क्या होता है जब एक लड़की पुरुषों के सेक्स क्लिनिक में फोन करती है?

और बताती है कि उसे 'मन नहीं करता'.

नेहा कश्यप नेहा कश्यप
अगस्त 02, 2019

आपको क्रिएटिविटी की मिसाल चाहिए हो तो अखबारों में ऐड वाला पन्ना पढ़िए. पुरुषों की बीमारियां मिलेंगी. कैसी-कैसी. लिखा होगा 'इंद्री' का टेढ़ापन, पतलापन, छोटापन, कमजोरी का गारंटी से इलाज. एक दुनिया है, जो गुप्त रोग और उनका इलाज करने वाले नीम-हकीमों से भरी पड़ी है.  पुरुष अपनी सेक्शुअल प्रॉब्लम को ठीक कर सकें.

कुछ वक्त पहले 'शुभ मंगल सावधान' और 'खानदानी शफाखाना' जैसी फिल्में रिलीज हुईं थी, जो इसी टॉपिक पर बात करती हैं. लेकिन औरतों को होने वाली सेक्स दिक्कतों पर न तो कोई फिल्म बनती है और न ही नीम-हकीम वाले दवाखाने होते हैं. क्योंकि माना जाता है कि औरत को इस तरह की कोई दिक्कत नहीं होती.

कहते हैं कि औरत को सेक्स में करना ही क्या है. वो तो सिर्फ रिसीवर होती हैं. क्रिया तो असल में पुरुष की होती है.

_93737795_mediaitem93737789_080219030438.jpgप्रतिकात्मक तस्वीर : सोर्स- BBC

क्या औरतों को सेक्स संबंधी समस्याएं नहीं होतीं?

ऐसा सोचने के पीछे वजहें हैं.

पहली वजह: आम धारणा है कि महिलाओं के सेक्शुअल ऑर्गन मर्दों की तरह नजर नहीं आते, तो उन्हें सेक्शुअल दिक्कतें नहीं होतीं. उनके पास है ही क्या जो खराब होगा.

दूसरी वजह: सेक्स को दो लोगों के बीच समान रूप से होने वाली प्रक्रिया नहीं माना जाता है. इसे मूलतः पुरुष की क्रिया माना जाता है. अगर मां और बहन से जुड़े अपशब्द देखें, तो पाएंगे कि ये पुरुष की स्त्री के साथ की गई ज़बरदस्ती पर बने हैं. यानी हमारी भाषा भी इसी तरह बनी है, जिसमें यौन संबंध की क्रिया का कर्ता पुरुष को माना गया है. और उस क्रिया की ऑब्जेक्ट मानी गई है.

हम लोगों के बीच कई औरतें होंगी, जो जानती हैं कि उन्हें सेक्शुअल प्रॉब्लम है. किसी को दर्द हो सकता है, किसी को चिकनाहट की कमी हो सकती है. लेकिन शर्म और झिझक से ये तकलीफें हार जाती हैं. शर्म, कि डॉक्टर के पास कैसे जाएं. उसे दिक्कत कैसे बताएं. डॉक्टर उन्हें जज करेगा कि सेक्स की कितनी भूख है, जो डॉक्टर के पास आ गई. कैरेक्टर पर सवाल करेगा. इसलिए सबसे अच्छा ऑप्शन है, समझौता कर लें.

खैर, हकीमों और सेक्स क्लिनिक्स पर लौटते हैं. इस तरह के हकीम क्या महिलाओं की सेक्स समस्याओं का इलाज करने का भी दावा करते हैं? शायद करते हों, पर खुलकर नहीं. महिलाओं के सेक्शुअल डिस्फंक्शन को लेकर इश्तेहार नहीं दिए जाते.

121001065158-mallika-nutrition-2-horizontal-gallery_080219031646.jpgप्रतिकात्मक तस्वीर : गूगल

हमने अखबार में छपने वाले इन विज्ञापन में दिए नंबर्स पर फोन किया. समस्या बताई. पूछा कि ये कैसे बीमारी दूर करते हैं. कुछ बहुत अहम अंतर पता चले. जैसे कि महिलाओं में सेक्स प्रॉब्लम की वजह उनका शरीर ही नहीं चरित्र भी हो सकता है.

पहला कॉल-

रिपोर्टर: सेक्स की इच्छा नहीं होती है. शादी टूटने के कगार पर आ गई है. क्या करें?

हकीम: मन क्यों नहीं करता. कोई भी लड़का किसी लड़की को छूता है, तो मन फट से जाग जाता है. क्यों कंफर्टेबल नहीं होती हो, बताओ, क्या पहले कभी पति के साथ संपर्क नहीं हुआ.

रिपोर्टर: पहले हुआ है, लेकिन दिक्कत अभी शुरू हुई है.

हकीम: क्या दूसरे किसी और के साथ, बॉयफ्रेंड के साथ हुआ है

रिपोर्टर: नहीं, इन्हीं के साथ

हकीम: तब मन करता था?

रिपोर्टर: हां, तो थोड़ा बहुत मन करता था, अब बिल्कुल नहीं करता.

हकीम: ठीक है, इलाज कर देंगे. 1050 रुपये की दवाई होगी.

जब पूछा गया कि विज्ञापन में सिर्फ पुरुषों के लिए इलाज के बारे में लिखा है, तो हकीम ने कहा कि महिलाओं की इच्छा जगाने वाली दवाई भी होती है. एक महीने का कोर्स होगा. लाइफ टाइम की गारंटी रहेगी. दवाखाने आने की जरूरत नहीं है. नाम-पता लिखा देने पर डाक से दवा घर पहुंच जाएगी.

रिपोर्टर: पति से बात करके बताती हूं.

हकीम: अभी तो कहा कि शादी टूटने पर आ रही है. झगड़ा भी हो जाता है. अब पति से बात करोगी. मतलब खाली बात करने के लिए फोन किया था. तुम्हारा झगड़ा पति से इसलिए है, क्योंकि तुम किसी दूसरे आदमी को लाइक करती हो. तुम्हारा किसी और से अफेयर होगा, इसिलए हस्बेंड से तुम्हारा झगड़ा है, मैं समझ गया तुम्हारी बात को. हम तो रोज इस तरह की लड़कियों से बात करते हैं, तो पता चल जाता है.

चूंकि लड़की में इतनी हिम्मत है कि अपनी तकलीफ के लिए वो हकीम को फोन कर रही है, ज़ाहिर है वो औरत चरित्रहीन होगी. चरित्रहीन औरतें एक मर्द से कहां संतुष्ट हो पाती हैं!

दूसरा कॉल-

रिपोर्टर: अखबार में आपके दवाखाने का नंबर देखा था

हकीम: शादी को कितने साल हो गए

रिपोर्टर: 3

हकीम: कोई बच्चा है

रिपोर्टर: नहीं

हकीम: पता बता दो, दवा भेज देंगे.

रिपोर्टर: कैसी दवा होगी?

हकीम: आपके अंदर ठंडापन है, वो ठीक कर देगी. 3850 रुपये की दवाई है, नंबर पर मैसेज कर देना, घर पहुंच जाएगी. दो-तीन दिन में फर्क आ जाएगा.

लड़कियों की बीमारियों के नाम नहीं होते. स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, धातुरोग. औरतों की बीमारी का कोई नाम नहीं है. इसलिए डॉक्टर साहब की डायग्नोसिस निकलकर आती है 'ठंडापन'.

तीसरा कॉल-

[रिपोर्टर ने बताया कि नवंबर में शादी होने वाली है. एक बार फिजिकल रिलेशन बनाने की कोशिश की, लेकिन नहीं हो पाया. लड़के से पहले मिली हैं, लेकिन इच्छा नहीं करती.]

हकीम: उम्र कितनी है

रिपोर्टर: 25

हकीम: पहले कभी किसी के साथ सेक्स किया है

रिपोर्टर: हां

हकीम: कुंवारे में, कितनी बार

रिपोर्टर: एकाध बार

हकीम: किसके साथ किया है, जिसके साथ होने वाली है उसी के साथ, या किसी और दोस्त वगैरह के साथ.

रिपोर्टर: नहीं, उनके साथ नहीं.

हकीम: अच्छा किसी और के साथ किया. कब से दिक्कत है?

रिपोर्टर: 6 महीने से

हकीम: 1050 रुपये की दवाई होगी. इच्छा होने लगेगी. और जिसके साथ करना है उसको दवाई खिलाने पर 25 से 30 मिनट तक करने लगेंगे. ऑर्डर करना चाहते हैं. तो अभी बोलिए.

रिपोर्टर: अभी नहीं, बता देंगे.

औरत के लिए दवा मांगने पर भी दवा पुरुष के लिए सुझाई जाती है. ठीक उसी तरह, जैसे पुरुष भी अगर इन्फर्टाइल हो तो बांझ उसकी पत्नी को ही कहा जाता है. मानो सेक्स पुरुष का काम हो, और उससे होने वाला बच्चा औरत का. दोनों की जिम्मेदारियां बंटीं हुई हैं. उससे बाहर निकलते वाली औरत बदचलन हो जाती है. और बाहर निकलने वाले पुरुष को तो गाली के तौर पर 'औरत' कह दिया जाता है.

मगर सच ये है कि लगातार सेक्स की इच्छा न होना भी औरतों के लिए मुमकिन है. मुमकिन है कि हिचक में वे पति को मना न करें. और बेमन ही खुद को उसके सुपुर्द कर दें. मगर इससे ये बात ख़त्म नहीं होती, कि फीमेल सेक्शुअल डिसफंक्शन एक मेडिकल कंडीशन है, जिसका इलाज करवाना आपके यौन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है.

gettyimages-1130933748_080219031819.jpgप्रतिकात्मक तस्वीर : GettyImage

तो क्या होता है ‘फीमेल सेक्शुअल डिसफंक्शन’?

ये जानने के लिए हमने डॉक्टर अनुराधा कपूर और डॉक्टर लवलीना नादिर से बात की. वो मैक्स दिल्ली और फ़ोर्टिस मुंबई में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. उन्होंने हमें बताया:

“एक चीज़ होती है सेक्शुअल रेस्पॉन्स साइकिल. यानी सेक्स के दौरान अगर आपका पार्टनर आपको उत्तेजित करने की कोशिश कर रहा है पर आप नहीं हो रहीं. किसी भी हाल में. कहने का मतलब आपका पार्टनर अपनी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दे, पर आपको कोई फ़र्क ही न पड़े. ये है फीमेल सेक्शुअल डिसफंक्शन’. ये किसी भी औरत को कभी भी हो सकता है.”

इसके क्या लक्षण हैं

-सेक्स में कोई रुचि न होना

-सेक्स के दौरान भी उसमें मन न लगना

-सेक्स के दौरान दर्द होना

-ऑर्गास्म न होना

-सेक्स के दौरान वजाइना में पर्याप्त मॉइस्चर न बनना

इसकी कई वजहें हो सकती हैं. जैसे:

-दिल की बीमारी

-डाइबिटीज़

-हॉर्मोनल इम्बैलेंस. यानी हॉर्मोन के स्तर नॉर्मल से कम या ज्यादा होना

-कोई मानसिक परेशानी, एंग्जायटी, स्ट्रेस

-सेक्स के दौरान कॉन्फिडेंस की कमी, जो युवा लड़कियों और उन औरतों में देखा जा सकता है जिनकी नई शादी हुई हो.

-इंटिमेसी से जुड़ा कोई ऐसा हादसा जिसने महिला के दिमाग पर असर डाला हो. यौन शोषण या रेप विक्टिम के लिए ये पूरे जीवन का ट्रॉमा हो सकता है.

इंडिया की सच्चाई

इंडियन मेनोपॉज सोसाइटी ने अहमदाबाद में 150 फर्टाइल औरतों पर एक सर्वे किया. उम्र 20 से 47 साल जिनमें से 55% औरतों को दर्द होना, चिकनाई की कमी होना और सेक्स की इच्छा न होने जैसी समस्याएं थीं. वजह बताई गई मानसिक स्ट्रेस. और औरतों को सजेस्ट किया गया कि वे अपने पतियों से बात करना शुरू करें. शादीशुदा औरतें, खासकर हाउसवाइफ औरतें अपने सभी दोस्त खो देती हैं. और हर वक़्त टेंशन में रहती हैं, जिसे किसी से शेयर नहीं करतीं. इसलिए सेक्स भी एन्जॉय नहीं कर पातीं.

ये बड़े तौर पर हमारे समाज के बारे में क्या कहता है?

भारत वो देश है, जहां औरतें मेडिकल स्टोर से पैड्स खरीदने में भी झिझकती हैं, क्योंकि मेडिकल स्टोर पर बैठे पुरुष को पता चल जाएगा कि उसको पीरियड आते हैं. डॉक्टर से पुट्ठे पर सुई लगवाने से हिचकती हैं और हाथ आगे बढ़ा देती हैं. सामान्य से मर्ज में गांवों में औरतों घूंघट उठाकर आंखें और जीभ दिखाने से मना कर देती हैं. घुटने पर लगी चोट को मुंह से बताकर दवा लेती हैं.

वहां किसी महिला का सेक्स समस्या पर बात करना ही चरित्रहीन साबित करने के लिए काफी है. मगर उससे भी बड़ी समस्या है ये मालूम ही न होना, कि आप किसी मेडिकल कंडीशन के सफ़र कर रही हैं.

शर्म औरत का गहना है. अस्वस्थ शरीर और मन पर गहने लादकर क्या करेंगी आप?

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