हरिता कौर देओल: भारतीय वायुसेना में अकेले प्लेन उड़ाने वाली पहली महिला पायलट

24 की नाज़ुक उम्र में चली गईं.

लालिमा लालिमा
फरवरी 27, 2019
वायुसेना में अकेले विमान उड़ाने वाली देश की पहली महिला पायलट हरिता. फोटो- ट्विटर

26 फरवरी 2019 के दिन, भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर बम बरसाए. सैंकड़ों आतंकियों को मार गिराया. ये काम भारतीय वायुसेना ने किया. इसके बाद से ही हर कोई भारतीय वायुसेना के बारे में बात कर रहा है. देश की जनता सेना की तारीफ करते नहीं थक रही. अब जब हर तरफ भारतीय वायुसेना के चर्चे हो ही रहे हैं, तो इसके बारे में कुछ जरूरी बातें भी जानना जरूरी हो गया है. बात करते हैं, उस महिला की, जिसने इंडियन एयर फोर्स में पहली बार अकेले प्लेन उड़ाया.

उस महिला का नाम है- हरिता कौर देओल. एक महिला पायलट थीं. भारतीय वायु सेना में लेफ्टिनेंट थीं. साल 1994 में पहली बार इन्होंने अकेले वायुसेना का कोई विमान उड़ाया था. और इसके बाद हरिता ऐसा करने वाली, यानी अकेले विमान उड़ाने वाली, देश की पहली महिला बन गईं.

जब हरिता ने पहली बार विमान उड़ाया था, वो महज 22 साल की थीं. साल था 1994, और दिन था 2 सितंबर. विमान था एव्रो एचएस-748. उड़ान सफल रही. हरिता ने उस वक्त अपनी सफलता पर कहा था कि वो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करना चाहती हैं. उन्होंने उड़ान खत्म करने के बाद अपने पैरेंट्स से सबसे पहले बात की थी.

1_750x500_022719041404.jpgवायुसेना का एक लड़ाकू विमान. प्रतीकात्मक तस्वीर.

हरिता की मौत भी विमान क्रैश होने की वजह से ही हुई थी. क्या और कब हुआ थ? बताते हैं, पहले उनका एक शॉर्ट इंट्रो जान लें.

चंडीगढ़ से थीं. सिख परिवार से थीं. बचपन से ही एयर फोर्स में जाने का सपना देखती थीं. सपना उस वक्त देखती थीं, जब सेना में महिलाओं की संख्या न के बराबर थी. सपना सच हुआ, हरिता को वायुसेना में जाने का मौका मिला. शॉर्ट सर्विस कमीशन यानी SSC ऑफिसर्स के तौर पर वायुसेना में भर्ती होने वाली पहली सात महिला कैडेटों में हरिता भी शामिल हुईं. ट्रांसपोर्ट पायलट के तौर पर उनकी जमकर ट्रेनिंग हुई.

हैदराबाद के पास डिंडीगुल नाम की एक जगह है. वहां एयर फोर्स एकेडमी है. पायलट के तौर पर हरिता की शुरुआती ट्रेनिंग यहीं पर हुई. बेंगलुरु के येलाहंका में येलाहंका एयर फोर्स स्टेशन है. यहां पर पायलट के तौर पर हरिता ने आगे की ट्रेनिंग ली. 1994 में पहली बार अकेले विमान उड़ाया. धीरे-धीरे हरिता के सपने सच होने लगे. वो आगे भी बहुत कुछ करना चाहती थीं, लेकिन कर नहीं सकीं.

24 दिसंबर 1996 के दिन आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के पास एक एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ. एयरक्राफ्ट में वायुसेना के 24 मेंबर्स थे, जिनमें से एक हरिता भी थीं. उस दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. उस वक्त वो महज 24 साल की थीं.

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