किस तरह औरतें पा लेती हैं ऐसे ब्रेस्ट, जिन्हें समाज 'सुडौल' मानता है
सनी लियोनी और राखी सावंत ने करवाई है ये सर्जरी.
जब बात महिलाओं के शरीर की आती है, तो समाज ने कई पैमाने सेट किए हुए हैं. औरतों पर भी इन पैमानों पर खरा उतरने का काफ़ी प्रेशर होता है. इसके लिए वो अपने शरीर के अकार से भी छेड़छाड़ कर देती हैं. सबकी अपनी चॉइस है. जिसमें से एक है ब्रेस्ट इम्प्लांट. यानि सर्जरी की मदद से अपने स्तनों का साइज़ बड़ा करना.
कैसे की जाती है ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरी?
इम्प्लांट वो जो लगाया जाए शरीर में. जैसे कॉपर टी, स्टेंट, घुटने का इम्प्लांट वगैरह. इसी तरह ब्रेस्ट इम्प्लांट भी होते हैं. दो तरह के इम्प्लांट होते हैं. एक सिलिकॉन की थैली में सलाइन वॉटर भरा होता है. वही सलाइन वॉटर जो ड्रिप में लगाया जाता है. दूसरे तरीके के इम्प्लांट में सिलिकॉन की थैलियां होती हैं, छूने में बेहद नरम. उनके भीतर सिलिकॉन जेल भरा होता है. इनको बगल के रास्ते से सर्जरी करके छातियों की जगह पर फिक्स कर दिया जाता है. छातियों का साइज़ बड़ा हो जाता है. कई औरतें जिनको ब्रेस्ट फीडिंग कराने के बाद अपने स्तनों में ढीलापन लगता है वो भी ये सर्जरी करा लेती हैं.
पर इसकी अपनी दिक्कतें भी हैं.
ब्रेस्ट इम्प्लांट को लेकर कुछ समय पहले इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट निकाली थी. उसमें काफ़ी चौकाने वाले खुलासे भी किए थे.
इम्प्लांट वो जो लगाया जाए शरीर में. जैसे कॉपर टी, स्टेंट, घुटने का इम्प्लांट वगैरह.
ब्रेस्ट इम्प्लांट से जुड़ी दिक्कतें
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के साथ मिलकर. भारत में इम्प्लांट के लिए की जाने वाली सर्जरीज को लेकर को भी डिवाइस उपलब्ध हैं या उनको करवाने के जो प्रोसीजर हैं वो किसी ख़ास नियम कानून के तहत बंधे नहीं हैं. इस एक्सपोज में खुलासा हुआ कि किस तरह से ब्रेस्ट इम्प्लांट का धंधा भारत में जोर पकड़ रहा है, और क्यों ये खतरे की बात है. इस पूरे एक्सपोज की कुछ ख़ास बातें इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में छापी हैं. उस रिपोर्ट की कुछ हाईलाईट हम यहां आप तक लेकर आ रहे हैं:
1. ब्रेस्ट इम्प्लांट में लगने वाले इम्प्लांट की क्वालिटी जांचने का या सुनिश्चित करने का कोई मैकेनिज्म नहीं है. घटिया क्वालिटी के इम्प्लांट लगा देने के बाद पेशेंट भी शर्म या झिझक के मारे वापस आकर कुछ नहीं कहता.
2. कुकुरमुत्तों कि तरह उग आये ब्रेस्ट इम्प्लांट क्लिनिक बिना किसी सर्टिफाइड डॉक्टर की निगरानी के, सिर्फ झोलाछापों के सहारे चल रहे हैं.
3. कई ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरीज खराब हो रही हैं, बिगड़ रही हैं जिनमें अन्दर के इम्प्लांट फट जाते हैं. झूल जाते हैं. या उनमें इन्फेक्शन हो जाता है. एक इम्प्लांट को निकालने के बाद पता चला कि उसमें कीड़े लगे हुए थे.
ब्रेस्ट के अन्दर लगने वाले इम्प्लांट की कीमत 40 से 50 हज़ार के बीच होती है.
4. जो लोग ट्रांसजेंडर हैं, उनमें से कई सेक्स वर्कर का भी काम करते हैं. इस वजह से वो बड़े इम्प्लांट लगवाना चाहते हैं ताकि उनके स्तन बड़े बड़े दिखाई दें. इतने बड़े इम्प्लांट आम तौर पर डॉक्टर लगाने से मना करते हैं क्योंकि त्वचा अचानक से बहुत खिंचती है. इस कारण ट्रांसजेंडर थोक के भाव में इम्प्लांट मंगवा लेते हैं, और किसी भी टेक्निशियन से सर्जरी करवा लेते हैं. इसका अंजाम उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है जब उनके शरीर के अन्दर वो इम्प्लांट फट जाते हैं.
ब्रेस्ट इम्प्लांट का ये धंधा कम पैसों में शरीर को आकर्षक बनाने के उन्हीं तरीकों जैसा है, जहां एक हफ्ते में 20 किलो वजन कम करने की बात की जाती है. सभी जानते हैं कि ये फेक है. सबको पता है कि ऐसा करना सेहत के लिए खतरनाक होगा. लेकिन फिर भी लोग ऐसा करने से बाज़ नहीं आते, क्योंकि शरीर का आकर्षण उनके लिए ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है. या यूं कह लें कि बाज़ार के हिसाब से ऐसा मान लेना उनकी एक दुखद नियति है. डॉक्टरों का कहना है कि इससे कैंसर होने की बात कितनी सच है ये कहना मुश्किल है अभी, क्योंकि उतने केसेज को स्टडी करने लायक टाइम हुआ नहीं है अभी. हालांकि रिस्क बढ़ने वाली बात कई लोग मानते हैं.
कितना खर्चा आता है?
ब्रेस्ट के अन्दर लगने वाले इम्प्लांट की कीमत 40 से 50 हज़ार के बीच होती है. वहीं सर्जरी की कीमत एक लाख के आस-पास होती है. निर्भर करता है सर्जरी कहां से करवाई गयी है.
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