अपने बच्चों का दूध छुड़वाने के लिए इन माओं ने जैसी साज़िश की, जानकर आप लोटपोट हो जाएंगें!

कुछ तरीके तो ऐसे हैं कि हैरानी होती है इन अम्माओं को ये सूझा कैसे होगा!

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
फरवरी 06, 2019
(सांकेतिक तस्वीर) फ़ोटो कर्टसी: Pixabay

निहारिका (नाम बदल दिया गया है) मैटरनिटी लीव पर थी. ऑफिस वापस जॉइन करने के दिन नज़दीक आ रहे थे. वो काफ़ी परेशान थी. वो अपनी छह महीने की बेटी को ब्रेस्टफीड करवाती थी. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो बेबी को अपना दूध कैसे पिला पाएगी. बच्ची बोतल से दूध पीने के लिए तैयार ही नहीं थी. सब ट्राई कर लिया था. कुछ काम नहीं आ रहा था. थक-हारकर उसने एक तरकीब अपनाई. अपने ब्रेस्ट पर टैटू बनवा लिया. उसे देखकर बच्ची दूध पीने से उचट जाती. निहारिका की दिक्कत सॉल्व हो गई. उसने अपना दूध पंप के ज़रिए बोतल में भरना शुरू कर दिया. इस तरह वो वापस अपना ऑफिस जॉइन कर पाई. ये आम समस्या है. कामकाज़ी महिलाओं के लिए तो बहुत बड़ी दिक्कत. निहारिका की बेटी तो अभी छह महीने की ही थी, कई बार बच्चे तीन साल से ज़्यादा के हो जाते हैं लेकिन मां का दूध पीना नहीं छोड़ते. पर जब ऐसा नहीं होता तो मांओं को अलग-अलग साज़िश करनी पड़ती हैं. आइए आपको ऐसे ही कुछ मज़ेदार उपाय बताते हैं, जो माएं अपने बच्चों का दूध छुड़वाने के लिए इस्तेमाल कर चुकी हैं. इन सब मांओं से हमने पर्सनली बात की है. बस नाम बदल रहे हैं.

# नीम की कड़वाहट

वंदना का बेटा दो साल का हो गया था. पर दूध पीना नहीं छोड़ रहा था. तब वंदना की सास ने उसे सलाह दी कि वो अपने निप्पल पर नीम का तेल लगा ले. तेल के कड़वेपन की वजह से बेटे जी ने दूध पीना छोड़ दिया.

# कुमकुम का ख़ून बनाया

ये तो बड़ा ही मज़ेदार किस्सा है. आएशा का बेटा तीन साल का हो गया था. पर ब्रेस्टफीडिंग करना नहीं छोड़ रहा था. आएशा ने अपने ब्रेस्ट पर कुमकुम लगाना शुरू कर दिया. बेटे को बोला ख़ून है. चोट लग गई है. बच्चा कुमकुम को ख़ून समझ कर डरने लगा. दूध पीना भी छोड़ दिया.

# कोई मिर्च कैसे मल सकता है?

प्रिया तो इतनी परेशान हो गई थी कि उसे अपने निप्पल पर मिर्च लगानी शुरू कर दी. वो मिर्च पाउडर को थोड़े से पानी में घोलकर उसका पेस्ट लगा लेती. जैसे ही बच्ची के मुंह में मिर्च गई वो तिलमिला गई. हां, ये थोड़ा दर्दनाक तो था. पर तब से बच्ची ने दूध पीना छोड़ दिया.

# हॉरर फ़िल्म से डराकर

दीप्ति अब ख़ुद 27 साल की है. उसने सही समय पर मां का दूध पीना छोड़ दिया था. पर उसके छोटे भाई ने ढ़ाई-तीन साल तक दूध पीना नहीं छोड़ा. मम्मी परेशान. एक दिन मम्मी टीवी देखते-देखते दूध पिला रही थीं. टीवी पर आ रही थी ‘द मम्मी रिटर्न्स.’ उसमें एक सीन था. बम जैसा धमाका होता है और निकलते हैं कीड़े. टीवी पर आवाज़ की वजह से छोटू का ध्यान भी बट जाता है. वो टीवी की तरफ़ देखता है. जैसे ही दूध पीने के लिए उसने वापस मुंह घुमाया, मम्मी ने कहा: “अब यहां से भी ऐसे ही कीड़े निकलेंगे.”

फिर क्या था! छोटू डर गया. दूध पीना छोड़ दिया.

# दूध छुड़ाने में प्लास्टर का क्या रोल?

वत्सला की बेटी तीन साल तक दूध पीती रही. वो अपने ब्रेस्ट पर कुछ भी लगाती, उसकी बेटी उसे साफ़ कर देती. फिर दूध पीना शुरू कर देती. वत्सला नहीं पिलाती तो रो-रोकर सारा घर सर पर उठा लेती. एक दिन वत्सला सीढ़ियों से गिर गई. उसका पैर टूट गया. प्लास्टर चढ़ाना पड़ा. सफ़ेद रंग का प्लास्टर देखकर बच्ची ऐसे डरी कि उसने अपने आप दूध पीना छोड़ दिया.

# चूसनी का सही इस्तेमाल

आभा की मां ने उसे एक सही ट्रिक बताई. कहा: “बच्चे के हाथ में एक चूसनी पकड़ा दो. उसमें शहद भर दो. बच्चा उसे चूसता रहेगा.” ट्रिक काम आई. धीरे-धीरे आभा ने अपने बेटे को बोतल से दूध पीने की आदत डलवा दी.

# गुणकारी हल्दी

हल्दी के कई गुण हैं. ये वाला अभी डिस्कवर हुआ हमें. निशा हल्दी के पाउडर को पानी में मिलाती. उसका घोल बनाती. फिर उसे अपने निप्पल पर लगा लेती. उसके बेटे के मुंह में जब वो पेस्ट आता, तो वो दूध पीना छोड़ देता. दो-चार बार के बाद उसने दूध पीना हमेशा के लिए छोड़ दिया.

# ब्रेस्ट पर कौन नेल पॉलिश लगाता है यार?

सोनाली का किस्सा बड़ा मज़ेदार है. वो अपने ब्रेस्ट पर लाल नेल पॉलिश लगा लेती. बच्चे को कहती ख़ून है. बच्चा डर के मारे दूध नहीं पीता.

ये सारे किस्से कितने मज़ेदार हैं न!

हम अक्सर सुनते हैं कि बच्चे को मां का दूध ज़रूर पिलाना चाहिए. कम से कम छह महीने तक तो ज़रूर. पर क्यों?

डॉक्टर साधना काला दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में गाइनकॉलजिस्ट हैं. उन्होंने हमें बताया कि ब्रेस्टफ़ीडिंग करवाना क्यों ज़रूरी है:

  • मां का दूध पीने से बच्चा स्वस्थ रहता है.
  • जितना न्यूट्रीशन बच्चे को स्वस्थ रहने के लिए चाहिए, मां के दूध में वो सब होता है. वो भी सही मात्रा में.
  • ये बच्चे को बीमारियों से बचाता है. जैसे डायबिटीज़ और कैंसर.
  • मां का दूध बच्चा आसानी से पचा पता है. इसको पीने से उसे कब्ज़ और डाइरिया नहीं होता.

breastfeeding-new_020619082358.jpgबहुत छोटे बच्चे को समझाना कि उसको दूध नहीं मिल सकता, काफ़ी मुश्किल है. फ़ोटो कर्टसी: रायटर्स

हमने डॉक्टर निशि वर्मा से बात की. वो मैक्स हॉस्पिटल गुरुग्राम में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. उन्होने हमें बताया कि कैसे औरतें अपने बच्चों की ब्रेस्टफ़ीडिंग छुड़वा सकती हैं. वो कहती हैं:

“छह महीनों के बाद आप चाहें तो ब्रेस्टफ़ीडिंग रोक सकती हैं. बहुत घरेलू उपाय मौजूद हैं. मिर्च से लेकर नीम का पेस्ट. पर कुछ और भी तरीकें हैं.”

जैसे:

1. ब्रेस्टफ़ीड करने की पोज़ीशन बदल लीजिए

बच्चे को आप नर्सिंग पोज़ीशन में अपना दूध पिलाती हैं. यानी उसको अपनी गोद में लेती हैं, और उसका सर अपने ब्रेस्ट के पास रखती हैं. पर अगर आप अपने बच्चे को हमेशा वैसे ही पकड़ेगीं तो उसको आपके दूध की ख़ुशबू आएगी. फिर वो आपका दूध पीने की ज़िद करेगा. इसलिए जब आप उसे बोतल से दूध पिलाएं तो किसी और पोज़ीशन में दूध पिलाएं. या तो उसे गोद में सीधा पकड़ के दूध पिलाइए. या तो उसे अपने घुटनों पर बैठाइए. उसका चेहरा अपनी तरफ़ रखिए. ट्रिक ये है कि आपके बच्चे को दूध पीते समय आपका एहसास महसूस हो. दूध पिलाने के बाद उसे थोड़ी देर तक अपने पास ही रखें.

1_020619082904.jpgजब आप उसे बोतल से दूध पिलाएं तो किसी और पोज़ीशन में दूध पिलाएं. फ़ोटो कर्टसी: Pixabay

2. दूध पिलाने का समय फ़िक्स करिए

बहुत छोटे बच्चे को समझाना कि उसको दूध नहीं मिल सकता, काफ़ी मुश्किल है. पर 18 महीने और उससे बड़े बच्चे को ये समझ में आएगा. इसलिए आपको अपना दिल मज़बूत करना पड़ेगा. जब भी वो दूध की ज़िद करे, उसे दूध मत पिलाइए. कोई समय बांध लीजिए कि इस-इस समय आप दूध पिलाएंगी. साथ ही जगह भी बांध लीजिए. एक ख़ास कुर्सी. या कोना.

2_020619085116.jpgकोई समय बांध लीजिए कि इस-इस समय आप दूध पिलाएंगी. फ़ोटो कर्टसी: Reuters

3. बोतल का निप्पल बदलिए

अगर आप अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाने की आदत डलवा रही हैं और वो नहीं पी रहा, तो निप्पल बदल कर देखिए. निप्पल पर काफ़ी-कुछ निर्भर करता है. हो सकता है जिस निप्पल से आप बच्चे को दूध पिला रही हैं, वो उसे पसंद न हो. कुछ बच्चों को असली निप्पल के शेप से ठीक मिलता-जुलता निप्पल पसंद आता है. कुछ को एकदम अलग. इसलिए 2-4 अलग-अलग निप्पल बदलिए.

3_020619085204.jpgकुछ बच्चों को असली निप्पल के शेप से ठीक मिलता-जुलता निप्पल पसंद आता है. फ़ोटो कर्टसी: Pixabay

4. अपना दूध सुखाने की कोशिश करिए

कभी सप्लाई और डिमांड के बारे में सुना है? मतलब जितनी सप्लाई उतनी डिमांड. कहने का मतलब है कि बच्चे को आप दिन में जितनी बार दूध पिलाएंगीं, उतना दूध आपके शरीर में बनेगा. जितना दूध आपका बच्चा पीता है, ठीक उतना ही आपके शरीर में बनता है. अगर आप एकदम से दूध पिलाना बंद कर देंगीं तो आपको दिक्कत होगी. इसलिए हर दिन एक फ़ीडिंग कम करवाइए. धीरे-धीरे करके दिन की एक फीडिंग घटा दीजिए. दूध भी अपने आप बनना कम होता जाएगा.

4_020619085239.jpgहर दिन एक फ़ीडिंग कम करवाइए. फ़ोटो कर्टसी: Pixabay

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पढ़िए: वो 5 गलतियां जो नई मांएं अक्सर बच्चों को दूध पिलाते समय करती हैं

 

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