'प्राडा' गाने ने एक बार फिर साबित किया कि लड़कियां निकम्मी, लालची, पैसे की भूखी हैं
और उन्हें अगर कुछ खरीदना हो तो पुरुष ही दिला सकते हैं.
आलिया भट्ट के पहले म्यूजिक एल्बम का Prada सॉन्ग आपने अबतक सुन लिया होगा. ये गाना यूट्युब से सोशल मीडिया तक लोगों को पसंद आ रहा है. गाने के वीडियो में आलिया भट्ट हैं. इसे लिखा, कंपोज किया और गाया है सिंगर-रैपर दूरबीन ने. उनके साथ फीमेल प्लेबैक सिंगर हैं श्रेया शर्मा. दूरबीन पंजाबी गाने 'लैम्बरगिनी' गाने से फेमस हुए थे.
प्राडा गाने का स्टिल.
गाने में दूरबीन रोमियोगीरी कर रहे हैं और आलिया उनके अपॉजिट हैं. लिरिक्स कुछ ऐसे हैं,
‘पहले वादा कर कि तुझे मेरे लिए प्राडा से कुछ खऱीदना होगा, नहीं तो मुझे दूर से ही देख, मैं किसी और से प्यार कर लूंगी’ और ‘चुपचाप मेरी बात मान, पेरिस से हील, अमेरिका से हैंडबैग और वर्ल्ड टूर कराना होगा, नहीं तो मैं गुस्सा हो जाऊंगी.’
मेल लिरिक्स,
‘तेरी आंखें खूबसूरत हैं, लेकिन मेरी तरफ नहीं देखती हैं. मेरे पास आकर हंस के दिखा, गुस्सा मत कर’ और ‘तू मेरी जेब खाली कर देती है, तेरी डिमांड बढ़ती जा रही है,’
तीन मिनट के इस गाने में इन्हीं लिरिक्स को तोड़मरोड़कर बार-बार दोहराया जाता है.
इसके बोल को सच मानें तो लड़कियां भूखी-नंगी होती हैं. लिटरली. पुरुष पर डिपेंड होती हैं. उनमें अपने शौक पूरे करने की क्षमता नहीं होती. उन्हें प्राडा से चीजें सिर्फ लड़का दिलवा सकता है. अपने प्रेमियों से लड़कियों की खूब सारे खर्च और शौक की डिमांड होती है. जिसे प्रेमी को पूरा करना ही होता है. उनके खर्च पूरे करने के बदले उन्हें गोद में बिठाया जा सकता है. उन्हें प्यार और सेक्स के लिए भी कंविंस किया जा सकता है. बेसिकली ये एक डील की तरह है कि खर्च पूरे करने के बदले सेक्स.
प्राडा गाने में आलिया का लुक और डांस काफी पसंद किया जा रहा है.
एक दौर था. हनी सिंह का. उनके गानों और रैप में पर्याप्त घिनापन और सड़ांध मारता पुरुषवाद होता था. उन गानों में लड़की को किसी प्रॉपर्टी होती थी, जिसे खरीदा जा सकता है. गाड़ी की तरह ऑब्जेक्ट होती थी, जो फर्स्ट हैंड नहीं मिलती. पैसों के लिए लड़कों के पीछे दौड़ती है. ड्रग लेती है. पैसों के लिए होटल जाती है. गाली खाती है, पिटती है.
हनी सिंह के जमाने से प्राडा जैसे गाने एक ही मैसेज देते हैं. औरत कमतर होती है. निर्भर होती है. अपनी जरूरतों के बदले किसी भी हद तक जा सकती है. गंधैले पुरुषवाद से पनपने वाली ये सोच रैप के नाम पर किसी भी गाने के बीच में ठूंस दी जाती है.
प्राडा आलिया भट्टा का पहला म्यूजिक एल्बम है.
इस तरह के रैपर्स अपने के बचाव में अक्सर खुद को आम आदमी का सिंगर/रैपर बताते हैं. बहुत जमीनी बातों को गाकर कह देने का दावा करते हैं. कभी आम औरतों की भी सुन लेते तो जान पाते कि हजारों का प्राडा नहीं, उन्हें बस एक ऐसा जीवन चाहिए होता है जिसमें वो निडर होकर जी सकें.
खैर, गाना यहां मौजूद है. चाहें तो देख सकते हैं. क्योंकि देखा तो कुछ भी जा सकता है. कुछ भी. बस इतना याद रखिए कि
हम 21वीं सदी में हैं. और साल 2019 चल रहा है.
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