ट्रांसजेंडर्स को भी यौन शोषण की शिकायत करने का पूरा हक है

पुलिस ने एक ट्रांसजेंडर का केस दर्ज करने से मना कर दिया था.

लालिमा लालिमा
दिसंबर 29, 2018
प्रतीकात्मक तस्वीर. रॉयटर्स

दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक स्टूडेंट थी. नाम था रीना (नाम बदल दिया गया है). उसने हाई कोर्ट में एक याचिका/पेटिशन लगाई थी. जिसमें उसने ये बताया था, कि उसकी क्लास के कुछ लड़कों ने उसका यौन शोषण किया था. लेकिन जब वो उन लड़कों की शिकायत करने, पुलिस के पास पहुंची, तो उसकी शिकायत नहीं लिखी गई. पुलिस ने उससे ये कहा कि वो औरत नहीं है, इसलिए सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत दर्ज नहीं हो सकती.

स्टूडेंट ने याचिका में ये भी बताया, कि पुलिस ने उससे कहा था कि, इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) के सेक्शन 354-ए में सेक्सुअल हैरेसमेंट की बात की गई है, लेकिन उसमें केवल औरतों के साथ हुए यौन शोषण के बारे में कहा गया है, ट्रांसजेंडर्स के बारे में नहीं. ऐसे में केस दर्ज नहीं हो सकता.

rts1o5v9_122918032204.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर. रॉयटर्स

उसके बाद डीयू की वो स्टूडेंट दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गई. याचिका दायर की. जस्टिस एस. मृदुल और संगीता धींगरा सहगल की बेंच ने मामले पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट के नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (नालसा) मामले के फैसले पर बात की. और कहा कि सेक्शन 354-ए जेंडर न्यूट्रल है. यानी इस सेक्शन का किसी जेंडर से कोई लेना-देना नहीं है.

rtr2wzwp_122918032213.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर. रॉयटर्स

क्या है नालसा फैसला?

चार साल पहले, 15 अप्रैल 2014 में. सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था. नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में. यानी नालसा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया. जिसमें ट्रांसजेंडर्स को 'थर्ड जेंडर' की कैटेगरी में डाला गया था. और कहा गया था कि भारतीय संविधान के तहत ट्रांसजेंडर्स को भी हर वो अधिकार है, जो एक औरत और पुरुष को है.

rtx25z0i_122918032226.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर. रॉयटर्स

पुलिस ने कहा- दर्ज होगा यौन शोषण का केस

दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए, दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा, कि आखिर उन्होंने उस स्टूडेंट की शिकायत पर केस दर्ज क्यों नहीं किया? जिसके बाद पुलिस ने 17 दिसंबर को कोर्ट में जवाब दिया. कहा कि आईपीसी की धारा 354-ए के तहत ट्रांसजेंडर्स को यौन शोषण से बचाया जाएगा. आरोपी के खिलाफ केस दर्ज होगा.

खैर, फिलहाल तो 21 साल की डीयू की उस स्टूडेंट की शिकायत पर, एफआईआर दर्ज हो गई है. आरोपियों के खिलाफ राजौरी गार्डन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है. पुलिस ने जब मामला दर्ज किया, तो स्टूडेंट ने भी कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली.

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