'सुहागरात के लिए मैं तैयार नहीं थी, और मुझसे मर्जी नहीं पूछी गई'

ऐसा नहीं है कि मैं अपने पति से प्यार नहीं करती, लेकिन...

ऑडनारी ऑडनारी
जून 19, 2019
सांकेतिक फोटो

ये ब्लॉग हमें हमारी एक रीडर ने भेजा है. वो 28 साल की हैं. एक स्वस्थ रिश्ते में हैं. उनका एक बच्चा भी है. जब वो पलटकर अपनी शादी के शुरूआती दिनों को याद करती हैं, तो असहज हो जाती हैं. आज भी. इनकी निजता का सम्मान करते हुए हम इनका नाम नहीं बता रहे है.

सभी की जिंदगी में कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें हम किसी से शेयर नहीं करते हैं. अपने दोस्त, बॉयफ्रेंड या पति किसी से भी नहीं. क्योंकि उन्हें शेयर करने का कोई लॉजिक नहीं होता. और सालों बाद तो बिल्कुल भी नहीं. लेकिन ये बातें जिंदगी पर असर तो डालती ही हैं.

मेरी शादी 2012 में हुई थी. लेकिन इसकी भी अजीब कहानी है. मेरे ससुराल वाले मेरी बड़ी बहन को देखने आए थे. लेकिन उन लोगों ने मुझे पसंद कर लिया. घरवालों ने कहा कि लड़के की सरकारी नौकरी है, इसलिए रिश्ता तय कर देते हैं. सब राजी थे. मैंने भी विरोध नहीं किया. पूछा कि मेरी अचानक क्यों, लेकिन कोई ठीक-ठाक जवाब नहीं मिला.

मां ने कहा कि कई लड़कियों की शादी इस उम्र में होती है. खुद उनकी हुई थी. नॉर्मल है. मैंने भी ये मान लिया. 

इस तरह पढ़ाई के बीच ही मेरी शादी हो गई. अरैंज मैरिज. 21 साल की उम्र में. मेरी पढ़ाई गर्ल्स स्कूल और कॉलेज से हुई. इसलिए लड़के दोस्त भी नहीं थे.

henna_decoration_on_palm_prior_to_islamic_wedding_061919020248.jpgसांकेतिक तस्वीर

मेरी जॉइन्ट फैमिली थी. इसलिए पति से सगाई के बाद सीधे शादी पर ही मिली. सगाई और शादी के बीच इतना टाइम नहीं था कि एक दूसरे को ठीक से जान पाते. शादी के बाद मैं उनके घर पहुंची. मैं छककर सोना चाहती थी. लेकिन दिनभर रेस्ट करने को भी नहीं मिला.

फर्स्ट नाइट थी. मैं पति से खूब सारी बातें करना चाहती थी. उनके साथ कंफर्टेबल होना चाहती थी. उनके घर-परिवार से जुड़ी बातें जानना चाहती थी.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मेरे पति ये समझ ही नहीं पाए कि मैं उनके साथ सहज नहीं हूं. उन्होंने मेरी इच्छा को अनदेखा कर दिया. मेरी मर्जी जाने बिना उन्होंने मेरे साथ वो सबकुछ किया जो फिल्मों में सुहागरात में होता है. मैं इसके लिए तैयार नहीं थी.

मैं दर्द में थी. मैं गंदा महसूस कर रही थी. खुद को बेबस महसूस कर रही थी. इतनी असहज थी लेकिन कुछ नहीं कह पाई. उस टाइम को याद करती हूं, तो खुशी से भर देने वाला कुछ याद नहीं आता. बस दर्द और अपमान याद आता है. मुझे पति के साथ सहज होने में काफी टाइम लगा. सोचती हूं कि पति को ये बात कभी महसूस क्यों नहीं हुई. लेकिन शायद उन्हें ये सब महसूस करना सिखाया ही नहीं गया था.

ऐसा नहीं है कि मैं अपने पति से प्यार नहीं करती. आज मेरा पांच साल का एक बेटा है. लेकिन आज भी उस दिन को याद करके मुझे अजीब सा महसूस होता है. 

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