नक्सलियों के हमले में भाई शहीद हुआ,बहन ने उसी की बंदूक पर राखी बांध कर रक्षाबंधन मनाया

भाई की जगह पर पुलिस में हुई शामिल, नक्सलियों से बदला लेने की ठानी

अभिषेक कुमार अभिषेक कुमार
अगस्त 16, 2019
(फोटो साभार: ट्विटर)

15 अगस्त 2019 का दिन. दो खास मौके एक साथ मिल रहे थे. एक तरफ आजादी की 73वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया जा रहा था. वहीं दूसरी तरफ रक्षाबंधन भी मनाया जा रहा था. लेकिन कांस्टेबल कविता कौशल के लिए इस बार का रक्षाबंधन काफी अलग था. इस बार राखी बांधने के लिए उनके पास भाई की कलाई नहीं थी. उनके भाई राकेश कौशल 30 अक्टूबर 2018 को एक नक्सली हमले में शहीद हो गए थे.

कविता कौशल छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल हैं. इस रक्षाबंधन भी उन्होंने राखी बांधी. लेकिन भाई की कलाई पर नहीं बल्कि उसकी बंदूक पर. यह बंदूक पहले राकेश कौशल के नाम से अलॉट थी. चुनाव करवाने जा रहे पुलिस की गाड़ी पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर के इलाके में. इस हमले में दो पुलिसवालों के साथ-साथ दूरदर्शन का एक कैमरामैन भी शहीद हो गया था.

राकेश कौशल के शहीद होने के बाद उनकी जगह पर कविता को पुलिस की नौकरी मिली. उन्होंने अपने डिपार्टमेंट से गुजारिश की थी कि उन्हें भाई की बंदूक ही अलॉट की जाए. डिपार्टमेंट ने कविता की गुजारिश मान ली. इस रक्षाबंधन कविता ने अपने भाई की बंदूक को राखी बांधकर एक प्रण लिया है. नक्सलियों से अपने भाई की मौत का बदला लेने का.

कविता ने बताया,

"मुझे अपने भाई के स्थान पर छत्तीसगढ़ पुलिस में शामिल किया गया है. मैंने डिपार्टमेंट से अपने भाई की सर्विस गन अलॉट करने की रिक्वेस्ट की थी. नक्सली काफी डरपोक होते हैं. मैं दंतेश्वरी फाइटर्स में शामिल होकर अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहती हूं." 

दंतेश्वरी फाइटर्स क्या है?

दंतेश्वरी फाइटर्स महिला कमांडोज की बटालियन का नाम है. ये महिला फाइटर्स की पहली बटालियन है जिसे नक्सलियों से सीधे लोहा लेने के लिए उतारा गया है. इस बटालियन में समर्पण कर चुकी कई नक्सल महिलाएं भी शामिल हैं.

कविता कौशल फिलहाल ऑफिस वर्क करती हैं. लेकिन भाई का बदला लेने के लिए वो नक्सलियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

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