वाइफ स्वैपिंग का घिनौना सच: यौन संबंध के लिए दोस्त से पत्नी की अदला बदली करना
सेक्शुअल फ्रीडम के नाम पर प्रचलित इस ट्रेंड में क्या घटिया बात है.

एक पार्टी होती है. चुने हुए लोगों को बुलावा आता है. इनमें अधिकतर ऊंचे हाई प्रोफाइल स्टेटस वाले होते हैं. पार्टी हॉल के बाहर एक बोल रखा होता है. उसमें आने वाले अपनी अपनी कार की चाभियां डालते जाते हैं. पार्टी ख़त्म होने के बाद जब घर जाने का समय होता है तो उस बोल से लोग अपनी गाड़ी के बजाए किसी और की गाड़ी की चाभी उठाते हैं, और जिसकी वो गाड़ी होती है, उसकी पत्नी चाभी वाले इंसान के साथ जाती है उस रात के लिए.
जब पहली बार वाइफ स्वैपिंग के बारे में पढ़ा, तो ये उसी में मेंशन किए गए कई तरीकों में से एक था. इस तरह के कई तरीके अपनाए जाते हैं वाइफ स्वैपिंग के लिए.
क्या होती है वाइफ स्वैपिंग?
स्वैप करने का मतलब होता है अदला-बदली करना. वाइफ स्वैपिंग में या तो दो पुरुष या पुरुषों का समूह आपस में मिलकर अपनी पत्नियों की अदला बदली करता है. ये अधिकतर एक रात या दिन का अरेंजमेंट होता है. इसके बाद इसका ज़िक्र भी कोई नहीं करता. पहले एक हाई क्लास सोसाइटी का सीक्रेट मानी जाने वाली ये प्रैक्टिस अब मिडल क्लास तक भी पहुंच गई है. इसके बारे में ज्यादा जानकारी अवेलेबल नहीं है, सिवाय चंद ख़बरों के.
सांकेतिक तस्वीर: पिक्साबे
क्यों कर रहे हैं हम इसपर बात?
हाल में ही एक मामला सामने आया है जिसमें शकरपुर की रहने वाली महिला ने अपने पति और ससुरालवालों पर धमकी देने और अननैचरल सेक्स की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. औरत ने बताया कि उसके पति ने शराब पीकर अपने दोस्त से पत्नियां बदलने की बात की. इस मामले में नवभारत टाइम्स में छपी खबर के अनुसार लड़का-लड़की ने अपने परिवारवालों के खिलाफ जाकर 2008 में शादी कर ली थी. उसके बाद से दोनों के रिश्ते कुछ ठीक नहीं रहे. दोनों की एक सात साल की बेटी भी है.
शिकायत में महिला ने ये बताया है कि पति के दोस्त की उस पर बुरी नज़र थी. शराब पीकर उसने महिला के पति से पत्नियों की अदला बदली करने की बात की. इस पर तथाकथित रूप से उसके पति ने कहा कि तेरे लिए पत्नी तो क्या जान भी हाज़िर है.
पत्नियों को कमोडिटी यानी समान की तरह बदलने की ये मानसिकता इसी तरफ इशारा करती है कि किस तरह अभी भी औरतें एक पजेशन की तरह समझी जाती हैं.
सांकेतिक तस्वीर: पिक्साबे
वाइफ स्वैपिंग के मामले जो सामने आते हैं, वो इसी वजह से आ पाते हैं जब या तो उनमें कोई भसड़ हो जाती है, या फिर पत्नी खुद आकर शिकायत कर देती है. अब सवाल ये भी करते हैं लोग कि अगर पत्नियों की अदला बदली हो रही है, तो ज़ाहिर सी बात है बिना पत्नियों के शामिल हुए या उनकी सहमति के तो ये सब होगा नहीं. यहां पर एक बात ये भुला दी जाती है कि अक्सर इन पत्नियों के पास डिसीजन मेकिंग पॉवर नहीं होती. वो खुद के लिए निर्णय नहीं ले सकतीं, ना ही औरों के द्वारा इसमें सक्षम देखी जाती हैं. वाइफ स्वैपिंग के मामले हाई फाई सोसाइटीज़ में हों या फिर मुंबई की एक चॉल में, इसमें पत्नियों की हां ना के बराबर ही होती है, एकाध अपवादों को छोड़ दिया जाए तो. हाल में सामने आए मामले में तो पुलिस ने FIR लिख भी ली है, अधिकतर मामलों में तो शिकायत करने की भी कोई नहीं सोचता.
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे