाइन : ऑनलाइन ITR भरना ज्यादा आसान है. प्रोसेस में सिर्फ 15 मिनट लगेगा. लेकिन फॉर्म टाइम लिमिट के अंदर जमा करने होंगे, नहीं तो टाइम आउट हो जाएगा. जैसे IRCTC से टिकट बुक करते टाइम होता है. इसीलिए कंप्यूटर, लैपटॉप और लाइट वगैरह चैक कर लें. ई-वेरिफिकेशन के जरिए ITR भर जाने का कंफर्मेशन तुरंत मिल जाएगा.

ऑनलाइन ITR की फाइलिंग के सात स्टेप्स होते हैं.

  1. a) सामान्य निर्देश (जनरल इंस्ट्रक्शन)
  2. b) इनकम की जानकारी
  3. c) छूट का विवरण
  4. d) इनकम टैक्स का कैलकुलेशन
  5. e) टीडीएस और अन्य चुकाए गए टैक्स की जानकारी
  6. f) बैंक का विवरण
  7. g) वेरिफिकेशन

ITR भरने का प्रोसेस

-ITR की ई-फाइलिंग के लिए आपको सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर रजिस्टर करना है.

-इसके लिए incometaxindiaefiling.gov.in पर जायें. यहां लॉग इन सेक्शन पर क्लिक करें. इसके बाद आप अपना पैन नंबर, पासवर्ड, जन्म तिथि और कैप्चा कोड डालें. इसके बाद लॉग इन बटन पर क्लिक करते ही आप इनकम टैक्स विभाग के ई-फाइलिंग होम पेज पर पहुंच जायेंगे. इसके बाद ई-फाइल ऑप्शन चुनें और इसमें इनकम टैक्स रिटर्न सेलेक्ट करें.

-इसके बाद आपके विंडो पर एक नया स्क्रीन खुलेगा. यहां आपका पैन नंबर पहले से भरा होगा. आपको इसमें ड्रॉप डाउन मेन्यू में असेसमेंट ईयर चुनना पड़ेगा. इस बार आपको असेसमेंट ईयर 2019-20 चुनना होगा. इसके बाद आपको ITR फॉर्म चुनना पड़ेगा.

-अगर आप ITR फॉर्म हिंदी में भरना चाहते हैं, तो नीचे के बॉक्स में हिंदी भाषा चुनें. अगर आप इसे अंग्रेजी में भरना चाहते हैं, तो इंग्लिश चुन लें.

कौन सा फॉर्म चुनें-

- आयकर विभाग के मुताबिक, जिन लोगों की साल की इनकम 50 लाख रुपये तक है और जो वेतन, मकान या ब्याज के जरिये कमाई कर रहे हैं, वो ITR-1 फार्म भरकर ITR फाइल कर सकते हैं.

ये फॉर्म तीन हिस्सों का होता है. पहले हिस्से में आपको सामान्य जानकारी देनी होगी. दूसरा हिस्से में इनकम की डिटेल्ड जानकारी देनी होगी. और तीसरे हिस्से में टैक्स पर छूट मिलने वाले अलाउंस और सुविधाओं की जानकारी देनी होगी.

-बैंक की जानकारी देने के बाद आप प्रिपेयर एंड सबमिट ऑनलाइन का ऑप्शन सेलेक्ट कर लें.

laptop_070318104336_060719012930.jpgतस्वीर : pixabay

ITR किस तरह से वेरीफाई करें

अब ये चुनना होगा कि आप अपना ITR किस तरह से वेरीफाय करेंगे. ये लास्ट स्टेप है, लेकिन ऑप्शन अभी ही सेलेक्ट करना पड़ेगा.

इसके छह तरीके हैं:

  1. आधार ओटीपी के जरिये

ITR को आधार ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के जरिये वेरीफाई करने के लिए आपके मोबाइल नंबर और आधार का लिंक होना जरूरी है. इस ऑप्शन को सेलेक्ट करने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा. आयकर विभाग की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर इस वन टाइम पासवर्ड को डालने के बाद आप सबमिट बटन पर क्लिक करेंगे, तो आपका ITR वेरीफाई हो जायेगा.

जरूरी बात-

  • आपको इसके लिए सिर्फ 30 मिनट का समय मिलता है.
  • अगर मोबाइल लिंक नहीं है, तो वेरिफिकेशन के लिए ये ऑप्शन न चुनें.

2.नेट बैंकिंग के जरिये

अगर आप इंटरनेट बैंकिंग करते हैं, तो नेटबैंकिंग के जरिये भी ITR को वेरीफाई कर सकते हैं. बैंक अकाउंट में लॉग-इन करने से पहले ध्यान रखें कि आपने आयकर विभाग की वेबसाइट पर लॉग इन नहीं किया है. नहीं तो एरर आएगा. नेटबैंकिंग सुविधा के जरिये ITR के वेरिफिकेशन के लिए आपको बैंक की वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा. उसमें आपको टैक्स टैब में ई-वेरीफाई का ऑप्शन मिलेगा. इस पर क्लिक करते ही आपको वेबसाइट इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर ले जाएगी. इसमें आप माय अकाउंट टैब पर क्लिक करें. यहां आपको जेनरेट EVC का ऑप्शन मिलेगा. इस पर क्लिक करते ही आपके ईमेल और मोबाइल फोन पर 10 अंक का EVC कोड आएगा. अब ITR वेरीफाई करने के लिए माय अकाउंट टैब में जायें और EVC डालें. इसे सबमिट करते ही आपका ITR वेरीफाई हो जायेगा.

जरूरी बातें-

  • कुछ ही बैंक ही ITR के वेरिफिकेशन की सुविधा देते हैं.
  • EVC कोड 72 घंटे तक वैध रहता है. इसके बाद इसके बाद वैरिफाई नहीं किया जा सकता.

3.बैंक अकाउंट के जरिये

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बैंक अकाउंट के जरिये से ITR ई-वेरीफाई करने की सुविधा देता है. इसमें बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, IFSC कोड और मोबाइल नंबर डालना होगा. ये सब चीजें आप बैंक में पहले से मौजूद अपने रिकॉर्ड के हिसाब से ही डालें. लेकिन इसके लिए आपके

आपके पैन कार्ड और बैंक अकाउंट में नाम एक ही होना चाहिए. जैसे पैन कार्ड में आरती कुमारी और बैंक में आरती शर्मा या सिर्फ आरती नहीं होना चाहिए. नहीं तो वेलिडेशन नहीं होगा. एक बार वेलिडेशन होने के बाद आप माय अकाउंट टैब में जेनरेट EVC पर क्लिक करिए. अब बैंक से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कोड आएगा. उसके बाद माय अकाउंट टैब में ई-वेरीफाय के ऑप्शन पर क्लिक करिए. यहां कोड डालने के बाद आप इसे सबमिट कर देंगे तो आपका ITR वेरीफाय हो जायेगा.

जरूरी बातें-

-अकाउंट के जरिये वैरिफाई की सुविधा हर बैंक की तरफ से उपलब्ध नहीं है. आप इस ऑप्शन को चुनने से पहले अपने बैंक में यह चेक कर लें. इस माध्यम से ITR को वेरीफाई करने के लिए आपको पहले इसे वेलिडेट करना होगा.

-आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि बैंक से वेलिडेशन से पहले आप ईमेल और मोबाइल नंबर में कोई बदलाव नहीं कर सकते. यानी ITR फाइल करने और उसे वेरीफाय करने के दौरान आप अपने बैंक अकाउंट में मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते.

4.डीमैट अकाउंट के जरिये

अगर आपका डीमैट अकाउंट है, तो इससे भी आप अपना ITR वेरीफाई कर सकते हैं. लेकिन  ITR वेरीफाई करने से पहले आपको डीमैट अकाउंट वेलिडेट करना होगा. इसके लिए आपका डीमैट अकाउंट जिस डिपॉजिटरी (एनएसडीएल या सीडीएसएल) के पास है, वहां लॉग इन करें. अब  अपना मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी वगैरह डालें. फिर यहां वेलिडेशन करें. अगर प्रोसेस में कोई गलती हुई तो आपको ईमेल पर उसका नोटिफिकेशन आ जायेगा.

5.बैंक एटीएम के जरिये

बैंक एटीएम के जरिये भी आप ITR वेरीफाई कर सकते हैं. इसके लिए आप अपने बैंक के एटीएम पर जाइए. जब आप एटीएम कार्ड डालने के बाद पिन नंबर डालेंगे तो आपको Pin for e-filing (पिन फॉर ई-फाइलिंग) का एक ऑप्शन दिखेगा. इसे सेलेक्ट करने के बाद पिन आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दिया जायेगा. इसके बाद आप आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाइए. वहां माय अकाउंट पर क्लिक करें और ई-वेरीफाई ऑप्शन को सेलेक्ट करें. अब मोबाइल में आए कोड को डालें. इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करते ही आपका ITR वेरीफाई हो जायेगा.

जरूरी बात-

एटीएम से जनरेट कोड केवल 72 घंटे तक वैलिड होता है.

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