25 साल की युवा औरत, 2 नन्ही बेटियों की मां फांसी लगाकर मर गई

क्या दहेज की वजह से कविता की जान गई?

लालिमा लालिमा
फरवरी 15, 2019
प्रतीकात्मक तस्वीर. रॉयटर्स/वीडियो स्क्रीनशॉट

पांच साल पहले, यानी 2014 में कविता की शादी राजकुमार से हुई थी. उस वक्त कविता 20 साल की थी, और राजकुमार 24 का था. कविता के माता-पिता खुश थे. कविता भी खुश रही होगी. थोड़ी डरी-सही भी होगी. नई दुल्हन की तरह. नई दुल्हन की तरह प्यारी सी भी दिख रही होगी.

11 फरवरी 2019 को कविता मर गई. फांसी पर झूल गई. आत्महत्या की उसने. या उसे आत्महत्या कहा गया, कोई नहीं जानता.

उत्तर प्रदेश में एक जिला है बुलंदशहर. वहां के एक छोटे से गांव में लक्ष्मी और जगपाल रहते हैं. कविता इनकी ही बेटी थी. चार बच्चों में सबसे बड़ी थी. पढ़ने में होशियार. लेकिन पिता पैसे से मजबूर थे, इसलिए 10वीं तक ही पढ़ा सके. और जब वो 20 साल की हुई तो शादी कर दी.

capture-12_750x500_021519073752.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर. वीडियो स्क्रीनशॉट

शादी हुई दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक गांव ककरोला में. पति का नाम राजकुमार. शादी के वक्त ट्रक चलाता था. तब ठीक-ठाक कमा लेता था. शादी हो गई. बिना दहेज शादी हुई. तब लड़केवालों ने ये कहा कि हमें तो केवल लड़की चाहिए. पैसे नहीं. कोई डिमांड नहीं की. लड़कीवालों से कहा, जो अपनी मर्जी से देना चाहते हो, दे देना. हमें तो कुछ नहीं चाहिए. ऐसा हमें कविता की मां लक्ष्मी ने बताया.

लक्ष्मी कहती हैं:

"हमारी आर्थिक स्थिति तगड़ी नहीं थी. भले ही लड़केवालों ने कुछ लेने से मना कर दिया था, लेकिन अपनी तरफ से हमने उसे गहने बनाकर दिए. उसके ससुराल वालों के लिए गहने बनाए. मतलब जितना हो सकता था, हमने अपने मन से किया."

holding-hands-1404625_960_720_750x500_021519073819.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर. Pixabay

कविता ससुराल चली गई. उसने आगे की पढ़ाई की. 12वीं पूरी कर ली. प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लगी. और घर पर भी ट्यूशन लेने लगी. एक बेटी भी हो गई. दूसरी बार भी प्रगनेंट हुई. यही पॉइंट था, जहां से कविता की जिंदगी ने यू-टर्न ले लिया.

कविता की मां की मानें तो राजकुमार शराब पीता था. शादी के कुछ साल बाद ज्यादा पीने लगा. काम पर जाना भी बंद कर दिया. कविता जब दूसरी बार प्रेगनेंट हुई, तब उसे बच्चा गिराने को कहा गया. कविता ने मना कर दिया. तब राजकुमार ने उसे पीटा. फिर उसे दहेज के लिए परेशान करना भी शुरू कर दिया.

"राजकुमार ने काम पर जाना छोड़ दिया था. घर का खर्च भी कविता को चलाना पड़ता. इधर उसकी दूसरी बेटी भी हो गई. इसलिए बच्चों को भी संभालती, स्कूल में भी पढ़ाती, घर पर ट्यूशन भी पढ़ाती और घर का काम भी करती. माने चकरी बन गई थी वो. फिर भी उसे दहेज के लिए परेशान किया जाता. कुछ दिन पहले राजकुमार ने कहा कि उसे स्कूटी चाहिए. पैसे लाकर दे. पैसों के लिए दबाव बनाने लगा. कविता ने हमें कुछ नहीं बताया. उसे राजकुमार ने डराकर रखा था."

rtr22514_750x500_021519073908.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर. रॉयटर्स

बाद में पता चला. तो कविता की मां ने किसी तरह करके, 40 हजार रुपए जुटाए और राजकुमार को दिए. लक्ष्मी बताती हैं, "उन पैसों का उसने क्या किया, मुझे नहीं पता". इसके बाद भी कविता को परेशान करना कम नहीं हुआ. लक्ष्मी से ये सब देखा नहीं गया. वो कविता के ससुराल गईं. कविता को अपने साथ ले आया. लेकिन कविता के ससुर सतपाल ने कहा कि कविता को कुछ नहीं होगा. अगर कुछ होगा तो उसकी जिम्मेदारी, उनकी होगी. लक्ष्मी ने कविता को वापस ससुराल भेज दिया.

फिर 11 फरवरी 2019 के दिन लक्ष्मी को फोन आया. राजकुमार का. बताया कि कविता की तबीयत खराब है. अस्पताल में भर्ती है. जल्दी आ जाओ. लक्ष्मी ने पूछा कि आखिर कविता को हुआ क्या है, तब राजकुमार ने कुछ नहीं बताया. फिर कविता की मासी ने फोन पर कविता के ससुर सतपाल से बात की. सतपाल ने कहा, 'रात 12 बजे कविता ने फांसी लगा ली'. ये बात कविता की मासी ने उसकी मां को नहीं बताई. केवल इतना बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है.

वो लोग हड़बड़ी में काकरोला गांव के लिए निकल पड़े. रास्ते में राजकुमार के जीजा का कॉल लक्ष्मी को आया. जिसने उसे बताया कि कविता मर चुकी है. कविता के पैरेंट्स जैसे-तैसे अस्पताल पहुंचे. लक्ष्मी बताती हैं कि उन्हें शुरू में तो कविता का शव तक नहीं देखने दिया जा रहा था. बड़ी मुश्किल से उन्हें कविता का शव देखने दिया गया.

rtx5vd2o_750x500_021519074016.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर. रॉयटर्स

आत्महत्या या हत्या?

कविता के ससुराल वालों का कहना है कि उसने फांसी लगाई है. जबकि कविता की मां का ये कहना है कि उसे मारा गया है. उसकी हत्या हुई है, दहेज के लिए उसे परेशान किया जा रहा था. लक्ष्मी ने खेरकी धौला पुलिस स्टेशन में कविता के ससुराल वालों के खिलाफ दहेज हत्या के मामले में केस दर्ज करवाया है.

हमने ससुराल पक्ष से बात करने की कोशिश की. पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

हमने लक्ष्मी से जानना चाहा कि कविता की पर्सनल लाइफ में क्या और तकलीफें थीं. जो सुसाइड ट्रिगर कर सकें. पर लक्ष्मी ने बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने ये भी कहा कि उनकी बेटी की कोई तस्वीर उनके पास नहीं है. जो थीं, वो खो गई हैं.

कविता के केस में अभी तक किसी की गिरफ्तारी हुई है या नहीं, ये जानने के लिए हमने खेरकी थाना SHO को कॉल किया. तब पता चला कि राजकुमार की गिरफ्तारी हो गई है. हम इस मामले में पुलिस की तरफ से और भी ज्यादा जानकारी पाना चाहते थे. लेकिन SHO ने हमसे ये कहा कि वो अभी किसी और काम में बिजी हैं, इसलिए अभी बात नहीं कर सकते. हमने बाद में भी उन्हें कॉल लगाया, लेकिन उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया.

मामला दहेज हत्या का है, या आत्महत्या का, या दहेज प्रताड़ना से मजबूरन की गई ख़ुदकुशी का, ये अभी साफ़ नहीं है. बस इतना साफ़ है कि एक औरत, जो अभी 30 की भी नहीं थी, मर चुकी है.

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