दामाद दलित था, इसलिए उसे तलवार, छड़ों, छुरी, डंडों से हमला कर जान से मार डाला

और प्रेगनेंट बेटी पर क्या बीतेगी, ये नहीं सोचा.

25 साल का हरेश. अपनी पत्नी उर्मिला के मायके गया था. ताकि उसे वापस ला सके. उसे उसके ससुरालवालों ने, यानी उर्मिला के मां-बाप ने मौत के घाट उतार दिया.

क्योंकि हरेश दलित था.

उसके ससुराल वाले गुजरात की 'अगड़ी' जाति दरबार के थे. उन्हें पसंद नहीं था कि उनकी बेटी ने एक तथाकथित नीची जाति के लड़के से शादी कर ली. उर्मिला प्रेग्नेंट थी जब उसके मायके वाले उसे ले आए. हरेश चाहता था कि वो वापस आ जाए. इसलिए वहां गया. पर लौटा नहीं.

गुजरात के अहमदाबाद की खबर है. सोमवार की रात को हरेश सोलंकी अपनी ससुराल यानी पत्नी के घर गया. मंडल तालुका में वारमोर नाम का गांव है. वहीं पर. अकेले नहीं गया. अभयम टीम के साथ गया. अभयम टीम सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली वो सुविधा है जो महिलाओं को काउन्सलिंग देने का काम करती है. हरेश ने उनको मामला बताया. वो उसके साथ गए. भाविका नाम की काउंसलर उसके साथ गईं.

depression-3-mos_071019020749.jpgउर्मिला को उसके घरवाले वापस नहीं आने दे रहे थे. केतिक तस्वीर: पिक्साबे

डीएसपी पी डी मानवर (SC/ST सेल) ने कहा कि जब दो महीने तक घरवालों ने उर्मिला को नहीं भेजा तब हरेश ने अभयम की मदद ली. उनकी गाड़ी में बैठा और उर्मिला के घर टीम गई. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ भाविका ने जो पुलिस कम्प्लेंट फ़ाइल की, उसमें लिखा-

'हरेश सरकारी गाड़ी की अगली सीट पर ड्राइवर के साथ बैठा हुआ था. दशरथसिंह (उर्मिला के पिता) और उर्मिला के साथ काउंसलिंग सेशन 7 बजे के आस-पास खत्म हुआ. जब हम घर से निकले और गाड़ी के पास पहुंचे तो दशरथसिंह के साथ आठ लोग वहां आए. हरेश को गाड़ी से बाहर निकलने पर मजबूर किया. और उस पर तलवारों, छुरियों, डंडों और छड़ों से हमला कर दिया. अभयम टीम पर भी हमला हुआ. हमने फ़ौरन पुलिस को मदद के लिए फोन किया.'

हरेश और उर्मिला कड़ी में मिले थे, जो मेहसाणा जिले में पड़ता है. हरेश एक बॉयज हॉस्टल में रहता था, और उर्मिला एक गर्ल्स कॉलेज में पढ़ती थी. वो भी हॉस्टल में रहती थी. वहीं कड़ी में दोनों की मुलाक़ात हुई और दोनों ने तय किया कि शादी कर लेंगे.

wed-8_071019020920.jpgदोनों ने शादी की, उर्मिला प्रेग्नेंट भी हुई, लेकिन उर्मिला के घरवालों ने इस शादी को नहीं माना. सांकेतिक तस्वीर: पिक्साबे

अहमदाबाद रूरल (विरमगाम) के एसीपी प्रवीण मीना ने कहा 'मर्डर के बाद पुलिस के आने से पहले ही पूरा परिवार गांव से निकल भागा. हमें ये लग रहा है कि विक्टिम की पत्नी को उसके मां-बाप और रिश्तेदार जबरन ले गए हैं और उसे नहीं पता था कि वो सोलंकी को मारने वाले थे.'

आठ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है. इसमें हरेश के सास ससुर भी शामिल हैं. लगने वाली धाराएं हैं 302 (हत्या), 341 (गलत तरीकों से कैद करना), 353 (किसी सरकारी व्यक्ति को उसकी ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए उस पर हमला करना या आपराधिक जोर का इस्तेमाल करना), 147 (दंगा फसाद करना), और SC/ST प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट.

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