इस तस्वीर को देखकर लोग दिशा पटानी के कैरेक्टर पर सवाल क्यों उठा रहे हैं?
दिशा को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है.

‘कैसी लड़की है? दो-दो लड़कों के साथ घूम रही है.’
‘बेशर्म, टाइगर को छोड़ कर आदित्य के साथ घूम रही है.’
ये बातें कुछ आंटियां पड़ोस में रहने वाली किसी लड़की के लिए नहीं कर रहीं. ये बातें कही जा रहीं है दिशा पटानी के लिए. वजह? हमें सबके पर्सनल मामलों में टांग अड़ाने की आदत जो है. अब हुआ क्या?
कुछ दिन पहले दिशा अपने एक दोस्त के साथ बाहर खाना खाने आईं. ये दोस्त कौन था? आदित्य ठाकरे. वो शिवसेना के लीडर उद्धव ठाकरे के बेटे हैं. दिशा और आदित्य अच्छे दोस्त हैं. जब दोनों खाना खा के रेस्टॉरेंट के बाहर निकल रहे थे तो कुछ लोगों ने उनकी तस्वीरें खींच लीं. फिर ये तस्वीरें डाल दी सोशल मीडिया पर. बस फिर क्या था. लोग लग गए दिशा को गालियां देने में. भद्दे-भद्दे कमेंट्स किए गए. उन्हें दिक्कत थी कि टाइगर श्रॉफ के रहते दिशा किसी ‘पराए मर्द’ के साथ बाहर घूमने कैसे चली गईं! शेम-शेम...
आदित्य और दिशा काफ़ी अच्छे दोस्त हैं. अक्सर खाना खाने साथ में जाते हैं. (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
दरअसल दिशा और टाइगर श्रॉफ रिलेशनशिप में हैं. अब लोगों को ये दिक्कत है कि ज़िंदगी में एक लड़के के होते हुए, दिशा किसी और लड़के के साथ कैसे दिख गईं. लोगों ने उनके कैरेक्टर पर सवाल उठाए.
यार, अव्वल तो किसी को मतलब होना नहीं चाहिए. दूसरा ख़ुद पढ़ लीजिए दिशा ने क्या कहा:
“भई, आप लंच या डिनर पर अपने दोस्तों के साथ नहीं जा सकते क्या? हम दोस्त लड़का या लड़की देखकर नहीं बनाते. आप उनका जेंडर देखकर दोस्ती नहीं करते. ज़रूरी है क्या कि मैं सिर्फ़ लड़कियों से दोस्ती करूं?”
सही बात है. पर दुनियाभर में जो कीड़ा फैला हुआ है कि लड़का-लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते, उसने कई दोस्तियां तुड़वाई हैं. और इस बेहुदी सोच को हवा दी फ़िल्मों ने. यहां बात सिर्फ़ दिशा की नहीं है. ये हम सबकी दुखती रग है.
एक लड़के के साथ दिख जाओ तो अड़ोस-पड़ोस वाले कैरेक्टर की धज्जियां उड़ा देते हैं. ऑफिस में किसी लड़के से अच्छी दोस्ती हो जाए तो एक साल तक लोगों को गॉसिप का टॉपिक मिल जाता है. ‘ज़रूर साथ में सोते होंगे’ यही बात सबसे पहले दिमाग में आती है न?
एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. (फ़ोटो कर्टसी: YouTube)
दिशा के बारे में पढ़कर हमने अपने आसपास की कुछ दोस्तों से बात की. उन सबके साथ कम से कम ऐसा एक एक्सपीरियंस ऐसा तो उनके साथ भी हुआ होता है.
-अब 25 साल की विशु (नाम बदल दिया गया है) को ले लीजिए. उसने बताया:
“कॉलेज में मेरा बेस्ट फ्रेंड था. हम सब शेयर करते थे. ज़्यादातर समय साथ में रहते थे. लोगों को इससे दिक्कत होने लगी. उन्होंने मेरे कैरेक्टर पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. कहा कि क्योंकि मैं सिर्फ़ लड़कों से दोस्ती करती हूं मैं एक बुरी लड़की हूं. एक वक़्त आया कि इन दिल दुखाने वाली बातों ने हमारी दोस्ती ही तोड़ दी.”
-28 साल की वंदना (नाम बदल दिया गया है) कहती हैं:
“मेरे पिछले ऑफिस में मेरा एक दोस्त था. उस वक़्त मैं घर ढूंढ रही थी. वो मेरी मदद कर रहा था. ऑफिस में लोगों ने बातें बनानी शुरू कर दीं. गॉसिप करना शुरू कर दिया. सब बोलते कि हम साथ में रहने वाले हैं. मैंने उससे दूरी बना ली.”
-30 साल की प्रिया (नाम बदल दिया गया है) का एक्स्पेरिंस भी कुछ ऐसा ही है.
वो कहती है:
“मेरी शादी हो चुकी है. मेरा एक दोस्त है. बहुत अच्छा. हम सारी प्रोब्लम्स आपस में शेयर करते हैं. पर हाल-फ़िलहाल में लोगों ने मुझसे पूछना शुरू कर दिया कि क्या हम साथ में सो रहे हैं? कुछ लोगों को हमारी दोस्ती से दिक्कत है. मुझे उनके ये सवाल बहुत बुरे लगते हैं.”
-25 साल की प्रेरणा कहती हैं:
“मेरे बहुत सारे दोस्त हैं. उनमें से कई लड़के भी हैं. सब मुझे यही कहते हैं कि लड़का-लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. इतने लड़कों से घिरी रहती हो. अब मैं अगर उनकी सुनने लगी तो मेरी दोस्ती ही टूट जाएगी.”
सही कहा प्रेरणा ने. क्योंकि दोस्ती का मतलब सिर्फ़ साथ में मस्ती करना नहीं होता. अब एक दूसरे की ताकत भी होते हैं. इमोशनली अटैच होते हैं. पर जब आपके आसपास वाले आपके कैरेक्टर पर सवाल उठाते हैं तो आपको बुरा लगता है. कभी-कभी ये आपके और आपके परिवार के लिए दिक्कतें खड़ी कर देता है. इतनी कि आपको उस दोस्त से दूरी बनानी पड़ती है. नतीजा? आप एक दोस्त खो देती हैं. वो कमी आपको खलती है. किसी को उससे क्या मतलब. वो ज़हर उगलकर निकल चुके हैं.
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