यौन शोषण की बड़ाई करता स्टैचू 14 साल से खड़ा था, पहली बार उसपर सवाल उठाया गया है

ये स्टैचू दुनिया के कई देशों में है.

लालिमा लालिमा
फरवरी 21, 2019
फ्लोरिडा के इस स्टैचू पर #MeToo लिखा गया है. फोटो- फेसबुक

एक स्टैचू इस वक्त काफी चर्चा में है. हमारे देश से करीब 15000 किलोमीटर दूर एक स्टेट है फ्लोरिडा. यहीं पर वो स्टैचू है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. स्टैचू में यूएस का एक नाविक, एक नर्स को किस कर रहा है. उसने नर्स को पीठ के बल पर झुका रखा है, और उसे लिप किस कर रहा है. ये स्टैचू दूसरे विश्व युद्ध की एक मशहूर तस्वीर पर बनाया गया था.

क्यों है खबरों में?

क्योंकि किसी ने इस स्टैचू को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. फ्लोरिडा में सारासोटा नाम की एक सिटी है. इसी सिटी में ये स्टैचू बना है. ये स्टैचू अनकंडिशनल सरेंडर स्कल्प्चर यानी मूर्ति कहलता है.

दरअसल, स्टैचू में जो नाविक दिख रहा है, उसका नाम है जॉर्ज मेन्डॉन्सा. 17 फरवरी 2019 के दिन मेन्डॉन्सा का निधन हो गया. उसकी मौत के कुछ ही घंटों बाद किसी ने स्टैचू को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. स्टैचू में बनी लड़की के पैर पर किसी ने #MeToo लिख दिया. लाल रंग से.

सारासोटा पुलिस ने फेसबुक पर दो तस्वीरें पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि 18 फरवरी 2019 के दिन किसी ने स्टैचू को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. हालांकि ऐसा किसने किया ये पता नहीं चला है. स्टैचू को करीब 1,000 डॉलर, रुपयों में कहें तो 71,075 रुपए का नुकसान हुआ. क्योंकि स्टैचू के काफी बड़े हिस्से में #MeToo लिखा गया था.

स्टैचू की कहानी

दूसरा विश्व युद्ध खत्म होने के बाद अमेरिका में लोग इसे सेलिब्रेट कर रहे थे. जापान ने अमेरिका के सामने समर्पण कर दिया था. न्यू यॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में लोग अपने तरीके से खुशियां मना रहे थे. दिन था 14 अगस्त 1945. जापान ने इसी दिन सरेंडर किया था. इस दिन को वी-जे दिन कहते हैं. यानी विक्ट्री ओवर जापान. अमेरिका का एक नाविक जॉर्ज मेन्डॉन्सा इस बात से खुश था कि अब उसे वापस समुद्र नहीं जाना होगा. वहीं एक डेंटिस्ट की असिस्टेंट, यानी नर्स ग्रेटा जिमर लंच ब्रेक पर थी. दोनों एक ही समय पर टाइम्स स्क्वायर में थे. जॉर्ज इतना खुश था, कि मारे खुशी के उसने अपने सामने खड़ी ग्रेटा को कसकर पकड़ा और उसे किस कर दिया.

इस किस में कहीं से कहीं तक ग्रेटा की मर्जी नहीं थी. वो तो इस बात से भी अनजान थी कि अगले पल उसके साथ क्या होगा. उस वक्त टाइम्स स्क्वायर में एक फोटोग्राफर भी मौजूद था. नाम था अल्फ्रड एस्टिनडट. अल्फ्रड ने इस मोमेंट को, यानी जबरन किस को कैमरे में कैद कर लिया. एक हफ्ते बाद लाइफ मैग्जीन में ये तस्वीर पब्लिश हुई. किसिंग की इस तस्वीर ने लोगों को आकर्षित किया. लोगों ने इसे बहुत पसंद किया.

rtr47n00_750_022119120100.jpgफ्रांस की केन सिटी में केन म्यूजियम के सामने बना स्टैचू. फोटो- रॉयटर्स

साल 2005 में सारासोटा में इस तस्वीर की तरह का स्टैचू बनाया गया. ऐसा ही स्टैचू बाद में इटली में बना, फ्रांस में बना, न्यू यॉर्क में बना. और दुनिया के कुछ और देशों में भी बना.

ये यौन शोषण था जनाब.

लोग इस आइकॉनिक किस को प्यार की निशानी जरूर मानते हैं. टाइम्स स्क्वायर में इस तरह किस करने की कोशिश भी करते हैं. लेकिन ये कोई रोमांस नहीं था, बल्कि यौन शोषण था. क्योंकि ग्रेटा को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था, कि सामने से आ रहा आदमी उन्हें कसकर पकड़ेगा और किस कर देगा.

rtr461ki_750_022119120147.jpgकेलिफोर्निया के सेन डियागो में बना स्टेज्यू. फोटो- रॉयटर्स

एक इंटरव्यू में ग्रेटा ने कहा था, 'वो कोई रोमांटिक पल नहीं था. उसमें मेरी मर्जी नहीं थी. वो किस मेरी इच्छा से नहीं हुआ था. वो आदमी बस आया, और मुझे पकड़कर उसने किस कर दिया.'

खैर, जिस किसी ने भी स्टैचू के ऊपर मीटू लिखा, वो ये बताना चाह रहा था कि ये स्टैचू, या ये किस प्यार का सिंबल नहीं है, बल्कि जबर्दस्ती का सिंबल है. ये उस नर्स का यौन शोषण था.

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