DTC बस में लड़की के डांस वीडियो पर बवाल, मर्दों की इन 6 हरकतों पर कैसे लगाम लगेगी
वो 6 हरकतें जो पुरुष बसों में करते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती.

बस, मेट्रो, ऑटो, कैब. इनका इस्तेमाल लोग क्यों करते हैं? एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने और कम पैसों और समय में लंबी दूरी तय करने के लिए. अगर इन पब्लिक ट्रांसपोर्ट साधन में कोई नाचने-गाने, ठुमके लगाने लगे तो जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी ही चाहिए. दिल्ली में भी ऐसा ही हुआ.
12 जुलाई को जनकपुरी एरिया में एक युवती ने डीटीसी (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कोर्पोरेशन) की बस के अंदर नाचते हुए टिकटॉक वीडियो बनाया. 17 सेकेंड का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद डीटीसी ने कार्रवाई करते हुए बस के ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही बस कंडक्टर और सुरक्षा के लिए तैनात मार्शल के खिलाफ भी कार्रवाई की बात सामने आ रही है.
#DTC की बस में एक युवती के साथ टिक टॉक वीडियो बनाना बस के ड्राइवर, कंडक्टर और बस में सुरक्षा के लिए तैनात मार्शल को भारी पड़ गया. सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद डीटीसी ने कार्रवाई करते हुए बस के ड्राइवर को ससपेंड कर दिया है.#Delhi #DTCBUS #DanceIndiaDance pic.twitter.com/GjMn82n1N9
— Sachin Kumar (@SachinKrIndia) July 18, 2019
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो.
अच्छी बात है कि एक्शन लिया गया. लेकिन ये कार्रवाई तब क्यों नहीं होती, जब पुरुष यात्री बसों में मास्टरबेट करते हैं. महिलाओं से जबरन खुद को सटाते हैं. पीछे से पेंट खिसक जाने पर भी बेसुध बैठे रहते हैं. टांगे फैलाकर बगल में बैठे इंसान की सीट भी घेर लेते हैं. खैर लिस्ट लंबी है, इसलिए यहां हम उन 6 हरकतों के बारे में बता रहे हैं, जो पुरुष बस, मेट्रो, टेम्पो और बाकी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में करते हैं.
-मास्टरबेट करना
ट्रेन, मेट्रो, बस, बाइक, कैब और ऐसी कोई जगह बची नहीं है, जहां पुरुषों के मास्टर करने की खबर न आई हो. वह अपनी सुविधा और इच्छा अनुसार कहीं भी शुरू हो जाते हैं. उन्हें रोकने बस में मौजूद यात्री तो क्या ड्राइवर, कंडक्टर तक कई बार बीच में नहीं आते हैं. कुछ मामलों में आरोपी पकड़ा जाता है, लेकिन कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं होती.
-टांगे फैलाकर डेढ़ सीट घेर लेना
जब मकान बन रहा होता है, तो उसका मालिक गली-पड़ोस का एक-एक इंच हिस्सा घेर लेना चाहता है. ऐसा ही हाल पुरुषों के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट में होता है. टांगे फैलाकर खुद की और बगल वाले की आधी सीट घेर लेते हैं. बार-बार उन्हें याद दिलाना पड़ता है कि उनकी सीट खत्म हो चुकी है और वो दूसरी सीट की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं. खैर, बहुत कम सज्जन इस बात को समझ पाते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर : द हिंदू
-हिप्स दिखने पर भी पैंट ऊपर नहीं खींचना
शरीर आपका है. पेंट भी आपका ही होगा. जैसे चाहे पहनें. लेकिन कायदा भी तो कोई चीज है. बैठने पर लो वेस्ट जींस और नीचे खिसक जाता है. लेकिन मर्दों के लिए खुद का कंफर्ट सबसे पहले आता है. पब्लिक प्लेस में भी वो पेंट ऊपर खींचने या शर्ट या टीशर्ट नीचे करने की जहमत नहीं उठाते. जिसे नहीं देखना, वो अपनी नजरें झुका ले.
-गुटखा-तंबाकू थूकने के लिए भड़भड़ाना
बीड़ी, गुटखा, पान, तंबाकू खाने से ज्यादा उसे थूकने के लिए भड़भड़ाना गलत है. खासतौर पर जबकि बस ठसाठस भरी हों. ऐसे लोग बस में खिड़की और दरवाजे की तरफ बैठे लोगों पर छीटें भी गिराते जाते हैं. वो भी बिना सॉरी फील किए. कतई ढीठ लोग.
-जबरदस्ती सटकर खड़े होना
बस में सीट नहीं मिली तो एक कुर्सी से टिककर खड़े हो गए. कुर्सी पर बैठी महिला की तरफ मुंह करके ही. फिर कुछ-कुछ देर में उससे सटे जा रहे हैं. अपने शरीर को बार-बार टच करा रहे हैं. और जर्क आने पर तो ऐसे निढाल होकर लुढ़कने लगते हैं, मानों पैर नहीं स्प्रिंग पर खड़े हों.
-तेज आवाज में वल्गर गाने बजाना/वीडियो देखना
कैसे गाने सुनने हैं या वीडियो देखना है, ये इंसान की पर्सनल चॉइस है, लेकिन उसे दूसरों पर थोपना गलत है. शादियों में डीजे के अलावा बसों में भी लोग यही काम करते हैं. तेज आवाज में भद्दे और बेहद बुरे गाने चलाते हैं. वीडियो भी देखते हैं. बगल में बैठे इंसान के लिए तो एकदम टॉर्चर.
इन छह कैटेगिरी वाले लोगों को बस में बिठाने वाले ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
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