दीपिका घिल्डियाल
deepika.ghildiyal@hzu.edu.in

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मेरी प्यारी बेटी आद्या! आज में तुमसे ये पांच वादे करती हूं

'मैं वादा करती हूं कि कभी भी अपनी किसी नाकाम हसरत का बोझ तुम पर नहीं डालूंगी.'

'मेरी बेटी थोड़ी अलग जरूर है, पर उस पर तरस मत खाओ'

'मैं भी तुम्हारी तरह एक आम मां हूं. और मैं तो खुद को बहुत कमज़ोर मां मानती हूं.'

कौन मां खुद को सुनने के लिए तैयार करती है कि उसका बच्चा 'नॉर्मल' नहीं है?

'सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि हमारे बच्चे के साथ कुछ बुरा होगा.'

मेरी प्यारी बेटी आद्या! तुम एक आम मां की ख़ास बेटी हो

'शुक्रिया वो सब सिखाने के लिए जो मैं स्कूल, कॉलेज जाकर नहीं सीख पायी.'

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